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प्रखर श्रीवास्तव की पुस्तक ‘हे राम: गांधी हत्याकांड की प्रामाणिक पड़ताल’ कई रहस्यों से परदा उठाती है

वरिष्ठ पत्रकार और ‘दूरदर्शन’ में सीनियर कंसल्टिंग एडिटर प्रखर श्रीवास्तव की किताब ‘हे राम: गांधी हत्याकांड की प्रामाणिक पड़ताल’ ने मार्केट में दस्तक दे दी है। इस किताब का विमोचन 28 जनवरी 2023 को दिल्ली स्थित ‘इंडिया इंटरनेशनल सेंटर’ (IIC) में हुआ।

महात्मा गांधी की पुण्यतिथि यानी 30 जनवरी से ठीक पहले आई इस किताब में इतिहास में छिपे ढेरों तथ्यों को उजागर किया गया है। ‘हे राम’ में प्रखर श्रीवास्तव ने लगभग दो दशक के अपने शोध के बाद गांधी हत्याकांड से जुड़ी परिस्थितियों और घटनाक्रम का विस्तार से वर्णन किया है।

बुक लॉन्चिंग के मौके पर एक परिचर्चा का आयोजन भी किया गया, जिसमें प्रसिद्ध इतिहासकार मीनाक्षी जैन, पराग टोपे और लेखिका मनीषा कुलश्रेष्ठ ने भाग लिया। कार्यक्रम में समाजसेवी रघु हरि डालमिया, फिल्मकार सविता राज हिरेमठ, वरिष्ठ टीवी पत्रकार दीपक चौरसिया और सुमित अवस्थी ने भी भागीदारी की।

तमाम प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अपनी भूमिका निभा चुके और इस किताब के लेखक प्रखर श्रीवास्तव ने विमोचन कार्यक्रम में कहा, ‘एक पत्रकार के रूप में गांधी हत्याकांड पर शोध के दौरान मेरे हाथ कई ऐसे तथ्य लगे, जिनके बारे में मैंने पहली बार सुना था। इतिहास की पुस्तकें भी उस पर मौन हैं। कोई भी बड़ी घटना होती है तो उसके कुछ सबक होते हैं। दुर्भाग्य से गांधी हत्याकांड से कोई सबक सीखने का प्रयास नहीं किया गया। वो सबक क्या थे और कैसे वो आज भी हमारे देश और समाज में उथल-पुथल मचाए हुए हैं, इस बारे में मैंने अपनी किताब में बात की है।’

इतिहासकार मीनाक्षी जैन का कहना था, ‘ऐसा जताया जाता है कि हिंदू-मुस्लिम संघर्ष स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान ही आरंभ हुआ, जबकि इसके ढेरों साक्ष्य 500 वर्ष पुराने मध्यकालीन इतिहास में भी मिलते हैं। जब हम इस सत्य से आंख मूंद लेते हैं तो कई समस्याएं पैदा होती हैं। विभाजन से लेकर आज तक ढेरों समस्याओं की जड़ में यही मूल कारण है।’ इसके साथ ही उन्होंने बधाई दी कि इतिहास लेखन में नए-नए क्षेत्रों के लोग जुड़ रहे हैं। वे उन संदर्भों और साक्ष्यों को सामने ला रहे हैं, जिन्हें राजनीतिक उद्देश्यों से छिपाया जाता रहा है। मीनाक्षी जैन ने कहा, ‘मैं प्रखर के काम को लंबे समय से देख रही हूं। मैंने उनके कई व्याख्यान सुने और पाया कि अपने विषय पर जिस तरह का शोध वे कर रहे हैं, वह अत्यंत दुर्लभ है। इस किताब में भारत के विभाजन के समय के पत्रों, डायरी और संस्मरणों को आधार बनाया गया है। इतिहास को देखने का यही तर्कसंगत दृष्टिकोण है।’

वहीं, 1857 के स्वतंत्रता संग्राम पर पुस्तक ‘ऑपरेशन रेटलोटस’ लिखने वाले पराग टोपे ने कहा, ‘पश्चिमी समाजों में इतिहास एक राजनीतिक हथियार के रूप में प्रयोग किया जाता रहा है। वैसा ही हमारे देश में भी दोहराने का प्रयास हुआ। हमारा समाज अपने इतिहास को कथा, कहानियों और लोकोक्तियों में सहेज कर रखता है।’

साहित्यकार और लेखिका मनीषा कुलश्रेष्ठ ने कहा कि साहित्य से लेकर इतिहास और विविध विषयों पर हिंदी में अच्छे लेखक मौजूद हैं, बस उन्हें प्रकाशक के सहयोग की आवश्यकता है। उनका कहना था कि हिंदी में पुस्तक लेखन का बहुत ही उज्ज्वल भविष्य है।

‘हे राम: गांधी हत्याकांड की प्रामाणिक पड़ताल’ किताब को ‘जनसभा’ प्रकाशन ने प्रकाशित की है। यह प्रखर श्रीवास्तव की पहली किताब है और इसे उन्होंने दो खंडों में लिखा है। दोनों खंड इसी किताब में समाहित हैं। ‘अमेजॉन’ (Amazon) के अलावा इस किताब को पब्लिशर की वेबसाइट https://jansabha.org/ व अन्य प्रमुख बुक स्टोर्स से भी प्राप्त किया जा सकता है।

साभार –https://www.samachar4media.com/ से