Friday, April 19, 2024
spot_img
Homeप्रेस विज्ञप्ति साबरमती स्टेशन ऐतिहासिक दांडी मार्च का स्मरण कराएगा

 साबरमती स्टेशन ऐतिहासिक दांडी मार्च का स्मरण कराएगा

मुंबई। महात्मा गांधी के साथ जुड़ाव और उनके द्वारा साबरमती नदी के तट पर स्थापित आश्रम के कारण साबरमती एक विश्व प्रसिद्ध शहर है। पश्चिम रेलवे का साबरमती रेलवे स्टेशन राष्ट्रीय महत्व के इस भवन का निकटतम रेलवे स्टेशन है। इसे देखते हुए, भारतीय रेलवे ने इस स्टेशन को एक अत्याधुनिक रेलवे स्टेशन के रूप में पुनर्विकसित करने का निर्णय लिया है। उल्लेखनीय है कि भारतीय रेलवे आधुनिक सुविधाओं के साथ 200 से अधिक रेलवे स्टेशनों को विश्व स्तरीय टर्मिनलों के रूप में पुनर्विकसित कर रही है, ताकि एक आम रेल यात्री भी आरामदायक, सुविधाजनक और सुखद रेल यात्रा का अनुभव कर सके।

हमारे राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि के रूप में भारतीय रेलवे दांडी मार्च की थीम पर साबरमती स्टेशन को पुनर्विकसित कर रही है। स्टेशन के डिजाइन में गांधी जी के जीवन से जुड़े विभिन्न पहलुओं जैसे चरखा और ऐतिहासिक दांडी मार्च को शामिल किया गया है। स्टेशन के डिजाइन को ऐसी वास्तुकला के साथ बनाया गया है जिससे पूरे स्टेशन परिसर के सौंदर्य में सुंदर अग्रभाग और कलर स्कीम की एकीकृत थीम के द्वारा वृद्धि सुनिश्चित होगी और इससे एक सुखद वातावरण प्रदान किया जा सकेगा। भावी स्टेशन के लघु मॉडल को साबरमती स्टेशन पर प्रदर्शित किया गया है ताकि यात्रियों को स्टेशन के आगामी स्वरूप की जानकारी और अनुभव प्राप्त हो सके ।

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, यह भी उल्लेखनीय है कि साबरमती स्टेशन का पुनर्विकास कार्य शुरू हो चुका है और तेजी से प्रगति पर है। पश्चिम रेलवे द्वारा 334.92 करोड़ रुपये की स्वीकृत लागत पर पुनर्विकास का कार्य किया जा रहा है और मई, 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है। परियोजना प्रबंधन सेवाओं (पीएमएस) का टेंडर नवंबर, 2022 में अवार्ड किया जा चुका है तथा भू-तकनीकी जांच, साइट सर्वेक्षण और उपयोगिता मानचित्रण का कार्य पूरा कर लिया गया है।

इस संबंध में और जानकारी देते हुए श्री ठाकुर ने बताया कि साबरमती स्टेशन में एक ही रेलवे यार्ड के दोनो तरफ दो स्टेशन अर्थात एसबीटी (पश्चिम दिशा) और एसबीआई (पूर्व दिशा) हैं। वीरमगाम और भावनगर से अहमदाबाद तक यातायात की हैंडलिंग पश्चिम दिशा के स्टेशन (एसबीटी) द्वारा की जाती है जबकि दिल्ली से अहमदाबाद और आगे मुंबई तक यातायात के हैंडलिंग पूर्व दिशा के स्टेशन (एसबीआई) द्वारा की जाती है। अहमदाबाद स्टेशन की भीड़-भाड़ को कम करने के उद्देश्य से रेलवे ने साबरमती रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास करके दिल्ली जाने वाली ट्रेनों के लिए एक वैकल्पिक कोचिंग टर्मिनल बनाने की योजना बनाई है। साबरमती स्टेशन का पुनर्विकास इस तरह से किया जा रहा है कि स्टेशन के आसपास के सभी परिवहन के साधनों का एकीकरण हो सके। यह स्काईवॉक के माध्यम से हाई स्पीड रेलवे स्टेशन और हब, साबरमती और एईसी मेट्रो स्टेशनों, बीआरटीएस, एएमटीएस से जुड़ा होगा। यह परिवहन के इन साधनों का उपयोग करने वाले यात्रियों के लिए सुगम इंटरचेंज की सुविधा उपलब्‍ध कराएगा।

 साबरमती रेलवे स्टेशन को विभिन्न सुख-साधनों और सुविधाओं के लिए पर्याप्त स्थान के साथ एक योजनाबद्ध तरीके से डिज़ाइन किए गए स्टेशन के रूप में अपग्रेड और पुनर्विकसित किया जा रहा है। इस योजना में अलग-अलग आगमन/प्रस्थान, यात्री प्लाजा, स्टेशन परिसर में भीड़-भाड़ मुक्त और सुगम प्रवेश/ निकास, भूमिगत पार्किंग व्यवस्था आदि शामिल हैं। निर्माण का कुल निर्मित क्षेत्र एसबीआई में लगभग 19,582 वर्ग मीटर और एसबीटी में लगभग 3,568 वर्ग मीटर है जिसमें आवाजाही के लिए पर्याप्त स्थान, कॉन्कोर्स और पर्याप्त वेटिंग स्पेस है। प्लेटफॉर्म पर भीड़भाड़ से बचने के लिए प्लेटफॉर्म के ऊपर कॉन्कोर्स/वेटिंग स्पेस में यात्री सुख -साधन और सुविधाएं शामिल होंगी। रेलवे स्टेशन दिव्यांगजनों के लिए सुविधाओं से लैस होगा, जिससे यह 100% दिव्यांग अनुकूल होगा। स्टेशन की इमारत ऊर्जा, जल और अन्य संसाधनों के कुशल उपयोग, नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग आदि सुविधाओं से युक्त ग्रीन बिल्डिंग होगी। स्टेशन अत्याधुनिक संरक्षा और सुरक्षा तकनीकों से भी युक्त होगा, जिसमें बेहतर स्टेशन प्रबंधन के लिए कुशलता से डिजाइन की गई विशेषताएँ शामिल हैं।

गुजरात में स्थित पश्चिम रेलवे का गांधीनगर केपिटल स्टेशन भारतीय रेल पर पहला ऐसा स्टेशन है जिसे विश्वस्तरीय स्टेशन के रूप में पुनर्विकसित किया गया है और अन्य दो स्टेशन मध्य प्रदेश में भोपाल के पास रानी कमलापति और कर्नाटक के बेंगलुरु में सर एम. विश्वेश्वरैया टर्मिनल हैं। इसके अलावा, पश्चिम रेलवे के 6 स्टेशनों अर्थात सोमनाथ, सूरत, उधना, न्यू भुज, अहमदाबाद और साबरमती स्टेशनों का पुनर्विकास कार्य प्रगति पर है।

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -spot_img

वार त्यौहार