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चेतना मंच, दिल्ली द्वारा शिखा अग्रवाल का सम्मान

कोटा में जन्मी, पली, शिक्षित हुई और विवाह कर मुंबई चली गई हाड़ोती की बेटी शिखा अग्रवाल ने साहित्य में अपने कदम बढ़ा कर हाड़ोती साहित्य जगत को गौरवान्वित कर रही हैं। हाल ही में दिल्ली के साहित्य चेतना मंच द्वारा उनकी साझा काव्य संग्रह ” रंगरेज जिंदगी के रंग ” में प्रकाशित चार कविताओं के लिए प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस चौथे संकलन में देश की 26 कवियित्रियों की 104 कविताओं को स्थान दिया गया है।

शिखा ने बताया पता नहीं केसे कविता लिखने की रुचि जाग्रत हो गई। न कोई घर में ऐसा परिवेश था न ससुराल में। मैंने कोई एक साल पहले जब कविताएं लिखना शुरू किया तो ” मन दर्पण के प्रतिबिंब” नाम से संकलन करना शुरू कर दिया। जब भी कविता लिखती उसमें उतार देती थी। जब कुछ कविताएं तैयार हो गई तो सोशल मीडिया पर पोस्ट करना शुरू किया और दिल्ली कर साहित्य चेतना मंच से फेसबुक के माध्यम से जुड़ गई। उन्होंने मेरी कविताओं को देख कर मुझे कुछ कविताएं भेजने का निमंत्रण दिया और उनमें से चार कविताओं को अपनी पत्रिका में स्थान दे कर हौसला बढ़ाया।

अपनी इस प्रथम उपलब्धि से हर्षित और उत्साहित शिखा ने बताया कि वे अब तक दो दर्जन कविताएं लिख चुकी हैं जिनमें से कुछ राष्ट्रीय समाचार पोर्टल और समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई हैं। इन्होंने काव्य सृजन से पूर्व “हेल्थ केयर” , “भीलवाड़ा टेक्सटाइल सिटी” और अंग्रेजी भाषा में “उदयपुर द बेस्ट हॉलीडे डेस्टिनेशन ” पुस्तकों का लेखन और प्रकाशन करवाया है। आपने दो अन्य पुस्तकें साझा रूप से लिखी हैं। वर्तमान आप अंग्रेजी में फैशन को लेकर पुस्तक लिख रही हैं। इसमें मूर्ति शिल्प और चित्रों में श्रृंगार तथा साहित्य में श्रृंगार पर हाड़ोती के विशेषज्ञों का भी सहयोग प्राप्त किया है।

आपने अंग्रेजी विषय में स्नातकोत्तर और बी.एड. की शिक्षा प्राप्त की है। वर्तमान में भीलवाड़ा में रह कर भारत विकास परिषद से जुड़ कर समाज सेवा और साहित्य सृजन में लगी हैं।