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पश्चिम रेलवे की कुल 1226 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों ने 18.44 लाख प्रवासी मजदूरों और परिजनों को पहुॅंचाया उनके गृहनगर

मुंबई। श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को चलाने के भारतीय रेलवे के महत्त्वपूर्ण फैसले से लाखों प्रवासी श्रमिक और उनके परिवार बड़े पैमाने पर लाभान्वित हुए हैं। इसी क्रम में 17 जून, 2020 को सूरत से रवाना हुईं 2 और श्रमिक स्पेशल ट्रेनोंं के साथ पश्चिम रेलवे ने 2 मई, 2020 से 17 जून, 2020 तक कुल 1226 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया है, जिनके माध्यम से 18.44 लाख प्रवासी मजदूरों और उनके परिवारजनों को उनके इच्छित गंतव्यों तक पहुॅंचाया जा चुका है।

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री रविन्द्र भाकर द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 1226 श्रमिक विशेष गाड़ियों में से, बिहार के बाद उत्तर प्रदेश के लिए अधिकतम रेलगाड़ियाँ चलाई गईं। विशेष श्रमिक ट्रेनों को उड़ीसा, मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, गुजरात, मणिपुर, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, असम और महाराष्ट्र के लिए भी परिचालित किया गया।लगभग 18.44 लाख यात्रियों को 2 मई, 2020 से 17 जून, 2020 तक देश के विभिन्न राज्यों में उनके गृहनगरों के लिए पश्चिम रेलवे द्वारा पहुॅंचाया गया है। श्री भाकर ने बताया कि इन श्रमिक विशेष ट्रेनों ने लॉकडाउन के कारण फॅंसे हुए मजदूरों के तेज़ी से आवागमन को सुगम बनाने में उल्लेखनीय मदद की है। 17 जून, 2020 को, दो श्रमिक विशेष ट्रेनें गुजरात से रवाना हुईं।

ये दोनों ट्रेनें सूरत से क्रमशः उड़ीसा के ब्रह्मपुर और बिहार के दानापुर के लिए रवाना हुईं। 3 मई से 17 जून, 2020 तक, कुल 187 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें मुंबई उपनगरीय सेक्शन के तहत विभिन्न स्टेशनों से निकली हैं, जिनमें बांद्रा टर्मिनस से 68 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें, बोरीवली से 73, वसई रोड से 31, दहानू रोड से 2 और पालघर स्टेशन से चलीं 13 ट्रेनें शामिल हैं। इन ट्रेनों को गोरखपुर, जौनपुर, गोंडा, वाराणसी, प्रतापगढ़, भागलपुर, प्रयागराज, दरभंगा, दानापुर, हावड़ा आदि के लिए रवाना किया गया। इन 1226 ट्रेनों में से, मुंबई डिवीजन ने सबसे अधिक 714 ट्रेनें, अहमदाबाद डिवीजन ने 259, वडोदरा डिवीजन ने 100, भावनगर डिवीजन ने 30, राजकोट डिवीजन ने 117 और रतलाम डिवीजन ने 6 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें परिचालित की हैं। इन विशेष ट्रेनों को सभी सामाजिक मानदंडों को बनाए रखते हुए परिचालित किया जा रहा है। साथ ही यात्रियों की समुचित थर्मल स्क्रीनिंग भी उनके ट्रेन में चढ़ने से पहले सुनिश्चित की जा रही है। यात्रा के दौरान यात्रियों को मुफ्त भोजन और पैकेज्ड पेयजल भी दिया जा रहा है।

श्री भाकर ने बताया कि 22 मार्च से 17 जून, 2020 तक कुल 6632 रेक मालगाड़ियों का उपयोग पश्चिम रेलवे द्वारा 13.50 मिलियन टन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए किया गया है। 13,140 मालगाड़ियों को अन्य जोनल रेलों के साथ इंटरचेंज किया गया है, जिनमें 6,588 ट्रेनों को सौंप दिया गया और 6,552 ट्रेनों को अलग-अलग इंटरचेंज पॉइंट पर ले जाया गया। पार्सल वैन / रेलवे मिल्क टैंकर (आरएमटी) के 344 मिलेनियम पार्सल रेक देश के विभिन्न भागों में दूध पाउडर, तरल दूध और अन्य सामान्य उपभोक्ता वस्तुओं की मांग के अनुसार आपूर्ति करने के लिए भेजे गए हैं। श्री भाकर ने बताया कि 18 जून, 2020 को तीन पार्सल स्पेशल ट्रेनें पश्चिम रेलवे से चलाई गईं, जिनमें बांद्रा टर्मिनस – लुधियाना और कांकरिया – खुर्दा रोड पार्सल स्पेशल ट्रेन शामिल हैं। इनके अलावा दूध की एक रेक भी पालनपुर से हिंद टर्मिनल के लिए रवाना हुई। गौरतलब है कि 23 मार्च से 17 जून, 2020 तक लॉकडाउन की अवधि के दौरान, पश्चिम रेलवे द्वारा लगभग 343 पार्सल विशेष गाड़ियों के ज़रिये लगभग 59 हजार टन वजन वाली वस्तुओं का परिवहन किया गया, जिनमें कृषि उत्पाद, दवाएं, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल थे। इस परिवहन के माध्यम से उत्पन्न आय, लगभग 18.80 करोड़ रु. रही। इस अवधि के दौरान, पश्चिम रेलवे द्वारा 44 मिल्क स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं, जिनमें 32 हजार टन से अधिक का भार था और वैगनों के 100 % उपयोग से लगभग 5.65 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। इसी तरह, 23 हजार टन से अधिक भार वाली 294 कोविद -19 विशेष पार्सल ट्रेनें भी आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गईं, जिनके लिए राजस्व 12.09 करोड़ रुपये था। इनके अलावा, 2378 टन के 5 इंडेंटेड रेक भी 1.07 करोड़ रुपये से अधिक के राजस्व के लिए 100% उपयोग के साथ चलाये गये।

श्री भाकर ने बताया कि कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण पश्चिम रेलवे की कमाई का कुल घाटा 1359 करोड़ रुपये से अधिक रहा है, जिसमें उपनगरीय खंड के लिए 195.03 करोड़ रुपये और गैर-उपनगरीय के लिए 1164.12 करोड़ रुपये का नुक़सान शामिल है। इसके बावजूद अब तक टिकटों के निरस्तीकरण के परिणामस्वरूप, पश्चिम रेलवे ने 347.32 करोड़ रुपये की रिफंड राशि वापस करना सुनिश्चित किया है। गौरतलब है कि इस रिफंड राशि में अकेले मुंबई डिवीजन ने 163.29 करोड़ रुपये का रिफंड सुनिश्चित किया है। अब तक, 53.37 लाख यात्रियों ने पूरी पश्चिम रेलवे पर अपने टिकट रद्द कर दिए हैं और तदनुसार उनकी रिफंड राशि प्राप्त की है।