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नोट बंदी से विकास के नए द्वार खुलेंगे

भ्रम दूर करने के लिए लिखी पुस्तक का विमोचन
मुंबई, 26 नवंबर(शनिवार)। नोटबंदी भारतीय अर्थ व्यवस्था की मजबूती के लिए एक ऐसा ऐतिहासिक कदम है, जिससे देश में विकास के नए मानक स्थापित होंगे। बड़ी संख्या में सड़कें बनेंगी, घर सस्ते होंगे, ब्याज दरें घटेंगी, उच्च शिक्षा सस्ती होगी, उद्योग जगत को ज्यादा आर्थिक सहयोग मिलेगा और निवेश बढ़ेगा, जिससे ज्यादा रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी द्वारा आयोजित सेमिनार में यह बात देश के जाने माने वित्त विशेषज्ञों ने कही। इस अवसर पर नोट बंदी पर आम लोगों में पैदा किए जा रहे भ्रम को दूर करने एवं भविष्य की वित्तीय समझ बढ़ाने के लिए विधायक मंगल प्रभात लोढ़ा द्वारा प्रकाशित पुस्तक का विमोचन भी किया गया।
इंडियन मर्चेंट चेंबर में आयोजित सेमिनार में रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी के कार्यकारी निदेशक रविंद्र साठे, आर्थिक मामलों के जानकार डॉ. विनायक गोविलकर, अर्थक्रांति प्रतिष्ठान के ट्रस्टी अनिल शिंदे, जाने माने चार्टर्ड अकाउंटेंट आशीष शाह रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी के सचिव मंगल प्रभात लोढ़ा आदि प्रमुख लोगों ने देश की वर्तमान आर्थिक व्यवस्था में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के निर्णय को देश की सेहत के लिए जरूरी बताय़ा। इस सेमिनार में यह तथ्य सामने आया कि देश अपने आप नहीं बदलता, सारे लोगों के प्रयास से बदलता है। सभी वक्ताओं ने कहा कि आनेवाला समय सभी के लिए के लिए आर्थिक विकास का होगा और देश में विकास के नए रास्ते खुलेंगे। लोगों को समझाया गया कि इस फैसले से कालाधन बाहर आएगा, नकली नोट में लगाम लगेगी। आतंकवाद, नक्सलवाद, और दहशतगर्द लोगों की फाइनेंसिंग पर भी अंकुश लगेगा।हमेशा से कैश इकोनॉमी भारत में रही है, लेकिन अब लोगों को डिजिटल सिस्टम का पता चलेगा। बैंकिंग व्यवस्था का विस्तार होगा. बैंकों में ज्यादा खाते खुलेंगे। सरकार के पास पैसे होंगे तो गरीबों के लिए अस्पताल खुलेंगे, सड़कें बनेंगी, घर सस्ते हो जाएंगे और ब्याज दरें घटेंगी। उद्योग जगत की बरसों पुरानी मांग पूरी होगी. निवेश बढ़ेगा, जिससे ज्यादा रोजगार पैदा होगा। रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी द्वारा आयोजित इस सेमिनार में प्रबुद्ध लोगों एवं वित्त व्यवस्था के जानकार लोगों सहित व्यापारिक एवं आर्थिक क्षेत्र से जुड़े लोगों ने हिस्सा लिया।