Friday, March 29, 2024
spot_img
Homeसूचना का अधिकारमोदी सरकार के दो वर्ष के जश्न पर प्रिंट मीडिया के विज्ञापन...

मोदी सरकार के दो वर्ष के जश्न पर प्रिंट मीडिया के विज्ञापन पर रु 35.58/- करोड़ खर्च

नरेंद्र मोदी सरकार के 2 वर्ष पुरे होने पर खुशी मनाने के लिए मोदी सरकार ने देश के लगभग सभी प्रिंट मीडिया में बड़े पैमाने पर विज्ञापनबाजी सभी प्रिंट मीडिया में बड़े बड़े विज्ञापन दिए। देश के 11236 न्यूज़पेपर के विज्ञापनों 35 करोड़ 58 लाख 70 हजार 388 रुपए खर्च होने की जानकारी सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को दी हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने दिनांक 26 मई 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सरकार को 2 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में विभिन्न विज्ञापनों पर हुए खर्च की जानकारी मांगी थी। डायरेक्टरेट ऑफ एडवरटाइजिंग एंड विसुअल पब्लिसिटी की जन सूचना अधिकारी रुपा वेदी ने अनिल गलगली को नि:शुल्क सीडी भेजी जिसमें 26 मई 2016 को पुरे देश के 11236 न्यूज़ पेपर में प्रकाशित विज्ञापन और जारी की हुई रकम की जानकारी 179 पन्ने में समाहित हैं। इन विज्ञापनों पर 35 करोड़ 58 लाख 70 हजार 388 रुपए खर्च हुए हैं।

मनमोहन सरकार का खर्च शून्य

अनिल गलगली ने डॉ मनमोहन सिंह सरकार ने 2 वर्ष पूर्ण होने पर किए खर्च की जानकारी मांगने पर डायरेक्टरेट ऑफ एडवरटाइजिंग एंड विसुअल पब्लिसिटी की जन सूचना अधिकारी रुपा वेदी ने अनिल गलगली को बताया कि डॉ मनमोहन सिंह सरकार ने 2 वर्ष पूर्ण होते ही इसतरह की कोई भी विज्ञापन की मुहिम डीएवीपी ने नहीं चलाई थी।

शेष खर्च गुलदस्ते में

प्रिंट मीडिया के विज्ञापनों का खर्च बताई गई लेकिन अन्य माध्यम से खर्च कितना किया गया हैं? इसकी जानकारी आज तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अधिकृत तौर पर सार्वजनिक नहीं की हैं। इससे अन्य करोड़ों रुपए का खर्च आज भी गुलदस्ते में हैं।

अनिल गलगली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजकर मांग की हैं कि जिस तरह विदेशी दौरे की जानकारी स्वयंप्रेरणा से वेबसाईट पर सार्वजनिक की हैं उसी तरह सभी खर्च की जानकारी सार्वजनिक करे। देश की आर्थिक स्थिती को देखते हुए बचत करने के बजाय ऐसे कामों पर खर्च करना तर्क संगत नहीं, इसलिए कमसे कम ऐसे खर्चीले कार्यक्रम को टाला जाए, ऐसी अपील अनिल गलगली ने की हैं।

संपर्क

अनिल गलगली
9820130074

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -spot_img

वार त्यौहार