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किसी को भी जेल जाने के पहले कभी इतना आतुर नहीं देखा

सागर। सबकी धड़कने बढ़ गयी जब हमारे अनियत विहारी गुरुदेव ससंघ अचानक ही संत भवन से निकले … सब के मन में कौतुहल कि क्या हो रहा है … पहले लगा शायद अस्पताल के निरीक्षण के लिए जा रहे हैं लेकिन जब भाग्योदय के प्रमुख प्रवेश द्वार के बाहर निकले तो सबकी दृदय गति में अचानक ही तेज़ संचार हो गया … किसी को कुछ नहीं पता …. सारे शहर में ये खबर आग की तरह फैल गयी कि गुरूजी का भाग्योदय से विहार हो गया… क्या…???

लेकिन शनैः शनैः स्पष्ट हुआ कि गुरुदेव जेल जा रहे हैं गए हैं आदरणीया रेखा दीदी (पूर्व डीएसपी) की देख रेख में उनके निर्देशन में पल्लवित हो रहे भव्य हथकरघा केंद्र जिसका नाम बड़े बड़े अक्षरों में जेल में अंकित है *आचार्य विद्यासागर हाथकरघा एवं कालीन प्रशिक्षण केंद्र, केंद्रीय जेल सागर* का निरीक्षण करने जा रहे हैं … और भक्तजन रास्तो का पता करते करते गुरुदेव के संग विहार में शामिल होने लगे …। जेल के बाहर हजारों की संख्या में भक्तो का समूह एकत्रित हो गया और जेल के अन्दर जाने की जद्दोजहद करने लगे तब एक सज्जन ने कहा कि भाई *लोगो को जेल आने के लिए इतना आतुर तो कभी नहीं देखा … लेकिन गुरूजी नए श्रमजीवियों के ऊपर कृपा बरसाने गए है और अपना आशीष लुटाकर वापिस भाग्योदय पहुँच गए ।

 

 

इसके साथ ही भक्तों के मन में सवाल जग रहे थे कि अभी तो गुरु जी के स्वास्थ्य में थोडा सुधार हुआ है और गुरूजी फिर इतना लंबा पद विहार कर गए … लेकिन उनसे पूछे कौन … लेकिन फिर लगा जेल में बंद नए श्रमजीवी भी तो अपने परम उपकारी गुरुदेव के दर्शन के अभिलाषी हैं तो… गुरुभक्तों की मुराद गुरूजी ही तो पूरी करेंगे …।_

पावन वो धरा जहाँ ऐसे संत हो, साक्षात् भगवंत सदा जयवंत हो

कौन हैं रेखा जैन
सुश्री रेखा जैन मध्य प्रदेश पुलिस की सेवा में थी और डीएसपी के पद पर कार्यरत थी उनकी सेवा के अभी 16 वर्ष बाकी थे और शीघ्र पदोन्नति होने वाली थी परंतु परम पूजनीय गुरुदेव आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज की प्रेरणा मिली, आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत धारण करने वाली रेखा दीदी बंदियों के सुधार में लग गई है और इस तरह सागर केंद्रीय कारागार में अहिंसक हथकरघा प्रशिक्षण केंद्र की योजना बनी और उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली