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श्रीकर्मयोगी सेवा संस्थान ने 108 प्रतिभाओं को ” हाड़ोती गौरव ” सम्मान प्रदान किया

कोटा / श्रीकर्मयोगी सेवा संस्थान कोटा द्वारा रविवार को पुरोहितमल सभागार में आशा मल्लाह, अख्तरखान, देव शर्मा , गीता दाधीच, यज्ञदत्त हाड़ा, पंकज शर्मा सहित हाड़ोती की 108 समाजसेवी संस्थाओं के अध्यक्षों, सचिवों, प्रतिनिधियों को ” हाड़ोती गौरव ” सम्मान से सम्मानित किया। इससे पूर्व इसी संस्था के अध्यक्ष राजाराम जैन कर्मयोगी और अलका जैन द्वारा विगत दिनों 1244 कलाकारों, कवियों, साहित्यकारों, समाजसेवियों , लेखकों और चित्रकारों को सम्मानित किया जा चुका है।
आशा मल्लाह समाज सेवी कृष्णा मानव विकास संस्थान की अध्यक्ष कुमारी आशा मल्लाह को हाड़ौती गौरव के सम्मान से नवाजा गया। ये स्वभाव से अत्यंत विनम्र परंतु बोल्ड और निडर हैं। उनकी जिद थी कि वे न केवल अपने पैरों पर खड़ी होंगी वरन परिवार के लिए आर्थिक रूप से भी मददगार होंगी। इसी जिद्द से जब जुनून के रूप में काम किया तो सफलता ने भी उनके कदम चूमे। आज वे न केवल स्वयं आत्मनिर्भर बनी वरन भाई – बहनों को पढ़ाने और परिवार की आर्थिक मदद कर समाज में जिम्मेदारी का एक श्रेष्ठ उद्धरण प्रस्तुत किया। पहले स्टाम्प वेंडर बनी और अब ई मित्र केंद्र संचालित कर अर्थोपर्जन में लगी हैं।

इन्होंने कोटा से पूर्व अलवर और दौसा में भी समाजसेवा के कार्य किए। आपने अप्रैल 1999 से एक वर्ष तक अलवर जिले में दिल्ली की सोसायटी फॉर डोवलपमेंट स्टेडिज के माध्यम से सुपरवाइजर के रूप में नगरीय आवास विकास का कार्य स्वयं सहायता समूह के माध्यम से किया। उत्थान संस्थान अलवर के माध्यम से जून 2004 तक दो वर्ष स्वच्छता अभियान में सेवाएं प्रदान की। वर्ष 2006 से दो वर्ष तक राष्ट्र मानव विकास समिति दौसा के माध्यम से काउंसलर के रूप में एड्स नियंत्रण कार्यक्रम में कार्य किया। कोटा आकर निजी रोजगार शुरू करने के साथ – साथ समाज सेवा से जुड़े रहने के लिए 1 अक्टूबर 2008 को ” कृष्णा मानव विकास संस्थान” का पंजीकरण करवाया। इसके माध्यम से महिला शिक्षा और स्वरोजगार हेतु व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन, विशेष रूप से विधवा, परित्यक्त, अनाथ, अशक्त,वृद्ध एवम बाल श्रमिकों को शिक्षित करने के साथ – साथ उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाना, ग्रामीण महिलाओं और श्रमिकों के लिए विकासात्मक कार्यक्रमों का संचालन, केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का विविध माध्यमों से प्रचार, दहेज उन्मूलन, बाल विवाह रोकथाम, जनसंख्या नियंत्रण, एड्स नियंत्रण, रक्तदान, जल संरक्षण, स्वच्छता आदि के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के लिए दीवारों पर नारा लेखन, संगोष्ठी, रैली, महिला समूहों में चर्चा, साहित्य प्रकाशन आदि विविध आयोजन किए। आपको में नवंबर 2005 में प्लस पोलियो अभियान में उत्कृष्ठ सेवाओं के लिए तत्कालीन कलेक्टर ने प्रशस्ति पत्र से, रक्तदान के क्षेत्र में जयपुर में “स्वेच्छिक रक्तदान प्रमाण पत्र” , अलवर में स्वयं सेवी संस्था के साथ सम्पूर्ण स्वच्छता एवं इको डेवलपमेंट के क्षेत्र में कार्य करने पर, संरक्षण अभियान में कला जत्थे के रूप में जागरूकता के लिए उप खंड अधिकारी द्वारा प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया।

