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डॉ. अन्नपूर्णा सिसोदिया के काव्य संग्रह का भोपाल के राजभवन में हुआ विमोचन

भोपाल। 29 फरवरी शाम राजभवन भोपाल के सांदीपनि सभागार में कवयित्री डॉ अन्नपूर्णा सिसोदिया के प्रथम काव्य संग्रह ‘औरत बुद्ध नहीं होती’ का विमोचन समारोह आयोजित हुआ। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि गोवा की पूर्व राज्यपाल और वरिष्ठ साहित्यकार श्रीमती मृदुला सिन्हा थी। अध्यक्षता मध्य प्रदेश की संस्कृति मंत्री डॉ. सुश्री विजयलक्ष्मी साधौ ने की, विशिष्ट अतिथि के रूप में मुंबई विश्वविद्यालय के हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ करुणाशंकर उपाध्याय, अक्षरा पत्रिका के प्रधान संपादक श्री कैलाश चंद्र पंत जी एवं अभियान संस्था के संस्थापक श्री अमरजीत मिश्र थे।

मृदुला सिन्हा जी ने कवयित्री डॉ अन्नपूर्णा सिसोदिया को आशीर्वाद देते हुए कहा कि अन्नपूर्णा ने नारी जीवन को अपनी कविताओं में बड़े सुंदर ढंग से बांचा है। औरत की पीर को कहा है। मृदुला जी ने कहा कि इन कविताओं को पढ़ते हुए बस मन भीग गया। संस्कृति मंत्री डॉ विजय लक्ष्मी साधो ने कवयित्री को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि डॉ अन्नपूर्णा की कविताएँ लोक से, संस्कृति से जुड़ी हैं, श्री कैलाश चंद्र पंत जी ने कहा कि डॉ अन्नपूर्णा ने नारी जीवन के साथ – साथ, प्रकृति, पर्यावरण, व्यवस्थागत विसंगतियों पर प्रहार, संस्कृति के उदात्त रूप के संरक्षण आदि अनेक विषयों को इस संग्रह में समाहित किया है।

श्री अमरजीत मिश्र ने अपने वक्तव्य में डॉ अन्नपूर्णा की कविताओं को लोकजीवन से जुड़ा हुआ बताया, उन्होंने कहा कि डॉ. अन्नपूर्णा की कविताएँ किसी का विरोध करने के स्थान पर अपना पक्ष बड़ी दृढ़ता से रखती हैं। डॉ करुणाशंकर उपाध्याय ने शिव परिवार का उदाहरण देते हुए काव्य संग्रह की कविताओं का विवेचन करते हुए कहा कि डॉ अन्नपूर्णा की भाषा बहुत सहज और मर्मस्पर्शी है। विरोध का स्वर मुखर करती कविताओं में भी कड़वाहट के स्थान पर उपयुक्त भाषा का चयन इनकी कविताओं कि विशेषता है।

डॉ अन्नपूर्णा सिसोदिया ने अपने काव्य संग्रह के विषय में बताते हुए कहा कि मेरा यह काव्य संग्रह एक यात्रा है, हर स्त्री की यात्रा जो अपने परिवार को साथ लेकर अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए अपने सपनों में रंग भरती है। वह आसमां को छूती है लेकिन अपने बच्चों को पहले महत्व देती है, उसके ममत्व पर विरक्ति का भाव आरोपित नहीं हो पाता।

इस अवसर पर भोपाल के हिन्दी साहित्य जगत के जाने-माने कवि, साहित्यकारों की विशेष उपस्थिति रही। इंदौर, मुंबई, साँची, गुना आदि अनेक स्थानों से आए हुए साहित्यकारों ने भी कार्यक्रम में आकर डॉ अन्नपूर्णा सिसोदिया को शुभकामनाएँ दी।