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भारतीय गुणवत्ता परिषद ने हाइजीन रेटिंग ऑडिट एजेंसियों के लिए मान्‍यता योजना की शुरुआत की

नई दिल्ली। भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्‍यूसीआई) एफएसएसएआई की ओर से देश में मान्‍यता प्राप्‍त हाइजीन रेटिंग ऑडिट एजेंसियों की संख्‍या में वृद्धि करके हाइजीन रेटिंग बढ़ाने के लिए हाइजीन रेटिंग ऑडिट एजेंसियों के अनुमोदन की योजना के साथ आगे आई है। इस योजना का विवरण क्‍यूसीआई की वेबसाइट पर उपलब्‍ध है।

एफएसएसएआई की फूड हाइजीन रेटिंग योजना की पहल अपने परिसर या उससे बाहर उपभोक्‍ताओं को सीधे खाद्य पदार्थों की आपूर्ति के व्‍यापार के लिए प्रमाणन प्रणाली की योजना है। खाद्य प्रतिष्‍ठानों का ऑडिट के समय खाने की स्‍वच्‍छता और सुरक्षा की स्थितियों के आधार पर मूल्‍यांकन किया जाता है। स्‍वच्‍छता रेटिंग स्‍माइली (1 से 5 तक) के रूप में होगी और इसे उपभोक्‍ता को दिखाई देने वाले स्‍थान में प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाना चाहिए। मान्‍यता प्राप्‍त हाइजीन रेटिंग ऑडिट एजेंसियां एफएसएसएआई द्वारा निर्धारित खाद्य स्‍वच्‍छता और सुरक्षा प्रक्रियाओं के अनुपालन की पुष्टि करने और स्‍वच्‍छता रेटिंग पाने के लिए जिम्‍मेदार होंगी।

इस योजना का उद्देश्‍य स्‍वच्‍छता और सुरक्षा मानकों में सुधार लाने के लिए खाने-पीने के व्‍यवसायों को प्रोत्‍साहित करके वे जिन खाद्य दुकानों में खाते हैं उनके संबंध में अवगत विकल्‍प और निर्णय करने की अनुमति प्रदान करना है। वर्तमान में यह योजना खाद्य सेवा प्रतिष्‍ठानों जैसे होटल, रेस्‍टोरेंट, कैफे‍टेरिया और ढाबों, मिठाई की दुकानों, बेकरी और मांस की खुदरा दुकानों के लिए लागू है। मान्‍यता प्राप्‍त हाइजीन रेटिंग ऑडिट एजेंसी खाद्य पदार्थों की स्‍वच्‍छता और प्रक्रियाओं के बारे में एफएसएसएआई द्वारा निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुपालन की पुष्टि करेगी।

एफएसएसएआई के सीईओ श्री अरुण सिंघल ने कहा कि हाइजीन रेटिंग योजना उपभोक्‍ताओं में जागरूकता पैदा करने और खाद्य व्‍यापार ऑपरेटरों के बीच स्‍वत: अनुपालन की संस्‍कृति विकसित करने में सहायक हो सकती है। इससे खाद्य आपूर्ति की गुणवत्ता में सुधार के साथ-साथ खाने की मांग में भी बढ़ोतरी होगी। उन्‍होंने सभी पात्र खाद्य व्‍यवसायों से अपने परिसरों में हाइजीन रेटिंग योजना लागू करने का अनुरोध किया।

क्‍यूसीआई के अध्‍यक्ष श्री आदिल जैनुलभाई ने इस बात पर जोर दिया कि हाइजीन रेटिंग और इसकी मान्‍यता योजना एफएसएसएआई और क्‍यूसीआई की एक उत्‍कृष्‍ट पहल है। इससे भारतीय उपभोक्‍ता और खाद्य सेवा ऑपरेटरों के विश्‍वास में सुधार लाने के साथ-साथ खाने की गुणवत्ता सुधारने में भी मदद मिलेगी। इस प्रकार के मानकों और अनुपालन मूल्‍यांकन से हमेशा खाद्य सेवा दुकानों के लिए बेहतर मांग तथा उपभोक्‍ताओं के लिए बेहतर आत्‍मविश्‍वास को बढ़ावा मिलता है। उन्‍होंने इस योजना की सफलता की कामना की।

क्‍यूसीआई के महासचिव डॉ. आर. पी. सिंह ने यह उल्‍लेख किया कि खाद्य स्‍वच्‍छता और सुरक्षा देश में विशेष रूप से कोविड महामारी के दौरान स्‍वच्‍छता की चिंताओं के बारे में उपभोक्‍ताओं की जागरूकता के कारण एफएसएसएआई और क्‍यूसीआई की एक महत्‍वपूर्ण पहल है। इस पहल के आगे बढ़ने से उपभोक्‍ताओं को निश्चित रूप से उचित आउटलेट चुनने में मदद मिलेगी और इससे उन्‍हें अपने ब्रांड का विश्‍वास कायम करने और इस बढ़ते हुए क्षेत्र में अपनी दृश्‍यता में सुधार लाने में प्रोत्‍साहन मिलेगा।