Friday, March 29, 2024
spot_img
Homeप्रेस विज्ञप्तितकनीकी राष्ट्रवाद एवं आर्थिक राष्ट्रनिष्ठा आज की आवश्यकता - प्रो. भगवती प्रसाद...

तकनीकी राष्ट्रवाद एवं आर्थिक राष्ट्रनिष्ठा आज की आवश्यकता – प्रो. भगवती प्रसाद शर्मा

भोपाल। विश्व में यदि हमें अग्रिम पंक्ति में स्थान पाना है तो ज्ञान आधारित क्षेत्रों में अपना योगदान बढ़ाना होगा। इसके लिए आवश्यक है कि हम अपने खुद के उत्पाद एवं ब्राण्ड विकसित करें। तकनीकी क्षेत्रों में भारतीय मानव संसाधन दुनिया में पहचाना जाता है परंतु इनके द्वारा तैयार किए गए तकनीकी उत्पाद का फायदा वैश्विक मल्टीनेशनल कंपनियाँ उठाती हैं। इससे भारतीय ज्ञान एवं प्रतिभा से प्राप्त मुनाफा विदेशी कंपनियों को प्राप्त होता है। इसे रोकने के लिए भारत को तकनीकी राष्ट्रवाद एवं आर्थिक राष्ट्रनिष्ठा की ओर जाना होगा। यह विचार आज प्रख्यात अर्थशास्त्री एवं पैसिफिक विश्वविद्यालय, उदयपुर के कुलपति प्रो. भगवती प्रसाद शर्मा ने टी.टी.नगर स्थित समन्वय भवन में चल रहे पत्रकारिता विश्वविद्यालय के सत्रारम्भ कार्यक्रम के दूसरे दिन व्यक्त किए।

        आज सत्रारम्भ कार्यक्रम के प्रारम्भ में पूर्व राष्ट्रपति श्री ए.पी.जे.अब्दुल कलाम को भावभीनी श्रृद्धांजलि दी गई। इस दौरान कुलपति प्रो. कुठियाला ने डॉ. कलाम के वर्ष 2012 में हुए प्रवास के प्रसंगों का उल्लेख करते हुए सभागर में उपस्थित विद्यार्थियों ने वह शपथ दिलवाई जो वर्ष 2012 में डॉ. कलाम ने विद्यार्थियों को दिलाई थी। दो मिनट के मौन के उपरांत सत्रारम्भ कार्यक्रम डॉ. कलाम की स्मृतियों के साथ संचालित हुआ। 'भारत का आर्थिक परिदृश्य : अवसर और चुनौतियाँ' विषय पर बोलते हुए प्रो. शर्मा ने कहा कि टेली टेलीकाम सहित अनेक क्षेत्र ऐसे हैं जिसमें स्वदेशी तकनीक अपनाई जा सकती थी, परंतु इन तकनीकी क्षेत्रों में आज हमारी निर्भरता यूरोप की कंपनियों पर है जबकि चीन ने अपनी तकनीक विकसित कर ली है। मीडिया एफ.डी.आई. को इस तरह प्रस्तुत करता है जैसे देश के लिए वह कोई बड़ी उपलब्धि है जबकि इसके विपरीत एफ.डी.आई. से सबसे बड़ा नुकसान यह है कि मुनाफा देश के बाहर जाएगा। उन्होंने कहा कि आज हमें अपने अर्थतंत्र को ठीक तरह से समझने की आवश्यकता है। आर्थिक चुनौतियों को आर्थिक अवसरों में कैसे बदला जाए इस पर विचार किया जाना चाहिए। इस दौरान सत्रारंभ कार्यक्रम के प्रथम दिवस की गतिविधियों पर आधारित समाचारपत्र का विमोचन भी मंचासीन अतिथियों द्वारा किया गया।

