Saturday, April 20, 2024
spot_img
Homeफिल्म समीक्षासपनों में सपनों का जलता बूझता दीपक विच्छेदक

सपनों में सपनों का जलता बूझता दीपक विच्छेदक

यह मूवी सपनों के सस्पेंस और थ्रिल पर आधारित है ।जो दर्शकों को देखने के लिए प्रेरित के साथ साथ रिझाएगी । और कुछ सबक भी सिखाएगी। संस्कृति के बदलते दौर में बाप बेटा एक दूसरे के बारे में क्या सोच रखते है ।क्या सपनें क्या हकीकत क्या बदलाव या बीमारी ।पूरी मूवी में यह सस्पेंस बना रहता है। जो दर्शकों को देखने से समझ में आएगा।एक लेखक जो सपनों की दुनियां से उठाई स्क्रिप्ट को फ़िल्म में बदलना चाहता लेकिन ज्यादातर फिल्ममेकर्स स्क्रिप्ट को रिजेक्ट कर देते है विश्वास नहीं करते।इससे लेखक और सोच में पड़ जाता है।वास्तव में सपनों की फिल्मी स्टोरी की स्क्रिप्ट लेकर घूमता फिरता दिखाता भटकते लेखक को घटनाओं का शिकार होकर दर्द झेलना पड़ता है जिसे मूवी में बखूबी फिल्माया गया है। मूवी में सस्पेंस का बरकरार रहने अच्छी स्टोरी लाइन के साथ बेहतरीन सिनेमेटोग्राफी सीन कनेक्टिविटी के साथ कहते हुए मूवी को रुचिदार बना रहे है ।जो दर्शको को शुरू से अंत तक बांधे रखते है।बाप बेटे की वर्तमान व्यवहार की एक इमेज ऐसी है जिस पर आपकी नजर थमकर सोचने को मजबूर कर देंगी। लेखक का किरदार सपनें या बीमारी पर है इस पर अंत तक सस्पेंस बना रहता है।

छात्रों द्वारा बनी इस फ़िल्म को क्यों देखना चाहिए और आपको इसमें क्या देखने को मिलेगा।फ़िल्म के बारे में खास बात यह है कि फ़िल्म सस्पेंस और थ्रिल आधारित है ।जिसे आप आखिरी तक सुलझाने की कोशिश करेंगे ।और राज तब भी बना रहेगा ।छात्र ,अभिभावक,लेखक को यह मूवी जरूर देखना चाहिए। मूवी 4 फरवरी को डीडी सिनेप्लेक्स कोलार में प्रसारित की जाएंगी।

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES

1 COMMENT

Comments are closed.

- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -spot_img

वार त्यौहार