Wednesday, April 17, 2024
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लेह में पंचायती राज के सशक्तीकरण कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष का उद्बोधन

कोटा ,लेह / लोक सभा अध्यक्ष, श्री ओम बिरला ने आज सिंधु संस्कृति केंद्र, लेह में लद्दाख संघ राज्य क्षेत्र की पंचायती राज संस्थाओं के सशक्तीकरण के लिए आयोजित संसदीय आउटरीच कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री, श्री नित्यानंद राय; नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा और रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री, श्री भगवंत खुबा; लद्दाख संघ राज्य क्षेत्र के उपराज्यपाल, श्री राधा कृष्ण माथुर; लद्दाख से संसद सदस्य, श्री जाम्यांग त्सेरिंग नामग्याल; लेह की लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद (एलएएचडीसी) के अध्यक्ष, श्री ताशी ग्यालसन; कारगिल की एलएएचडीसी के अध्यक्ष, श्री फिरोज अहमद खान, संसद सदस्य और अन्य विशिष्टजन भी उपस्थित थे । हाल ही में समाप्त हुए मानसून सत्र का उल्लेख करते हुए, श्री बिरला ने कहा कि संसद सर्वोच्च लोकतांत्रिक संस्था है और संसद की यह जिम्मेदारी है कि पंचायत स्तर सहित सभी स्तरों पर लोकतंत्र को मजबूत किया जाए । श्री बिरला ने इस बात पर जोर दिया कि संसद चर्चा का मंच है और यह भी कहा कि सर्वोच्च लोकतांत्रिक संस्था के रूप में संसद को चर्चा का केंद्र होना चाहिए न कि व्यवधान का । उन्होंने सदस्यों से सभा की गरिमा बनाए रखने की अपील की।

श्री बिरला ने यह भी कहा कि हाल ही में लोक सभा और राज्य सभा की तेरह संसदीय स्थायी समितियों के दो सौ से अधिक सदस्यों ने लद्दाख संघ राज्य क्षेत्र का दौरा किया है, जिससे इस बात का पता चलता है कि भारत की संसद लद्दाख की पहचान और संस्कृति से समझौता किए बिना इस क्षेत्र का और विकास करने के लिए प्रतिबद्ध है। क्षेत्र में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र के मजबूत आधार के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए, श्री बिरला ने कहा कि लद्दाख में लोकतंत्र की परम्परा रही है। इस क्षेत्र के यहाँ के गांवों में पारंपरिक रूप से स्वशासन की व्यवस्था थी । गोब और चुरप परंपरागत रूप से मुख्य अधिकारी रहे हैं, जो जल वितरण का प्रबंध करते थे और कृषि और अन्य कार्यों में आपसी सहयोग का काम देखते थे। उन्होंने यह भी कहा कि पंचायती राज संस्थाएं जनता से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ी होती हैं और उन्हें उनकी कठिनाईयों तथा समस्याओं के साथ-साथ समाधानों का भी ज्ञान होता है।

लोकतंत्र को अधिक सफल और सशक्त बनाने के लिए लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और विधायी प्रक्रिया में लोगों की सक्रिय भागीदारी पर जोर देते हुए श्री बिरला ने कहा कि लोकतंत्र सामाजिक-आर्थिक विकास और लोगों के सशक्तीकरण का आधार है। लोकतान्त्रिक संस्थाओं के बीच नियमित रूप से चर्चा और संवाद होना चाहिए । उन्होंने कहा कि नियमित चर्चा और रचनात्मक संवाद से लोकतंत्र में लोगों का विश्वास मजबूत होगा। श्री बिरला ने कहा कि लोकतांत्रिक संस्थाओं के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने से वे अधिक जवाबदेह और पारदर्शी बनेंगी।

विकास के लिए सामूहिक प्रयासों और एकजुटता की भावना के महत्व पर जोर देते हुए, श्री बिरला ने विकास की प्रक्रिया में स्थानीय प्रतिनिधियों की भूमिका के बारे में भी अपने विचार व्यक्त किए । इस संबंध में, श्री बिरला ने इस क्षेत्र की अपार पर्यटन क्षमता के साथ ही यहाँ की विशिष्ट वास्तुकला, हस्तशिल्प एवं अन्य उत्पादों के बारे में बात करते हुए कहा कि यही विशेषताएं आने वाले समय में यहाँ के लोगों के लिए आत्मनिर्भरता एवं विकास का आधार बन सकती हैं। अध्यक्ष महोदय ने स्थानीय प्रतिनिधियों से क्षेत्र की आर्थिक संभावनाओं को वास्तविकता में बदलने की प्रक्रिया में शामिल होने का आग्रह किया।

