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पश्चिम रेलवे की 356 पार्सल विशेष ट्रेनों के ज़रिये लगभग 63 हज़ार टन अत्यावश्यक सामग्री की आपूर्ति

मंबई। ऐसे कठिन समय के दौरान, जब देश कोरोनावायरस की महामारी के बुरे प्रभावों से गुज़र रहा है, पश्चिम रेलवे के विभिन्न मंडलों के कर्मचारी अपनी अनुकरणीय सेवाओं के माध्यम से अनूठी प्रतिबद्धता प्रदर्शित कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पश्चिम रेलवे अपने ग्राहकों के लिए हमेशा पूरी तरह से प्रतिबद्ध रही है और इसी क्रम में इसने देश के विभिन्न हिस्सों में दूध और दुग्ध उत्पादों जैसी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करना जारी रखा है। इसी श्रृंखला में 24 जून, 2020 को पश्चिम रेलवे से छोड़ी गई दूध की एक रेक सहित तीन पार्सल स्पेशल ट्रेनें रवाना हुईं, जिनमें एक पार्सल स्पेशल ओखा से गुवाहाटी के लिए रवाना हुई और दूसरी बांद्रा टर्मिनस से लुधियाना के लिए रवाना हुई। पालनपुर से हिंद टर्मिनल के लिए दूध की एक रेक ने प्रस्थान किया।

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री रविन्द्र भाकर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 23 मार्च से 23 जून, 2020 तक 63,000 टन से अधिक वजन वाली अत्यावश्यक वस्तुओं को पश्चिम रेलवे की 356 पार्सल विशेष गाड़ियों के माध्यम से देश के विभिन्न भागों में ले जाया गया है, जिनमें कृषि उपज, दवाइयां, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। इस परिवहन के ज़रिये होने वाली आमदनी लगभग 20.23 करोड़ रुपये रही है। इस अवधि के दौरान, पश्चिम रेलवे द्वारा 47 मिल्क स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं, जिनमें 35 हज़ार टन से अधिक का भार था और वैगनों के 100 % उपयोग से लगभग 6.05 करोड़ रुपये की आय हुई।

इसी तरह, 303 कोविड -19 विशेष पार्सल गाड़ियों के साथ लगभग 25 हजार टन भार वाली आवश्यक वस्तुओं का परिवहन किया गया, जिसके लिए अर्जित राजस्व 12.85 करोड़ रुपये रह। इनके अलावा, 2838 टन भार वाली 6 इंडेंटेड रेक भी लगभग 100% उपयोग के साथ चलाई गईं, जिनसे 1.34 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ। उन्होंने बताया कि 22 मार्च से 23 जून, 2020 तक लॉकडाउन अवधि के दौरान, 14.84 मिलियन टन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करने के लिए पश्चिम रेलवे द्वारा मालगाड़ियों के कुल 7197 रेकों का उपयोग किया गया है। 14,235 मालगाड़ियों को अन्य क्षेत्रीय रेलवे के साथ जोड़ा गया है, जिनमें 7128 ट्रेनों को सौंप दिया गया और 7107 ट्रेनों को अलग-अलग इंटरचेंज पॉइंट पर ले जाया गया। पार्सल वैन / रेलवे मिल्क टैंकर (आरएमटी) के 355 मिलेनियम पार्सल रेक देश के विभिन्न भागों में दूध पाउडर, तरल दूध और अन्य सामान्य उपभोक्ता वस्तुओं की मांग के अनुसार आपूर्ति करने के लिए भेजे गए हैं।

लॉकडाउन के कारण नुक़सान और रिफंड अदायगी

श्री भाकर ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण पश्चिम रेलवे की कुल कमाई का नुक़सान1443 करोड़ रुपये से अधिक रहा है, जिसमें उपनगरीय खंड के लिए 208.23 करोड़ रुपये और गैर-उपनगरीय के लिए 1234.86 करोड़ रुपये का नुक़सान शामिल है। इसके बावजूद, अब तक टिकटों के निरस्तीकरण के परिणामस्वरूप, पश्चिम रेलवे ने 361.53 करोड़ रु. की रिफंड राशि वापस करना सुनिश्चित किया है। उल्लेखनीय है कि इस धनवापसी राशि में, अकेले मुंबई मंडल ने 170.47 करोड़ रुपये से अधिक का रिफंड सुनिश्चित किया है। अब तक, 55.38 लाख यात्रियों ने पूरी पश्चिम रेलवे पर अपने टिकट रद्द कर दिए हैं और तदनुसार अपनी रिफंड राशि प्राप्त कर चुके हैं।