
दिव्य कला मेले में सूफ़ी संगीतमय शाम में मंत्रमुग्ध हुए दर्शक
भोपाल। भोपाल हाट में चल रहे दस दिवसीय मेले में भोपाल से ऐसे दिव्यांग कलाकार आएं हैं, जिनकी कला और उत्पाद लोगों द्वारा सराही और खरीदी जा रही है। ऐसे ही मेले में आये भोपाल के हेमंत भसीन जो कि दिव्यांग हैं, वे स्वयं के तैयार किये हुये डेकोरेटिव आइटम्स, वॉल हैंगिंग, वॉच, स्टेशनरी आइटम इत्यादि लेकर आये हैं। इसी के साथ किचन डायरी, कस्टमाइज वॉच, कस्टमाइज डायरी आदि भी उनके द्वारा बनाई गई है उन्होंने बताया कि शिल्प कला का उन्होंने कोई प्रशिक्षण नहीं प्राप्त नहीं किया है, वे स्वयं से ही प्रशिक्षित हैं।
यह काम 12 साल से चल रहा है, हेमंत की माँ मंजू ने बताया कि जब हेमंत 3 साल का था तब से ही बोल और सुन नहीं पाता है। जब हमने हेमंत की कला को देखा और उसकी रुचि को देखा तो उसके काम को आगे बढ़ाने के लिए हमने प्रयास किया उस पर लोगों के ताने भी सुनने पड़े लोगों ने कहा कि यह बोल और सुन नहीं सकता क्या कर पाएगा लेकिन कुछ ऐसे भी लोग मिले जिन्होंने सहयोग किया और आज हेमंत के द्वारा बनाए गए हस्तकला के डेकोरेटिव आइटम पूरे भारत में नहीं विदेशों में भी जाते हैं।
साथ ही सांध्यकालीन सांस्कृतिक कार्यक्रम में आशीष वर्मा, मुनि मालवीय एवम् वेदान्त शर्मा ने सूफी गीतों की प्रस्तुति दी। दिव्य कला मेला 21 मार्च तक संचालित है, मेले में प्रवेश पूर्णतः निशुल्क है।
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