वर्ष 2006 में जयपुर की संभागीय जल अभियान समिति द्वारा उत्कृष्ठ कार्य करने पर संभागीय आयुक्त द्वारा ” जल मित्र” पुरस्कार से सम्मानित किया गया। फरवरी 2008 में कोटा में समिति के माध्यम से सर्व श्रेष्ठ पल्स पोलियों बूथ संचालन के लिए प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। कोटा में वर्ष 2008 -09 में आपको उल्लेखनीय परिवार कल्याण गतिविधियों के श्रेष्ठ संचन के लिए सम्मानित किया गया।

अख्तर खान
ह्यूमन रिलीफ सोसायटी के महासचिव , वरिष्ठ वकील, समाजसेवक, एडवोकेट अख्तर खान अकेला को भी हाड़ोती गौरव सम्मान से नवाजा गया। आप ह्यूमन रिलीफ सोसायटी के महासचिव की हैसियत से मानवाधिकार हनन के खिलाफ संघर्ष कर रहे है, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राजस्थान में मानवाधिकार आयोग में गठित होते ही कोटा में पुलिस प्रताड़ना मामले में इनकी ऐतिहासिक रूप से पहली शिकायत दर्ज होकर पीड़ित को इंसाफ दिलाया। गरीब , निर्धन लोगों की मुफ्त पैरवी कर उन्हें इंसाफ दिलाते रहे है, जबकि सड़क निर्माण , साफ सफाई, आवारा जानवरों से छुटकारा, रात्रि रेन बसेरा, सहित दर्जनों जनहित मुद्दों पर जनहित याचिका के माध्यम से आम जनता को सार्वजनिक हित की सुविधाएं सरकार से दिलवाई है।

देव शर्मा
किसी ने सच ही कहा है कि समाज सेवा किसी के अधीन नहीं होती यह चरितार्थ कर दिखाया है कोटा स्टेशन क्षेत्र के प्रसिद्ध समाज सेवी देव शर्मा ने एक सामान्य परिवार गंगापुर सिटी में जन्मे देव शर्मा को एक बार फिर हाड़ोती गौरव का सम्मान उमराव मल पुरोहित सभागार में दिया गया । बचपन से ही समाज सेवा में लगे देव शर्मा का जज्बा देखते ही बनता है जहां लोग सुबह उठ कर अन्य शुभ कार्य करने की सोचते हैं वहां शर्मा घर घर से बची हुई रोटियां इकट्ठी कर मुक्तिधाम में जाकर न केवल गौ माताओं को खिलाते है बल्कि मुक्तिधाम की साफ सफाई एवम अन्य व्यवस्थाओं को देखते है और दिवंगत लोगों की अंत्येष्ठि करवाते है। कोरोना काल में तो शर्मा जी रात दिन स्टेशन स्थित संजय नगर मुक्तिधाम में स्थाई रहकर कोरोना से मृत लोगों की स्वयं ने अंत्येष्ठि की है। आपके प्रयासों से
हाड़ोती का दूसरा विद्युत चलित मुक्तिधाम संजय नगर कोटा में बनाया गया और यूआईटी द्वारा निर्मित रंगपुर रोड स्थित भडाना अ फोर्डबल आवासीय योजना को कोटा की सबसे स्वच्छ एवम समस्त सुविधाओं युक्त बनाया है।

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