Friday, April 19, 2024
spot_img
Homeदुनिया मेरे आगेहमको बदलने के संकेत !

हमको बदलने के संकेत !

जब चारों तरफ से बुरी खबरें आ रही हों, निराशाओं का माहौल बन रहा हो तब समझिये कहीं कुछ हमें चेताने की तैयारी हो रही है । ये कोई नही जानता है इस अच्छे -बुरे समय की अवधि क्या होगी ! ये सारी चीजें हमें संकेत देती हैं कि हम सुधर जाएं वरना प्रकृति बदलेगी तो बहुत तकलीफ़ देगी, और शायद यही हो भी रहा है ।सारी चीजों का बुरी तरीके से दोहन हमारे नाश का कारण बनेगा !

प्रकृति ने सभी चीजों को बनाया वो सजीव हो निर्जीव हो उसको मारने का , उसको नष्ट करने का हक हमने सिर्फ इसलिए ले लिए क्योंकि हम इंसान हैं ? ये समझना होगा कि जीवन चक्र घूमता जरुर है । ये किस पीढी पे जाकर घूमेगा ये पता लगा पाना मुश्किल है । वैसे भी बड़े लोगो से कहते सुना है हर तीसरी पीढी में हर घर के हालात बदलते हैं । मतलब सर्किल चेंज ।मेरा मानना है ऐसा ही सर्किल चेंज हर एक चीज का होता होगा!

कहीं पढ़ा कि दुनिया भर में इंसानों के स्वाद के लिए सत्तर अरब जानवर बेदर्दी से मारे, काटे जिंदा जलाए जाते हैं ? सत्तर अरब जानवर को मार दिया जाता है सिर्फ खाने का शौक पूरा करने के लिए । क्या प्रकृति का दिल नहीं दुखता होगा ये पशुसंहार देख कर ? क्यों सभ्यताओं का विकास हुआ अच्छा होता हम जंगली ही होते । हमें खेती कर अनाज उगाने की समझ ना आयी होती ।कुतर्क देकर बहुत सी बातें लड़ाई जा सकती हैं लेकिन प्रकृति से हम कुतर्क करके नहीं जीत पाएंगे । मै ये करुं चाहे वो करुं मेरी मर्जी इंसान के इस स्वभाव को प्रकृति ने औकात दिखा दी। घुटनों के लायक भी नहीं छोड़ा । अपने घर के सदस्य को बाहर से आने पर सशंकित नजरों से देखने पर मजबूर हो गये हैं ।

ये महामारी तो मात्र एक अलार्म जान पॾता है ।हमारी जिस तरह की बेपरवाही की जीवन शैली हो चुकी है उसमें महामारियों से बचे तो भी एक दिन हम प्यास और भूख से ऐसे मारे जाएंगे । जिस तरह से जनसंख्या की बढ़ोत्तरी हो रही है । इस पर चीन और रूस के अलावा अभी तक किसी देश का ध्यान नहीं । खासकर मुस्लिम देशों का तो बिलकुल भी नही। इसको मुस्लिम विरोध ना समझ कर खुले दिमाग से चिंतन की जरुरत है । प्राकृतिक संसाधन धीरे-धीरे चुक रहे हैं । अभी हम सब सोये हैं। हमारी दूरदर्शिता सिर्फ छ: महीने या साल तक देश के बजट की तरह सीमित रह गयी है ।

(लेखिका दिल्ली में रहती हैं और सामाजिक विषयों पर लिखती हैं)

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -spot_img

वार त्यौहार