Thursday, April 25, 2024
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पत्रकारिता का जुनून ऐसा कि हाथ से अखबार लिखते हैं दिनेश

कभी-कभी पसंदीदा काम करने का जुनून इंसान पर इस कदर हावी होता है कि वक्त न रहते हुए भी किसी तरह से थोड़ा बहुत समय निकाल ही लेता है। कुछ ऐसे हीं है मुजफ्फरनगर के शख्स दिनेश। नाम पढ़कर शायद आप इन्हें न पहचाने, लेकिन इनका काम ही इनकी पहचान है।

ये एक ऐसे पत्रकार हैं, जो न तो किसी अखबार में काम करते हैं और न ही किसी न्यूज चैनल में। लेकिन यदि आप इनकी कहानी पढेंगे तो आप भी कहेंगे कि वाकई ये है एक हैं सच्चे पत्रकार। दरअसल पत्रकार दिनेश के पास न तो अपनी छपाई मशीन है, न कोई स्टाफ और न ही सूचना-क्रांति के प्रमुख साधन-संसाधन। मात्र कोरी आर्ट शीट और काले स्केज ही उनके पत्रकारिता के साधन हैं।

पिछले 17 सालों से पत्रकार दिनेश अपना हस्तलिखित अखबार चला रहे हैं, जिसका नाम है ‘विद्या दर्शन’। 55 साल के दिनेश मुजफ्फरनगर के गांधी कॉलोनी का रहने वाले हैं। सुबह से शाम तक आजीविका के लिए गली-गली आइसक्रीम बेचने के जैसे काम करते हैं, लेकिन प्रतिदिन अपने अखबार को लिखने के लिए वे सुबह ढाई से तीन घंटे निकाल लेते हैं। लिखने के बाद दिनेश अखबार की कई फोटोकॉपी कराकर शहर के प्रमुख स्थानों पर खुद ही चिपका देते हैं। हर दिन दिनेश अपने अखबार में किसी न किसी प्रमुख घटना अथवा मुद्दे को उठाते हैं और उस पर अपनी गहन चिंतनपरक निर्भीक राय रखते हुए खबर लिखते हैं। अखबार में वे समाज की प्रमुख समस्याओं और उनके निवारण पर भी ध्यान केंद्रित करते हैं। दिनेश को अखबार चलाने के लिए किसी भी प्रकार की सरकारी या गैर-सरकारी वित्त सहायता प्राप्त नहीं नहीं है और न ही वे इसे लेकर कोई आर्थिक कमाई कर पाते हैं। फिर भी अपने हौसले और जूनून से दिनेश लगातार सामाजिक परिवर्तन के लिए अखबार चला रहे हैं।

दिनेश मानते हैं कि भले ही उनके पास आज के हिसाब से साधन-संसाधन नहीं हैं और न ही उनके अखबार का पर्याप्त प्रचार-प्रसार है, फिर भी यदि कोई एक भी उनके अखबार को ध्यान से पढ़ता है और किसी एक के भी विचार-परिवर्तन में उनका अखबार रचनात्मक योगदान देता है तो उनका अखबार लिखना सार्थक है।

दिनेश बचपन से ही वकालत की पढ़ाई और समाज के लिए कुछ करना चाहते थे, लेकिन आर्थिक स्थिति ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी, लिहाजा आठवीं तक पढ़ाई करने के बाद उन्होंने यह काम करना शुरू कर दिया। काम करने के अलावा वे सामाजिक कार्यों में भी हाथ बंटाते हैं।

साभार- http://samachar4media.com/ से

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