       
'विज्ञापन एवं ब्राण्डिंग की दुनिया में भविष्य' विषयक सत्र में रौनक एडवरटाईजिंग, मुम्बई के श्री अमरदीप सिंह विग ने कहा कि आज छोटे शहरों के व्यवसायिक अवसरों को पहचानने की आवश्यकता है। छोटे शहरों में व्यवसायिक गतिविधियाँ तेजी से बढ़ी हैं। ऐसे में विज्ञापन के क्षेत्र में अवसर भी बढ़े हैं। मोबाईल एवं इंटरनेट के आने के बाद विज्ञापन के क्षेत्र में पहले से अधिक अवसर विकसित हुए हैं। आज विज्ञापन में रचनात्मक कौशल के साथ-साथ तकनीकी कौशल भी हासिल करने की आवश्यकता है। 'डिजिटल दुनिया का बदलता परिदृश्य' विषयक सत्र में बोलते हुए सूचना प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ श्री प्रशांत पोल ने कहा कि पूरी दुनिया डिजिटल क्रांति के दौर से गुजर रही है। दुनिया को बदलने वाले कारकों में मोबाईल फोन सबसे आगे है। भारत मोबाईल डेनसिटी के मामले में दुनिया में दूसरे स्थान पर है। हमारे देश में आज लगभग 95 करोड़ के आसपास मोबाईल फोन हैं। उन्होंने कहा कि पहले नदियों के पास शहर एवं संस्कृतियाँ विकसित होती थीं। अब फाइबर आप्टिक्स के पास शहर एवं संस्कृतियाँ विकसित होंगी। डिजिटल दुनिया के विस्तार का अंदाज हम इस बात से लगा सकते हैं कि आज चाईना के बाद फेसबुक दुनिया की दूसरी बड़ी कम्युनिटी है। 'संचार के प्रभावी सूत्र' विषयक सत्र में डॉ. प्रियंका जैन ने कहा कि प्रभावी संचार के लिए सुनना एवं पढ़ना बहुत जरूरी है। तोलमोल के बोल संचार की सफलता का एक बड़ा सूत्र है। हमें संचार करते समय स्वाभिमान एवं अभिमान के बीच स्पष्ट अंतर करना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को संचार की सफलता के अनेक सूत्र बताए।
        

अंतिम सत्र में विश्वविद्यालय के कुलाधिसचिव श्री लाजपत आहूजा ने विश्वविद्यालय की संरचना का परिचय देते हुए दादा माखनलाल चतुर्वेदी के योगदान से विद्यार्थियों को अवगत कराया। पत्रकारिता विभाग की विभागाध्यक्ष, डॉ. राखी तिवारी ने रैगिंग के दुष्परिणामों पर प्रकाश डाला। साथ ही विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग के विभागाध्यक्ष, डॉ. पवित्र श्रीवास्तव ने पुरुष-महिला व्यवहारिक सम्मान पर अपनी बात रखी। कल सत्रारम्भ कार्यक्रम के अंतिम दिन 'नई पीढ़ी और टीवी पत्रकारिता' विषय पर इंडियन न्यूज के प्रबंध सम्पादक श्री राणा यशवंत विद्यार्थियों को सम्बोधित करेंगे। सी.बी.आई. के पूर्व प्रमुख पद्मश्री डी.आर.कार्तिकेयन 'नई पीढ़ी के अवसर और चुनौतियाँ' विषय पर उद्बोधन देंगे। टीवी 18 समूह के प्रेसिडेंट न्यूज श्री उमेश उपाध्याय 'मीडिया का बदलता परिदृश्य' विषय पर अपनी बात रखेंगे। 'उदीयमान भारत और युवा' विषय पर भारतीय शिक्षा मण्डल, नागपुर के श्री मुकुल कनिटकर विद्यार्थियों को सम्बोधित करेंगे।
        

 
 
(डॉ. पवित्र श्रीवास्तव)
निदेशक, जनसंपर्क प्रकोष्ठ

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -spot_img

वार त्यौहार