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पाकिस्तान के इस मंदिर की राम लीला में मुस्लिम निभाते हैं अहम किरदार

भले ही उरी अटैक के कारण भारत-पाकिस्तान के बीच जबरदस्त तनाव चल रहा हो, लेकिन नवरात्रि के महीने में पाक में मौजूद हिंदू समाज के लोग रामलीला का मंचन करते हैं। पाकिस्तान में कराची स्थित श्री स्वामीनारायण मंदिर एक ऐसा मंदिर है, जोकि 162 साल पुराना है। यहां न सिर्फ हिंदू, बल्कि मुस्लिम समुदाय के लोग भी दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। यहां पर दशहरा के पहले रामलीला का मंचन किया जाता है। इतना ही नहीं, रामायण के किरदारों की अहम भूमिकाओं में मुस्लिम भी हिस्सा लेते हैं। आइए आज हम आपको बता रहे हैं कि एक ऐसे मंदिर के बारे में जहां पाकिस्तानी हिंदु अपना माथा तो टेकते हैं, साथ ही यहां पर होने वाले सभी धार्मिक आयोजन में हिंदु-मुस्लिम भी भागीदार होते हैं।

इस मंदिर में आ चुके हैं जिन्ना

सन् 1947 में भारत-पाकिस्तान बंटवारे के दौरान कराची स्थित श्री स्वामीनारायण मंदिर को रिफ्यूजी कैंप बनाया गया था। इस मंदिर की वास्तविक मूर्ति बंटवारे के वक्त भारत ले आया गया था, जिसे राजस्थान के खान गांव में स्थापित किया गया था। इस मंदिर में भारत-पाकिस्तान के बंटवारे में अहम भूमिका निभाने वाले पाकिस्तान के मुहम्मद अली जिन्ना यहां आकर दर्शन कर चुके हैं। आजादी और बंटवारे के 42 साल बाद पहली बार अहमदाबाद स्थित श्री स्वामीनारायण मंदिर के साधुओं का एक समूह पाकिस्तान में जाकर इस मंदिर में दर्शन किया था। इसके बाद से अहमदाबाद मंदिर से प्रत्येक वर्ष साधुओं के छोटे-छोटे समूह दर्शन के लिए आते रहे।

मनाएं जाते हैं ये हिंदू त्यौहार

पाकिस्तान हिंदू काउंसिल के अनुसार इस मंदिर में स्वामीनारायण जयंती, राम नवमी, जन्माष्टमी, दशहरा, दिवाली जैसे त्यौहारों पर हिंदू समुदाय के लोग उत्सव मनाते हैं। इस दौरान रामलीला का भव्य रूप में आयोजन किया जाता है। इतना ही नहीं बल्कि होली पर भी धूमधाम से रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। जन्माष्टमी में भजन और भक्तिमय गाने गाए जाते हैं, जबकि दिवाली पर दीप जलाए जाते हैं।

होती हैं शादियां
कराची स्थित इस मंदिर में न सिर्फ त्यौहारों के आयोजन के लिए ही है, बल्कि हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार शादियां भी कराई जाने लगी है। सन् 2008 से हिंदू समुदाय के लोगों के लिए सामूहिक विवाह भी शुरू किया गया था। उस वक्त पहली बार 20 गरीब परिवार के हिंदू जोड़ों की शादी कराई गई थी। तब से लेकर आज तक प्रत्येक वर्ष सामूहिक विवाह का आयोजन किया जाने लगा।

देखिये रामलीला का ये वीडिओ

साभार- लाईव हिन्दुस्तान से