Friday, March 29, 2024
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बहादुर पीडि़ता का वो बयान, जिसने आसाराम का भविष्य जेल की सलाखों से लिख दिया

जोधपुर: नाबालिग से बलात्कार के आरोप में जोधपुर कोर्ट ने आसाराम को दोषी करार दिया है. सजा पर फिलहाल बहस चल रही है. आसाराम के अलावा कोर्ट ने शिल्पी और शरदचंद्र को भी जोषी करार दिया है. जबकि, दो अन्य आरोपियों शिवा और प्रकाश को बरी कर दिया गया है.

पीड़िता ने पुलिस को दिए बयान में हॉस्टल में तबीयत बिगड़ने से लेकर उस रात आसाराम द्वारा की गई घिनौनी हरकतों के बारे में बताया है. पुलिस की चार्जशीट में दर्ज नाबालिग पीड़िता की दासतान खौफनाक है. आइए जानते हैं उस रात क्या हुआ…

पीड़िता ने बताया-

अचानक मुझे एक दिन चक्कर आया तो मुझे मेरी हॉस्टल वॉर्डन शिल्पी ने बताया कि मेरे ऊपर भूत प्रेतों का साया है. उन्होंने कहा कि वो आसाराम बापू से इस बारे में बात करेंगी. 7 अगस्त 2013 को शिल्पी ने मेरी खराब तबियत के बारे में मेरे घर फोन करके बताया.

उसने मेरे घरवालों से कहा कि किसी बड़े शहर में ले जाकर इसका इलाज करवाओ. 8 अगस्त 2013 की रात 10-11 बजे के बीच मेरे मां और पापा गुरुकुल पहुंच गए. मेरी उनसे फोन पर बात भी हुई थी.

9 अगस्त 1013 की सुबह मां और पापा गर्ल्स हॉस्टल मुझे लेने आए. तब शिल्पी से उनकी बात हुई. शिल्पी ने उनसे मेरे बारे में कहा कि मेरे ऊपर भूत-प्रेतों का साया है. इस बारे में हमने बापू को बता दिया है, उन्होंने इसे अपने पास बुलाया है.

शिल्पी ने मेरे मम्मी पापा से कहा कि बापू जहां भी हैं इसे फौरन उनके पास लेकर जाओ.

9 अगस्त 2013 को मैं अपने घर शाहजहांपुर पहुंच गई. तब पापा ने पता किया कि बापू कहां हैं. पता चला कि 12 अगस्त 2013 को बापू दिल्ली आएंगे. हम 13 अगस्त को दिल्ली पहुंचे तो पता चला कि बापू जोधपुर में हैं.

शिवा नाम का एक आदमी बापू की सेवा में रहता था. उसने हमसे कहा कि तुम जल्ली से जोधपुर आ जाओ. हम 14 अगस्त 2013 को जोधपुर के आगे मणही गांव के पास पहुंचे. जहां बापू आए हुए थे हम वहां पहुंचे तो गेट बंद था. सभी साधक बाहर खड़े थे.

पापा ने शिवा से फोन पर बात की तो उन्होंने गेट खुलवा दिया. हम अंदर गए तो बापू कुर्सी पर बैठकर सत्संग कर रहे थे. हम भी वहां बैठ गए.

बापू ने पूछा- तुम कहां से आए हो.

मैंने बताया- मैं गुरुकुल में पढ़ती हूं. उन्होंने कहा कि वो मेरा भूत निकालेंगे.

उन्होंने हमसे आध्यात्मिक और मेरे भविष्य को लेकर बातें भी कीं. उस रात बापू ने हम तीनों को अपने पास बुलवाया.
हमें अपनी कुटिया दिखाई और प्रसाद देकर हमें आराम करने के लिए भेज दिया. हम उन्हीं के द्वारा दिए गए रूम में रुके थे.

15 अगस्त 2013 को बापू ने हमारे लिए खाना भिजवाया. उस रात फिर बापू ने हमें कुटिया में बुलवाया. हम वहां गए तो उन्होंने पहले मम्मी-पापा से बात की और उन्हें गेट के पास बिठा दिया और कहा कि यहां बैठकर ध्यान करना और फिर चले जाना.

इसके बाद बापू ने मुझे कुटिया के पीछे चबूतरे पर बिठा दिया. एक ग्लास दूध पीने के लिए दिया. इसके बाद उन्होंने मेरे मम्मी पापा को वहां से जाने के लिए कहा लेकिन वो वहां से गए नहीं. थोड़ी देर में पापा चले गए लेकिन मम्मी वहीं बैठी रहीं.

बापू सामने के दरवाजे से अंदर चला गया और लाइट बंद कर दी. पीछे के दरवाजे से मुझे अंदर बुलाया. मैं अंदर गई तो उसने मुझे अपने पास बिठाया और बातें करने लगा. फिर उसने मुझसे कहा कि अपने मां-बाप को देखकर आओ कि वो क्या कर रहे हैं.

मैंने आकर बताया कि मां बैठी है और पापा चले गए. फिर उसने रूम लॉक कर दिया और मुझसे छेड़छाड़ करने लगा. मैं चिल्लाने लगी तो उसने कहा कि वो मेरे मां-बाप को मरवा देगा. मुझे डरा धमकाकर मेरा मुंह बंद करा दिया.

उसने मुझे चूमा और मेरे साथ जबरदस्ती की. मैं रोने लगी तो उसने मेरा मुंह दबाकर बंद कर दिया. करीब डेढ़ घंटे तक उसने मेरे साथ जबरदस्ती की. रूम के बाहर उसके 2-3 सेवक भी खड़े थे. जैसे ही मैं बाहर आई तो उसने मुझे फिर धमकी दी और इस बारे में किसी को कुछ नहीं बताने के लिए कहा. मैं वापस अपनी मां के साथ अपने रूम में आ गई.

16 अगस्त 2013 को बापू वहां से दिल्ली के लिए निकल गया और हम अपने घर आ गए. जाने से पहले बापू ने मेरे पापा से कहा कि इसे अभी अहमदाबाद भेज दो. वहां 7-8 दिन अनुष्ठान करेगी फिर मैं इसे छिंदवाड़ा पहुंचवा दूंगा. लेकिन इस घटना के बाद मैं वहां नहीं गई और घर पहुंचकर अपने मां बाप को पूरी बात बता दी.

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