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सर्वोच्च न्यायालय ने देसी गायों को बचाने के लिए दायर याचिका पर राज्यों को नोटिस जारी किया

नई दिल्ली: देसी गायों को बचाने और मवेशियों की विदेशी नस्लों के साथ क्रॉस ब्रीडिंग रोकने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और सभी राज्यों को नोटिस जारी किया है. जनहित याचिका में सभी राज्यों में गैरकानूनी तरीके से चल रहे बूचड़खानों को बंद करने और सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अनुपालन रिपोर्ट दायर करने के लिए भी निर्देश देने की भी मांग की गई है.

हाल ही में मवेशियों के राष्ट्रीय आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष जस्टिस गुमान लाल लोढ़ा की केंद्र सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट का हवाला देते हुए याचिका में कहा गया है कि देश में देसी नस्लों/प्रजातियों के मवेशियों की संख्या में गिरावट को रोकने के लिए तुरंत निवारक कदम उठाएं और प्रभावी रूप से राष्ट्रीय गोकुल मिशन को लागू करें.

याचिका में कहा गया है कि…

– भारत में मवेशियों की विदेशी नस्लों के साथ क्रॉस ब्रीडिंग और ब्रीडिंग को बढ़ावा ना देने के लिए उत्तरदाताओं को निर्देशित करना ताकि वो मवेशियों की देसी प्रजातियों के लिए न्यूनतम हस्तक्षेप और बीमारी के जोखिम को नियंत्रित करें.

– देसी पशुओं का वध नहीं हो ये सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए निर्देश जारी हों और उनके दूध के उत्पादन में सुधार के लिए अनुसंधान करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए निर्देंश जारी हों.

– सभी राज्यों में गायों के वध पर रोक हो और अवैध बूचड़खानों को बंद करने के लिए सरकार ने क्या किया.

– बैल के आयात पर प्रतिबंधित लगे ताकि क्रॉस ब्रीडिंग को रोका जा सके और देश में मौजूदा विदेशी सांडों और बैलों की नसबंदी करने के लिए उत्तरदाताओं को निर्देशित करें ताकि क्रॉस ब्रीडिंग को रोका जा सके.