Thursday, March 28, 2024
spot_img
Homeपुस्तक चर्चादुःख ,सन्तोष श्रीवास्तवकी कहानियों का स्थाई भाव है

दुःख ,सन्तोष श्रीवास्तवकी कहानियों का स्थाई भाव है

"दुःख सन्तोष श्रीवास्तव की कहानियों का स्थाई भाव है ।उन्होंने दुःख को जिया है और ज़िन्दगी के कई रंग इनकी कहानियों में शिद्दत के साथ महसूस किये जा सकते हैं ये बातें सूरज प्रकाश ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में संतोष श्रीवास्तव के कहानी सन्ग्रह 'आसमानी आँखों का मौसम ' के लोकार्पण के अवसर पर कहीं ।यह कार्यक्रम मणि बेन नानावटी महिला महाविद्यालय में आयोजित किया गया ।
                     
लोकार्पण समारोह में दिल्ली से पधारे 'पाखी ' के सम्पादक प्रेम भारद्वाज ने सन्तोष की कहानियों में भाषा के सहज प्रवाह को रेखांकित करते हुए कहा कि किसी रचना को पढ़ते हुए यदि किसी बड़ी घटना का स्मरण हो आये तो वह सफल रचना मानी जाती है ।सन्ग्रह की कहानियों में सब तरफ आग है लगी हुई,अंकुश की बेटियां ,नेफ्र्टीटी की वापिसी ऐसी ही कहानियाँ है ।कहानियों के संग संग पत्रकार की समग्र दृष्टि भी उनके लेखन की ख़ासियत है ।विशेष अतिथि के रूप में 'दमखम ' के सम्पादक वरिष्ठ कथाकार मनहर चौहान ने लेखिका को उनके निखरते लेखन के लिए बधाई दी ।मॉरीशस के प्रख्यात साहित्यकार राज हीरामन ने अपना बधाई सन्देश भेजा जिसका वाचन किया गया ।
            
सुमिता केशवा ने सरस्वती वन्दना के साथ साथ सन्तोष श्रीवास्तव के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला । जहाँ एक ओर रायपुर से आई मधु सक्सेना ने कहा कि सन्तोष की कहानियां साक्षी भाव से नहीं पढ़ी जा सकती उसमे डूबना ही होता है ,वहीँ लेखिका ने यह स्वीकार किया कि वे कथ्य को पूरी सामर्थ्य,सहजता और संवेदनशीलता से कहानियों में ढालने की कोशिश में बार बार अपने लिखे में डूबती उतराती हैं ।
                     
 डा. रवीन्द्र कात्यायन द्वारा संचालित  इस कार्यक्रम में महानगर के लेखक धीरेन्द्र अस्थाना ,कमलेश बक्शी ,कैलाश सेंगर ,सिब्बन बैज़ी  ,मधु अरोड़ा हस्ती मल हस्ती ,उमाकांत बाजपेयी ,प्रेमजनमेजय तथा विश्व मैत्री मंच की सभी सदस्याएं ,सहित ,सम्पादक ,पत्रकार ,मिडिया के लोग उपस्थित थे ।

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -spot_img

वार त्यौहार