Friday, March 29, 2024
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संस्कृत भारती भी डॉ. फिरोज खान के साथ

कुछ दिनों से बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के ‘संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय’ के छात्रों का डा.फिरोज खान की नियुक्ति के विरोध में आन्दोलन चल रहा है | इसको संचार मध्यमों ने भी पर्याप्त प्रसिद्धि दी है | संस्कृतभारती के पदाधिकारियों को भी स्थान स्थान इस आन्दोलन के सन्दर्भ में प्रश्न पूछे गए | कोई भी भ्रमित न हो इसलिए संस्कृतभारती की ओंर से अधिकृत वक्तव्य दे रहा हूँ |

संस्कृतभारती पूरे विश्व को संस्कृत सिखाने के लिए निकली है | संस्कृतभारती का भारत के व्यतिरिक्त १७ देशों में काम है, जिसमे अरब देश भी है | हम गीत गाते है – “पाठयेम संस्कृतं जगति सर्व मानवान् |” भारत में हमने जो हजारों व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया है उन्हीमे से एक डा.फिरोज खान भी है |

रही बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की बात तो यह पहले समझ लेना होगा की डा.फिरोज खान की नियुक्ति ‘संस्कृत विद्या धर्मं विज्ञान संकाय’ के अंतर्गत साहित्य विभाग में हुई है | किसी भी संकाय में कई विभाग होते है | बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के ‘संस्कृत विद्या धर्मं विज्ञान संकाय’ में भी साहित्य, व्याकरण, धर्मशास्त्र, वेद इत्यादि कई विभाग है | यदि किसी मुसलमान ने साहित्य पढ़ाया तो कौनसा संकट आ गया ? कुछ लोग संचार माध्यामों में यह असत्य प्रचार कर रहें है कि डॉ.फिरोज खान अब कार्मकाण्ड पढ़ायेंगे, यज्ञ करवाएंगे | नियुक्ति प्रक्रिया पर संकायाध्यक्ष और विभागाध्यक्ष के हस्ताक्षर है | क्या वे किसी मुसलमान को कर्मकाण्ड पढ़ाने या यज्ञ कराने के लिए नियुक्त करेंगे ? सब के विभाग भिन्न भिन्न है और सभी में विद्वान् प्राध्यापक नियुक्त है | वे अपने अपने विषयों को पढ़ाने में सक्षम है |

ऐसा ही एक भ्रम धर्मंशास्त्र इस विषय से सम्बद्धित है | धर्म याने रिलिजन नहीं है | भारत एक सनातन राष्ट्र है | समाज को नियंत्रित करने के लिए इस राष्ट्र में भिन्न भिन्न काल में अलग अलग संविधान थे | उनको स्मृतियाँ कहते है | उनका अध्ययन धर्मशास्त्र विभाग में होता है | आधुनिक शब्दावली में धर्मशास्त्र को विधिशास्त्र कह सकते है |

संस्कृतभारती का सभी आंदोलनरत छात्रों से आग्रह है की वे अपना आन्दोलन त्वरित पीछे लें, हमारा विश्वविद्यालय प्रशासन से निवेदन है कि वे यथा शीघ्र सामान्य परिस्थिति लाये और डा.फिरोज खान से विनति है की वह निर्भय होकर विश्वविद्यालय में योगदान दे |

संपर्क
श्रीश देवपुजारी,
अखिल भारतीय महामंत्री

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एक निवेदन

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