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पश्चिम रेलवे के 75 स्टेशनों पर लगाये गये 5601.69 केडब्ल्यूपी क्षमता के रूफटॉप सोलर प्लांट

मुंबई । भारतीय रेलवे को अपनी सभी ऊर्जा ज़रूरतों के लिए 100% आत्मनिर्भर बनने के उद्देश्य को पूरा करने और राष्ट्रीय सोलर पावर लक्ष्यों में योगदान देने की दृष्टि से पश्चिम रेलवे द्वारा अपने 75 स्टेशनों को अब तक सोलराइज्ड किया जा चुका है। सोलर पावर का उपयोग रेलवे के लक्ष्य नेट जीरो कार्बन एमिशन रेलवे को 2030 से पहले प्राप्त करने में उल्लेखनीय गति प्रदान करेगा।

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार पश्चिम रेलवे के 75 स्टेशनों पर रूफटॉप सोलर प्लांट लगाये गये हैं। 8.67 एमडब्ल्यूपी क्षमता वाले रूफटॉप सोलर प्लांट विभिन्न रेलवे स्टेशनों और कार्यालय भवनों पर लगाये गये हैं। इन प्लांट्स को ग्रिड से कनेक्ट कर शुरू किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप वित्त वर्ष के दौरान 3 करोड़ रु. की बचत हुई है।

श्री ठाकुर ने बताया कि मुंबई मंडल के 22 स्टेशनों, रतलाम के मंडल के 34 स्टेशनों, वडोदरा मंडल के छह स्टेशनों और राजकोट मंडल के 8 स्टेशनों पर सोलर प्लांट स्थापित किये गये हैं। इसी प्रकार अहमदाबाद मंडल पर साबरमती और आम्बली स्टेशनों के अलावा अहमदाबाद स्टेशन भवन पर सोलर प्लांट स्थापित किया गया है। भावनगर मंडल के भावनगर और सोमनाथ स्टेशनों पर भी सोलर प्लांट लगाये गये हैं। मुंबई मंडल में चर्चगेट, ग्रांट रोड, माटुंगा रोड, अंधेरी, मुंबई सेंट्रल, लोअर परेल, माहिम, खार रोड, सांताक्रुज, राम मंदिर, मालाड, कांदिवली, बोरीवली, दहिसर, मीरा रोड, भायंदर, वसई, नालासोपारा, दहानू रोड स्टेशनों पर; जबकि दादर और बांद्रा टर्मिनल के स्टेशन और प्लेटफार्मों पर रूफटॉप सोलर प्लांट स्थापित किये गये हैं। रतलाम में चंदेरिया, निंभोरा, गंभीरी, जावद रोड, मांगलिया गांव, अजनोद, लक्ष्मीबाई नगर, रुनयाल जसमिया, पिपलिया, मंदसौर, नौगांवा, रुनिजा, बांगरोद, सीहोर, कालापीपल, पंचवान, मक्सी, विक्रम नगर, इंदौर, उज्जैन, देवास, चित्तौड़गढ़, मेघनगर, बजरंगगढ़, फतेहाबाद, गौतमपुरा, डॉक्टर अंबेडकर नगर (महू), नागदा, नीमच, जावरा, बड़नगर, शुजालपुर और खाचरोद स्टेशनों तथा रतलाम स्टेशन बिल्डिंग और प्लेटफार्मों पर रूफटॉप सोलर प्लांट स्थापित किये गये हैं। वड़ोदरा मंडल में वड़ोदरा, ओड, मकरपुरा, वरनारना, साधनपुरा स्टेशन भवनों तथा गोधरा स्टेशन भवन और प्लेटफार्मों पर रूफटॉप सोलर प्लांट लगाये गये हैं। राजकोट मंडल में राजकोट, ओखा, जामनगर, चामराज, लखमाची, मोदपुर, लखबावल और पिपली स्टेशनों पर रूफटॉप सोलर प्लांट लगाये गये हैं।

उल्लेखनीय है कि भारतीय रेल वर्ष 2030 तक 35 बिलियन यूनिट से अधिक अपनी उर्जा खपत सम्बंधी आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए पूरी तरह से तैयार है। इस समय वार्षिक आवश्यकता लगभग 20 मिलियन यूनिट है। भारतीय रेल ने अपनी खाली पड़ी जमीन का उपयोग करते हुए वर्ष 2030 तक 20 जी डब्ल्यू क्षमता वाले सोलर प्लांट लगाने की मेगा योजना तैयार की है। भारतीय रेल के पास लगभग 51,000 हेक्टेयर ज़मीन उपलब्ध है और वह अपनी खाली पड़ी अतिक्रमणहीन ज़मीन पर सोलर पावर प्लांट लगाने हेतु डेवलपर्स को हर प्रकार से मदद करने के लिए तैयार हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2030 तक 100% विद्युतीकरण हासिल करने के लिए भी रेलवे तैयार है और अपनी कर्षण शक्ति सम्बंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग करने तथा परिवहन की हरित विधा बनने के लिए प्रतिबद्ध है। यह माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा हाल ही में दिये गये निदेशों के अनुरूप है, जिसमें नवीकृत ऊर्जा (आर ई) परियोजनाओं के लिए खाली पड़ी रेलवे भूमि का उपयोग करने और रेलवे स्टेशनों को सौर ऊर्जायुक्त बनाने के लिए कहा गया है।