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शरणार्थी संकट से खड़े होंगे नए सवाल

आज यह और अधिक स्पष्ट होता जा रहा है कि जिहादियों के अत्याचारी व अमानवीय दर्दनाक दिल हिला देने वाले कारनामों से मानवता किस प्रकार शर्मसार हो रही है । आज सारे विश्व को सीरिया-इराक से इस्लामिक स्टेट के भयावह संकटो से अपनी अपनी जान बचा कर भाग रहें निर्दोष लोगों को शरण देने वाले यूरोप आदि के देश तैयार हो रहें है पर भविष्य में धार्मिक कट्टरता का संकट वहां पर भी खड़ा हो सकता है इसके लिए उनका चिंता करना भी आवश्यक है । क्योकि विभिन्न धर्मो व संस्कृतियों वाले लोग कट्टर इस्लामी जिहादी विचारधारा से त्रस्त हो चुके है ? उनको अपने यहाँ मानवीय आधार पर शरण देने में कोई समस्या नहीं है पर यह कौन सुनिश्चित करेगा कि ये मुस्लिम देशो से आने वाले शरणार्थी वहां के लोगो से कब तक घुल मिल के रह पायेंगें व वहां के नियम कानून के अनुसार वे रह सकेंगें ?

क्या भविष्य में ये शरणार्थी शरण देने वाले देश में अपने मौलिक अधिकारों के अतिरिक्त वहां की नागरिकता के भी अधिकार नहीं मांगेंगे ? क्या उन देशो में होने वाले चुनावो में भी ये शरणार्थी अपनी अपनी जनसँख्या बढा कर वहां के मूल नागरिको व व्यवस्थाओ को प्रभावित नहीं करेंगें ? क्या ये युद्ध व जिहाद की हिंसा से पीड़ित होकर पलायन करके आने वाले अपनी अपनी धार्मिक आस्थाओ व मान्यताओं पर कोई समझौता करने को कभी तैयार होंगे ? क्या भविष्य में ये लोग शरण देने वाले देश में अपनी जिहादी महत्वकांक्षाओ के लिए अतिवादी बन कर दारुल इस्लाम के लिए सक्रिय हो जायें तो इसका दोष किस पर होगा ? क्या पलायन को विवश हो रहें इन पीड़ितों के माध्यम से किसी दूरगामी षड्यंत्र की आहट तो नहीं ?
इसके विपरीत सोचो कि क्या ये पलायन करने वाले लगभग सभी धर्मो के लोग क्या कभी इन हिंसक जिहादियों का विरोध व उनसे संघर्ष करने की मानसिकता अपनाएंगे ? काश मानवाधिकारवादी संगठन ऐसा कुछ उपाय करें जिससे पीड़ित समाज कम से कम भविष्य के प्रति चिंतित होकर अपनी आने वाली संतानों को इतना दुर्बल न करें कि फिर कभी उन्हें वहां से कही और पलायन करना पड़े ?
आज शरणार्थी समस्या से अनेक देश जूझ रहें है । हमारा भारत भी 1971 में बंग्ला देश से आये लगभग एक करोड़ शरणार्थियों के बाद व उसके उपरान्त भी घुसपैठ करके आने वाले उन बग्लादेशियों के जिनके अब लगभग 5 करोड़ हो जाने से भारी आर्थिक बोझ के साथ साथ आतंकवादी व आपराधिक कार्यो में लिप्त अधिकतर कट्टरपंथी लोगो से भी भारी संकट व उपरोक्त सभी समस्याओं का सामना कर रहा है।

विनोद कुमार सर्वोदय
नया गंज, गाज़ियाबाद