Friday, March 29, 2024
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केंद्र सरकार और राजभाषा विभाग में हिंदी वालों की कोई सुनवाई नहीं

सेवा में,
श्रीमान् अजय कुमार मिश्रा (टेनी)
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री,
भारत सरकार, नई दिल्ली

संदर्भ- 19 जनवरी 2018 की शिकायत सं- DCOYA/E/2018/00084, 2 अगस्त 2019 की शि. सं. DCOYA/E/2019/01762, 19 नवंबर 2019 की शि. सं. DCOYA/E/2019/02713, 2 अक्टूबर 2020 की शि. सं. DCOYA/E/2020/08256, 23 अक्तूबर 2020 की ईमेल शिकायत, 23 नवंबर 2020 की शि. सं. DCOYA/E/2020/10856, राजभाषा विभाग का 29 अक्तूबर 2020 का अग्रेषण पत्र, कार्पोरेट कार्य मंत्रालय का 14 दिसंबर 2020 को प्राप्त उत्तर, 24 दिसंबर 2020 की शि. सं. DCOYA/E/2020/11419, एवं 19 जनवरी 2020 की शि. DCOYA/E/2021/00605

माननीय मंत्री महोदय,

14 दिसंबर 2020 की मेरी शिकायत पर राजभाषा विभाग ने आज 8 महीने बाद भी कोई ठोस कार्यवाही नहीं की है, ये केवल शिकायतों को संबंधित विभाग को फारवड कर देते हैं। राजभाषा विभाग द्वारा कारपोरेट कार्य मंत्रालय के विरुद्ध कोई कार्यवाही न करने का कारण समझ से परे है।

राजभाषा विभाग राजभाषा अधिनियम का पालन करवाने में दिन-प्रतिदिन उदासीन होता जा रहा है जिससे केंद्र सरकार के मंत्रालयों, निगमों व विभागों में राजभाषा हिन्दी व राजभाषा अधिकारियों की स्थिति अत्यंत दयनीय होती जा रही है, इसका प्रमाण आप 20 साल से जारी हो रहे वार्षिक कार्यक्रम में देख सकते हैं, जिसमें 20 सालों से एक समान लक्ष्य रखे जा रहे हैं क्योंकि किसी भी साल में किसी भी विभाग और मंत्रालय उनका पालन न तो करता है और न करने के लिए तैयार है।

आप मंत्री हैं और राजभाषाई कार्य आपके अधीन आते हैं इसलिए आपसे हाथ जोड़कर विनती है कि राजभाषा विभाग की 1970 के दशक से चली आ रही ढर्रे वाली कार्य-प्रणाली को अब ठीक करें ताकि यह विभाग अपनी सार्थकता सिद्ध कर सके। यदि ऐसा न किया गया तो आने वाले समय में गैर-उपयोगी खर्चीले विभाग के समापन की माँग उठ सकती है।

आपके समक्ष सभी प्रमाणों सहित विस्तृत शिकायत व कार्पोरेट कार्य मंत्रालय के अधिकारी का उत्तर पुनः संलग्न है जिस पर ठोस कार्यवाही की जानी चाहिए।

कार्पोरेट कार्य मंत्रालय में राजभाषा अधिनियम के सभी प्रावधानों का लगातार व जानबूझकर उल्लंघन किया जा रहा है और आम जनता की शिकायतों पर कार्यवाही नहीं की जाती है। पिछले 5 सालों में मेरे द्वारा दर्ज शिकायतों को कार्पोरेट कार्य मंत्रालय के अधिकारी राजभाषा नियमावली 1976 के नियम 5 का उल्लंघन करते हुए बिना कोई समाधान किये अंग्रेजी में लिखकर बंद कर देते हैं।

राजभाषा विभाग भी जन शिकायतों को अनेक अनुस्मारकों के बाद केवल अग्रेषित (फॉर्वर्ड) कर देता है पर कभी कार्पोरेट कार्य मंत्रालय के अधिकारियों से बैठकों में इन बातों को नहीं उठाता है कि आपका मंत्रालय जन शिकायतों व राजभाषा विभाग के पत्रों पर उचित कार्यवाही क्यों नहीं करता है।

प्रमाण संलग्न हैं, आशा है आप मेरी शिकायत पर समुचित कार्यवाही कर उत्तर प्रदान करेंगे।

भवदीय

सरफराज नागोरी

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