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अब डिब्बा बोलेगा, आपका स्टेशन आ गया

रात में ट्रेन से सफर करते समय अक्सर यात्रियों को अपना स्टेशन आने के समय को लेकर चिंता रहती है। चिंता इस बात की कि कहीं नींद लग जाए और उनका स्टेशन गुजर जाए तो मुसीबत आ जाएगी, लेकिन अब ट्रेन यात्रियों को इसकी चिंता नहीं रहेगी क्योंकि अब ट्रेन का डिब्बा खुद ही यात्रियों को उनके स्टेशन के आने की जानकारी बोलकर देगा। इतना ही नहीं, यात्रियों को अब ट्रेन के डिब्बों में पानी खत्म होने की शिकायत भी नहीं होगी क्योंकि किसी भी डिब्बे में पानी की मात्रा कम होने पर डिब्बे में लगा स्मार्ट डिस्प्ले इसकी जानकारी दे देगा। इसकी जानकारी रख-रखाव टीम को भी हो जाएगी। यह सब संभव हुआ है रेलवे में स्मार्ट डिब्बों को लगाने की योजना से जिसकी शुरुआत मंगलवार को दिल्ली के सफदर जंग रेलवे स्टेशन से हुई है। हालांकि अभी यह शुरुआत है, लेकिन रेलवे शीघ्र ही ऐसे 100 स्मार्ट कोच बनाएगा। इन स्मार्ट रेलवे कोच को रायबरेली में बनाया गया है।

रेलवे के एक अधिकारी कुलतार सिंह के मुताबिक ये कोच एलएचबी प्लेटफॉर्म पर निर्मित किए गए हैं। इनमें सिंगल विंडो में कोच से संबंधित सारी सेवाओं की जानकारी इलेक्ट्रॉनिक रुप में दे दी गई है। इन स्मार्ट कोच के एक्सल पर सेंसर लगाए गए हैं जो ट्रैक के किसी जगह पर खराबी आने की सूचना दे सकेंगे। इतना ही नहीं, कोच में बैठे यात्री यह भी देख सकेंगे कि ट्रेन इस समय किस रफ्तार में दौड़ रही है। कुलतार सिंह के मुताबिक यह सब औद्योगिक ग्रेड कंप्यूटर की तकनीकी के अपनाए जाने से संभव हुआ है। इस तकनीकी के माध्यम से रेलवे को इन कोचों की रखरखाव, सुरक्षा और सेवा को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। इस तकनीकी के माध्यम से एयर कंडिशनिंग सिस्टम में खराबी आने, डिस्क ब्रेक फेल होने, आग लगने जैसी दुर्घटना की सूचना देने और किसी स्टेशन के आने में अपेक्षित समय बताने में मदद मिलेगी। तकनीकी सही से काम करे, इसके लिए इसे ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम के साथ जीएसएम तकनीकी से भी जोड़ा गया है।

रेलवे ने इसके पहले भी यात्रियों को एसएमएस के जरिए उनके गंतव्य की जानकारी देने की योजना की बात कर चुका है। लेकिन अभी तक यह योजना सामान्य रुप से सभी यात्रियों को उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। भारत में ट्रेन दुर्घटनाओं में होने वाले नुकसान को न्यूनतम करने के लिए सभी कोचों को एलएचबी से बनाने के बारे में भी बहुत चर्चा हुई है, लेकिन अभी तक यह योजना साकार नहीं हो सकी है। ऐसे में यह योजना कितना जमीन पर उतर पाती है, इस पर हर ट्रेन यात्री की नजर रहेगी।