Tuesday, April 16, 2024
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झगड़े की जड़ था ये मुद्दाः ब्रह्मांड की शक्तियाँ दिल्ली सरकार के किस विभाग में आती है

दिल्ली पर अधिकार को लेकर उपराज्यपाल और अधिकारियों के साथ चल रही केजरीवाल सरकार की जुबानी जंग अब मारपीट तक पहुंच गई है। दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने आरोप लगाया है कि सोमवार रात सीएम अरविंद केजरीवाल के सामने आप के दो विधायकों ने उनके साथ मारपीट की और गालियां दीं। पुलिस ने विधायक अमानतुल्लाह सहित अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। मुख्य सचिव के साथ मारपीट पर भड़के दिल्ली सचिवालय के कर्मचारियों ने मंगलवार दोपहर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन और उनके पीएस हिमांशु सिंह को घेर लिया। इनके साथ मारपीट और धक्का-मुक्की का एक विडियो भी सामने आया है। हालांकि पूरे मामले को लेकर हिंदी अखबार ‘दैनिक भास्कर’ ने अपनी एक रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसमें विवाद की जड़ को विस्तार से बताया गया है।

दैनिक भास्कर ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि इस विवाद की जड़ एक विज्ञापन था। दरअसल अंशु प्रकाश का आरोप है कि उन पर आप के एक विज्ञापन को पास कराने का दबाब डाला गया और मना करने पर उनके साथ मारपीट की गई।

तीन साल पूरे होने पर दिल्ली सरकार ने अपनी उपलब्धियों का विज्ञापन बनाया था। इस विडियो विज्ञापन में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि दिल्ली में तीन वर्षों में दिल्ली में भ्रष्टाचार में भारी कमी आई है। अब एक एक पैसा जनता के विकास पर खर्च हो रहा है। बाधाएं बहुत आई हैं, पर आपके हक के लिए हम हर कठिनाई से लड़े। ईश्वर ने हर कदम पर साथ दिया। इस विडियो विज्ञापन की आखिरी लाइन में केजरीवाल कहते हैं, ‘जब आप सच्चाई और ईमानदारी के रास्ते पर चलते हैं तो ब्रह्मांड की सारी दृश्य और अदृश्य शक्तियां मदद करती हैं।’ अधिकारियों ने इसी आखिरी लाइन को सर्टिफाई करने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि राज्य सरकारों के विज्ञापनों के दावों को संबंधित विभागों द्वारा सर्टिफाई करवाया जाए। यहां सवाल यह था कि आखिर ब्रह्मांड की दृश्य, अदृश्य शक्तियां किस विभाग के तहत आती है। ऐसे में दिल्ली सरकार के अफसरों को यह वजह साफ नहीं हो रही थी कि सरकार का कौन सा विभाग इस लाइन को क्लीयर करेगा।

मुख्य सचिव ने कहा- सरकार के तीन साल पूरे होने का एड क्यों अटका है, इस पर बात करने के लिए देर रात बुलाया क्योंकि एड की एक लाइन किस विभाग को पास करनी है, ये तय नहीं हो पा रहा है।

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