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पश्चिम रेलवे की ‘रेल दर्पण’ को फिर मिला सर्वश्रेष्ठ गृह पत्रिका का प्रतिष्ठित पुरस्कार

मुंबई। देश की प्रमुख साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था ‘आशीर्वाद’ के 20 सितम्बर, 2019 को सम्पन्न 28 वें वार्षिक राजभाषा पुरस्कार महोत्सव के अंतर्गत आयोजित 17 वें श्रेष्ठ गृह पत्रिका पुरस्कार समारोह में पश्चिम रेलवे की लोकप्रिय गृह पत्रिका ‘रेल दर्पण’ हेतु घोषित सर्वश्रेष्ठ गृह पत्रिका के प्रतिष्ठित पुरस्कार पर कब्जा करके पश्चिम रेलवे ने एक बार फिर अपनी सृजनात्मक श्रेष्ठता साबित की है। इस समारोह में पश्चिम रेलवे को राजभाषा के प्रचार-प्रसार के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए भी प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

ये पुरस्कार ‘आशीर्वाद’ संस्था द्वारा मुंबई स्थित केन्द्रीय सरकारी कार्यालयों, सार्वजनिक उपक्रमों और राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा प्रकाशित की जाने वाली श्रेष्ठ गृह पत्रिकाओं को राजभाषा के क्षेत्र में रचनात्मक उत्कृष्टता के लिए हर वर्ष प्रदान किये जाते हैं। पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक श्री ए. के. गुप्ता ने इस उल्लेखनीय उपलब्धि पर ‘रेल दर्पण’ के प्रधान सम्पादक एवं पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री रविंद्र भाकर और उनकी समूची टीम को तथा राजभाषा में उत्कृष्ट कार्य के लिए पश्चिम रेलवे के उप महाप्रबंधक (राजभाषा) डॉ. सुशील कुमार शर्मा एवं उनकी समस्त टीम को हार्दिक बधाई दी है।

‘रेल दर्पण’ को मिला महत्त्वपूर्ण पुरस्कार पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी एवं ‘रेल दर्पण’ के प्रधान सम्पादक श्री रविंद्र भाकर ने ‘रेल दर्पण’ पत्रिका के वरिष्ठ कार्यकारी सम्पादक श्री गजानन महतपुरकर, कार्यकारी सम्पादक श्री सी. नितिन कुमार डेविड, श्री होरमज़ मोहता एवं श्री सुनील सिंह तथा उप सम्पादक श्री अनुभव सक्सेना के साथ सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. सूर्यबाला और नवभारत टाइम्स के पूर्व सम्पादक श्री विश्वनाथ सचदेव के हाथों प्राप्त किया। अपनी उत्कृष्ट सम्पादन शैली, सुरुचिपूर्ण एवं पठनीय सामग्री, आकर्षक साज-सज्जा, दिग्गज कवियों और शायरों की खास काव्य रचनाओं, सुप्रसिद्ध हस्तियों के साक्षात्कार तथा श्रेष्ठ मुद्रण गुणवत्ता के लिए राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रियता पा चुकी पश्चिम रेलवे की द्विभाषी गृह पत्रिका ‘रेल दर्पण’ वर्ष 2011 में भारत सरकार के गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग द्वारा देश की सर्वश्रेष्ठ गृह पत्रिका के रूप में सम्मानित हो चुकी है। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार 14 सितम्बर, 2011 को महामहिम राष्ट्रपति महोदया के हाथों पश्चिम रेलवे के तत्कालीन महाप्रबंधक ने प्राप्त किया था। इनके अलावा ‘रेल दर्पण’ को पिछले 19 वर्षों के दौरान अपनी समग्र सृजनात्मक उत्कृष्टता के लिए 50 से अधिक प्रतिष्ठित पुरस्कार मिल चुके हैं।

राजभाषा में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए दिया गया प्रथम पुरस्कार पश्चिम रेलवे को केन्द्र सरकार की नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति के मुंबई में स्थित 90 सदस्य कार्यालयों में राजभाषा को प्रभावी ढंग से लागू करने तथा बड़े केन्द्रीय कार्यालयों की कोटि में राजभाषा के क्षेत्र में सर्वाधिक उल्लेखनीय कार्य करने के लिए दिया गया। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार पश्चिम रेलवे के वरिष्ठ राजभाषा अधिकारी श्री अशोक कुमार लोंढे ने अपनी टीम के साथ पुलिस महानिरीक्षक श्री कैसर खालिद और वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सूर्यबाला के हाथों ग्रहण किया। ‘आशीर्वाद’ संस्था के इस पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन मुंबई के चर्चगेट स्थित इंडियन मर्चेंट चैम्बर्स के वालचंद सभागार में किया गया, जिसमें हिन्दी में श्रेष्ठ काम करने वाले राष्ट्रीयकृत बैंकों, केन्द्रीय सरकार के विभिन्न कार्यालयों तथा भारत सरकार के विभिन्न उपक्रमों को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम का संचालन सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. अनंत श्रीमाली ने किया तथा संस्था का परिचय सुश्री नीता बाजपेयी ने दिया। इस अवसर पर आशीर्वाद संस्था के निदेशक डॉ. उमाकांत बाजपेयी नव प्रकाशित कहानी संग्रह ‘जय राम जी की’ का लोकार्पण वरिष्ठ पत्रकार श्री विश्वनाथ सचदेव द्वारा किया गया।