श्री बिरला ने लद्दाख की सुंदरता और सुरम्यता और उसके शांतिप्रिय लोगों की सराहना की। अध्यक्ष महोदय ने लद्दाखी लोगों के जोश और जज़्बे की भी सराहना करते हुए कहा कि प्रतिकूल भौगोलिक और अन्य चुनौतियों का सामना करते हुए लद्दाख जिस तरह से एक आत्मनिर्भर समाज के रूप में उभरा है, वह पूरे देश के लिए एक मिसाल है। भारत की रक्षा में लद्दाख के लोगों के योगदान और उनके शौर्य और पराक्रम की सराहना करते हुए, श्री बिरला ने कहा कि लद्दाख के लोगों ने सबके लिए एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है।

इससे पहले इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए, श्री भगवंत खुबा ने लद्दाख और कारगिल क्षेत्रों के विकास के लिए केंद्र सरकार की पहलों के बारे में बताया और इस बात पर जोर दिया कि पंचायती राज संस्थाएं इस कार्य में बड़ी भूमिका निभाते हुए यह सुनिश्चित कर सकती हैं कि विकास का लाभ लोगों तक पहुंचे। श्री खुबा ने स्थानीय प्रतिनिधियों से लोगों के हित में विकास संबंधी पहलों में सक्रिय रूप से शामिल होने की अपील की। लद्दाख के उपराज्यपाल, श्री राधा कृष्ण माथुर ने लद्दाख संघ राज्य क्षेत्र के गठन के बाद की गई नई विकास पहलों के बारे में बताया। श्री माथुर ने कहा कि लद्दाख में त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के पुनर्निर्माण के लिए एक नया आंदोलन शुरू किया गया है और इस दृष्टि से यह आउटरीच कार्यक्रम बहुत प्रासंगिक और महत्वपूर्ण है ।

स्थानीय प्रतिनिधियों के क्षमता निर्माण पर जोर देते हुए श्री माथुर ने लद्दाख में पंचायती राज संस्थाओं को जमीनी स्तर पर मजबूत करने और इस व्यवस्था के तीन स्तरों के बीच अधिक समन्वय की आवश्यकता की बात की । साथ ही उन्होंने कहा कि इन संस्थाओं को सशक्त बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। इतने कम समय में संघ राज्य क्षेत्र द्वारा किए गए तेजी से की गयी प्रगति के विषय में बताते हुए, उन्होंने कहा कि शिक्षा, विशेष रूप से महिला शिक्षा, ग्रामीण बुनियादी ढांचे और अन्य विकास संबंधी कार्य उल्लेखनीय गति से आगे बढ़ रहे हैं । श्री माथुर ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत 15 अगस्त, 2022 तक पाइप से पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा।

लद्दाख के सांसद, श्री जामयांग सेरिंग नामग्याल ने श्री बिरला का स्वागत करते हुए कहा कि स्वतंत्रता के बाद से लद्दाख की यात्रा करने वाले वह पहले लोक सभा अध्यक्ष हैं । सांसद ने कहा कि 2014 के बाद लद्दाख और कारगिल क्षेत्रों में जमीनी लोकतंत्र को मजबूत किया गया है और सरकार द्वारा हाल में की गयी पहलों से पूरे क्षेत्र में लोकतंत्र मजबूत हुआ है। उन्होंने लद्दाख संघ राज्य क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे के विकास की पहल के बारे में भी बताया और स्थानीय प्रतिनिधियों से क्षेत्र के सर्वांगीण विकास में खुद को पुनः समर्पित करने की अपील की। उन्होंने एक बार फिर श्री बिरला को लद्दाख संघ राज्य क्षेत्र की ऐतिहासिक यात्रा पर धन्यवाद दिया। कार्यक्रम के आरम्भ में, लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद, कारगिल और लेह के अध्यक्षों ने श्री बिरला का स्वागत किया और लद्दाख संघ राज्य क्षेत्र के पंचायती राज संस्थाओं के लिए आउटरीच कार्यक्रम आयोजित करने की उनकी पहल की सराहना की और साथ ही यह आशा व्यक्त की कि इससे क्षेत्र में जमीनी लोकतंत्र मजबूत होगा ।

संसद और जमीनी स्तर की संस्थाएं: नेतृत्व का प्रारम्भिक चरण ,पंचायत: सामाजिक परिवर्तन, आर्थिक विकास और ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं का सशक्तीकरण, और लद्दाख में पर्यटन, संस्कृति और हस्तशिल्प को बढ़ावा देने में पंचायतों की भूमिका के विषयों पर पैनल चर्चाएं आयोजित की गईं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री, श्री नित्यानंद राय ने समापन भाषण दिया। अपने संबोधन में, श्री राय ने कहा कि यह आउटरीच कार्यक्रम जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को बढ़ावा देने की संसद की अनूठी पहल है। उन्होंने लद्दाख संघ राज्य क्षेत्र के गठन के बाद सरकार द्वारा की गई विकास पहलों का उल्लेख किया। मंत्री महोदय ने लद्दाख के स्थानीय उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने और इस प्रयास में पंचायती राज संस्थाओं की भागीदारी पर भी जोर दिया। लोक सभा के महासचिव, श्री उत्पल कुमार सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
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