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आज़ादी के ये संकल्प कि बात बन जाए !

क्यों न हम इस आजाद भारत को
और बेहतर बनाने के लिए
छोटी छोटी बातों को
अपने जीवन में अमल लाएं
और इस भारत भूमि को
स्वर्ग से भी सुंदर बनायें

चलिए इस आजादी के पर्व पर हम सभी प्रण लेते हैं कि हम सभी वो सभी कार्य करेंगे जिससे हमारा देश भारत पूरे विश्व में ज्यादा महान बने और हम भारतीयों की तरफ से इस आजादी के पर्व के जरिये पूरे विश्व को नया जीवन जीने का एक नया संदेश मिले।बड़ी-बड़ी बातों और बड़े-बड़े वादों के बदले हम छोटी-छोटी कोशिशें अपने स्तर पर कर सकें तो फ़िज़ा बदलते देर न लगेगी।

कुछ सुझाव और सन्देश यहाँ साझा कर लें कि हम वास्तव में आज़ाद होने का परिचय दे सकें और आज़ादी के सही हकदार बन सकें –

हम स्वच्छता बनाये रखेंगे
स्वच्छ रहेंगे।
स्वच्छ भारत बनाएँगे।

कूड़ा करकट इधर-उधर नही फेंकेंगे।
निश्चित तय स्थान पर ही कचरा फेंकेंगे।
स्वच्छता मित्रों का सम्मान करेंगे, उन्हें सहयोग देंगे।

धरती की हरियाली बचाये रखेंगे।
अपने आस-पास पेड़-पौधे लगाएंगे।
और लोगों को भी जगायेंगे।
धरती माता का कर्ज़ चुकाएंगे।

देश की धड़कन रेलवे को
यात्रियों की अधिक सुविधा के काबिल
और उनके ज्यादा भरोसे के साथ
उनके दिलों की धड़कन भी बनाएंगे।

टालमटोल की आदत अगर हो तो छोड़ कर दिखाएंगे।

किसी को बेवजह परेशान नहीं करेंगे । न ही बेवजह परेशान होंगे।

किसी गरीब या ज़रूरतमंद का अनादर नहीं करेंगे ।
और ना ही उसके हाल पर कभी हँसेगे।

कठिन काम भी सरल रहकर करने की आदत विकसित करेंगे।
और जो सरल हैं उनकी राह कठिन बनाने की कुचेष्टा नहीं करेंगे।

सकरात्मक सोच के साथ ऊर्जावान माहौल बनाएँगे।

किसी की आंख के आंसू का कारण नहीं बनेंगे ।
किसी की खुशी से मायूस नहीं होंगे।

किसी के पाँव का कांटा भले ही न निकाल सकें,
किसी की राह की बाधा कतई नहीं बनेंगे।

काम कितना कठिन ही क्यों न हो कभी हार नहीं मानेंगे।
कोशिश ही हमारा लक्ष्य होगा।

बूढ़े माता-पिता, बुजुर्गों का सम्मान करेंगे।

अक्सर हम खुद को हर हाल में सही साबित करने के लिए
गलत को भी सही करना चाहते हैं।
हम इस बार स्वतंत्रता दिवस पर संकल्प करें
कि ऐसा करने से बचेंगे।

हम विश्व गुरू भारत की दुनिया का सिरमौर बनाने की
हर कोशिश में अपने स्तर पर सहभागी बनेंगे।

हार को जीत में और गीत में बदलने की कला सीखेंगे।

हमारी खुशी और हमरे इत्मीनान के लिए बड़े और कड़े जोखिम उठाने वाले और
देश की सीमा की रक्षा करने वाले सैनिकों और जांबाजों पर गर्व करेंगे।

राष्ट्र प्रथम की उच्च भावना के साथ सच्चे भारतीय होने का परिचय देंगे।
और विश्व मंगल की कामना के साथ विश्व के भी नागरिक होने का प्रमाण देंगे।
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(लेखक शासकीय महाविद्यालय राजनांदगाँव छत्तीसगढ़ में प्राध्यापक हैं)
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