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परिंदो को नीड़ का महत्व समझा गया 2020

2020 सिर्फ़ व्यक्ति ही नही मानवता के इतिहास में अविस्मरणीय साल बन गया है । मनुष्य और मनुष्यता के सामने ये अनेक चुनौतियाँ लेकर आया । साथ ही अनेक अवसर भी । शारीरिक ,आर्थिक और मानसिक चुनौतियाँ इसके पूर्व एक साथ इतनी अधिक शायद ही मनुष्यता ने कभी देखी हों । यह साल हर क्षेत्र में अनेक बातें सिखा गया । जब हमें कम संसाधनो के जीना पड़ा ,इससे एक बात और बहुत अच्छी हुई । वह यह की हमें पता चला की हम कितने संसाधनों का व्यर्थ उपयोग कर रहे थे ।ऐसे कितने निरर्थक क्रिया कलाप हमने जीवन में जोड़ रखे थे जो अनावश्यक थे । जिनमे हमारे आर्थिक संसाधनों का भी बेज़ा प्रयोग हो रहा था ।

हमने जाना कि हम कई कार्यों को किए बिना भी प्रसन्न रह सकते है । निश्चित ही जब सब कुछ ठीक हो जाएगा तब भी हम उस तरह के अपव्यय से बच सकेगे ।2020 ने हमारे धैर्य और संयम की परीक्षा ली । ये हमें यह सिखा गया कि श्रेष्ठ मानवीय मूल्य कभी भी निरर्थक नही होते । गौर करके देखें तो अच्छे मानवीय मूल्यों ने इस आपदा में मनुष्य के लिए शक्ति का कार्य किया । वे लोग ज़्यादा आसानी से संकट का सामना कर सके जो व्यसन , फ़िज़ूलखर्ची आदि से दूर थे । इस वर्ष ने हमें सिखाया की ज़िंदगी में अच्छे मित्रों और सम्बन्धियों की क्या भूमिका है । सोशल मीडिया पर पाँच हज़ार मित्रों के होने से ज़्यादा अच्छा है कि आप के घर के आसपास के पाँच घरों में आप की मित्रता हो , आप के परिवार के लोग आप को सच में पहचाने ।आप परिवार के और परिवार आप के प्रति संवेदनशील हो ।यह वर्ष काल्पनिक जीवन की निरर्थकता और वास्तविक जीवन की सार्थकता के अंतर को साफ़ साफ़ समझा गया । सानिध्य में रहने से माता पिता बच्चों को समझ पाए । वही बच्चे माता पिता को समझ सके । इससे आपसी पारिवारिक स्नेह स्थापित हुआ । कुल मिला कर ये साल परिंदो को नीड़ का महत्व समझा गया । भौतिकता और पूँजीवाद की चपेट में हम जो जीवन की क्षणभंगुरता भूल गये थे वो यह साल याद दिला गया । जीवन , समय और संसाधनों के अधिकतम उपयोग की बजाय श्रेष्ठतम उपयोग का जो सबक इस साल ने दिया वो १०० पुस्तकों को पढ़ने पर भी नही मिलता । इस वर्ष ने ये सिखाया की मनुष्य की आवश्यकता के लिए ईश्वर के पास सब है परंतु उसकी उसकी लालच के लिए कुछ नहीं ।

यह साल प्रकृति के लिए वरदान साबित हुआ । सरकारें दशकों के प्रयास और करोड़ों के खर्च से प्रकृति संरक्षण के जो काम नही कर पा रही थी वो समय की एक करवट ने कर दिए । जिन नदियों में गंदा काला पानी बहता था उनमें तल की रंगीन मछलियाँ तट से दिखने लगी थी । कई किलोमीटर दूर से पर्वत शृंखलाए दिख रही थी जैसे शून्य से प्रगट हुई हो । ऐसे ऐसे प्राणी प्रगट हुए कि जिन्हें हम भूल ही गए थे । अनेक चिड़ियाएँ चहकने लगी । 2020 हमें हमारे वातावरण के प्रति दायित्व का बोध करा गया । यह बता गया की जीवन के अविरल प्रवाह में अल्पविराम का कितना महत्व है जिससे जीवन पूर्णविराम से बच सके ।

2020 ने हमें हमारे शौक़ पूरे करने का अवसर तो दिया ही साथ ही उनका हमारे जीवन में उनका महत्व भी स्थापित किया ।व्यक्तित्व के विकास का अनोखा अवसर ये वर्ष ले कर के आया । जीवन की आपाधापी में जो बातें या विधाएँ हमसे परे रह गयी थी उनको सीखने का अवसर दिया । स्वावलबंन की कितनी शक्ति है ये पता चला जब अपने के सब काम स्वयं करना पड़े ।

मुझे तो लगता है 2020 एक अवसर ही था । 2021 में हमें सिर्फ़ 2020 से मिली शिक्षाओं को याद रख कर उनका प्रयोग दैनिक जीवन में करना चाहिए । ये साल क्षणिक वैराग्य साबित न हो । हमें धैर्य और संयम के साथ विश्वास का परिचय भी देना है । विश्वास ये की ईश्वर कभी भी इतनी कठिन परीक्षा नहीं लेता की मनुष्य टूट ही जाए । ईश्वर जो भी आप से लेता है वो कई गुना कर के लौटाता है । एक दाना लेकर धरती हज़ारों दाने वापिस देती है ।2020 में हमारे जीवन में धन , यश या आनंद प्रमोद की जो भी हानि हुई है ईश्वर हमें ब्याज सहित वापस करेगा । 2021 में इसी के लिए हमें हमारे सात्विक प्रयास जारी रखना है ।