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‘पधारो रोशन भारत मे’ – पर्यटको को न्योता

अंतराष्ट्रीय जगत में भारत की नई रोशन होती छवि की पृष्ठभूमि में सरकार  ने चर्चित "मेक इन इंडिया" के अपने कार्यक्रम की तरह देश विदेश के पर्यटकों को "वेलकम टु इन्क्रेडिबल इंडिया" यानि "पधारो इस रोशन भारत में" का न्यौता दिया है। "स्वच्छ भारत, स्वच्छ स्मारक और स्वच्छ पर्यटन" की इस मुहिम के तहत  ताजमहल, कुतुब मीनार, खजुराहो, सारनाथ, कोणार्क सूर्य मंदिर जैसे देश के जाने माने 25स्मारकों व पर्यटन स्थलों को "स्वच्छ भारत अभियान" से जोड़ कर उन्हें "आदर्श स्मारक" बनाने के साथ ,वहाँ सैलानियो के लिये विशेष सुविधायें उपलब्ध कराई जा रही है ताकि भारत के पर्यटन स्थलों से सैलानी सुखद अनुभव व  अमिट यादों के साथ साथ,   ऐसे ही  और पर्यटन स्थलो को देखने की चाहत के साथ  दोबारा वापस लौटे.
 
पर्यटन मंत्रालय- पर्यटन के क्षेत्र में विकास की संभावनाओं के नए द्वार खोल रहा है। केंद्र सरकार विदेशी मुद्रा के अर्जन के लिए पर्यटन को एक बेहद अहम सेक्टर मान रही है। चाहे घरेलू पर्यटक हों या सात समंदर पार कर भारत की धरती पर कदम रखने वाले विदेशी पर्यटक, उन्हें यहां घूमने-फिरने में कोई दिक्कत नहीं हो, इस पर केंद्र सरकार का विशेष ध्यान है। यही नहीं, इस मुहिम में राज्य सरकारों को भी शामिल करने की कोशिश की जा रही है, क्योंकि उनके सार्थक सहयोग के बिना पर्यटकों को लुभाने की योजना परवान नहीं चढ़ सकती। गत 25 दिसंम्बर को "सुशासन दिवस" के अवसर पर यह मुहिम शुरू की गयी। इस मुहिम से न केवल पर्यटक भारत में बेहतर रखरखाव वाले पर्यटन स्थलों को  देख कर सुखद अनुभूति कर सकेंगे और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को सराह सकंगे , बल्कि इससे देश विदेश के पर्यटकों की संख्या  भी बढ़ेगी, जिससे पर्यटन से अर्जित होने वाली विदेशी मुद्रा तो बढ़ेगी ही, भारत की छवि भी और निखरेगी। केन्द्रीय पर्यटन मंत्री डाॅ महेश शर्मा ने उम्मीद जताई है कि इन नये कदमों से देश में आने वाले विदेशी पर्यटकों की वर्तमान संख्या 72 लाख से बढ़ कर तीन वर्ष में लगभग दुगुनी हो सकेगी। उन्होंने कहा "इस अभियान का मंत्र है- स्वच्छता, सुरक्षा और आतिथ्य"। उन्होंने बताया भारत की अत्यंत समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है, यहां पर्यटन को बढाने की अपार संभावनाये हैं। उन्हें उम्मीद है कि इन तमाम प्रयासों से सैलानी इस 'नये रोशन भारत' से बहुत प्रभावित होंगे और "स्वच्छ भारत, स्वच्छ स्मारक और स्वच्छ पर्यटन" की मुहिम अत्यंत सफल रहेगी तथा सैलानी अपने इस "भारत को जानेंगे और उसे मानेंगे"।
 
इसी मुहिम के तहत उठाये जा रहे कदमों के नतीजे दिखने लगे हैं। इस अंतर्गत भारतीय पुरातत्व विभाग ए.एस.आई ने अपने अधीनस्थ राष्ट्रीय महत्व के 3680 स्मारकों एवं पर्यटन स्थलों में से 25 स्मारकों की पहचान'आदर्श स्मारक' के रूप में की है और इनके रख रखाव को बेहतर बनाने के साथ यहाँ विशेष सुविधायें दिये जाने के लिये कदम उठाने शुरू कर दिये हैं। इनमें से कुछ स्थल हैं-लेह स्थित लेह पैलेस, नई दिल्ली स्थित हुमायुं का मकबरा, आगरा स्थित ताजमहल, नई दिल्ली स्थित कुतुब परिसर, दिल्ली स्थित लाल किला, मध्य प्रदेश स्थित खजुराहो और मांडू महल, उत्तर प्रदेश स्थित फतेहपुर सिकरी और सारनाथ, बिहार स्थित वैशाली,राजस्थान स्थित कुंभलगढ़ किला तथा गुजरात स्थित रानी की वाव सहित कुछ अन्य स्मारक। इन स्मारकों पर वाई-फाई सुविधा, सुरक्षा , अतिक्रमण मुक्त क्षेत्र  आदि सुनिश्चित किये जाने   जैसे कदम उठाये जा रहे है . पर्यटन मंत्रालय के इस कार्यक्रम के तहत इन स्थानों पर विकलांगों के लिए  भी विशेष सुविधाएं होंगी। साफ-सफाई को बढ़ावा देने के लिए इन स्मारकों पर "स्वच्छ भारत अभियान" के अंतर्गत सफाई की विशेष व्यवस्था की जा रही है । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गत 2 अक्टूबर को 'स्वच्छ भारत अभियान' की पहल की थी। इस अभियान का उद्देश्य स्वच्छ भारत के सपने को साकार करना है। इसके तहत राष्ट्रीय धरोहर माने जाने वाले स्मारकों पर भी स्वच्छता को लेकर एक व्यापक पहल की गई है। इसके अलावा वहाँ के शौचालयों की देख-रेख के लिए स्वैच्छिक संगठन सुलभ इंटरनेशनल के करार किया जा रहा है ताकि "स्वच्छ भारत, स्वच्छ स्मारक और स्वच्छ पर्यटन" सुनिश्चित किया जा सकें.
 
पर्यटन मंत्रालय के अनुसार इस नयी मुहिम में अनेक प्रभावी कदमों को समाविष्ट किया गया है। इसके अंतर्गत पर्यटकों की सुरक्षा के लिये, पर्यटन पुलिस का गठन, इंडिया हेल्प लाइन की स्थापना, विशेष तौर पर महिला सैलानियों के लिये प्रयाप्त सुरक्षा बंदोबस्त, पर्यटकों को सड़कों पर बने 'खोको 'को भारत के मशहूर लजीज व्यंजन यानि "स्ट्रीट फूड" स्वच्छता के साथ उपलब्ध कराने, वेब आधारित ई-टिकटिंग की शुरूआत, ब्रेल लिपि में पर्यटन पुस्तिकायें उपलब्ध करना इत्यादि ऐसी ही कुछ पहल है। पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा बंदोबस्त बेहतर किये जाने पर बल देते हुए सूत्रों का कहना है कि पर्यटकों, खासकर महिला पर्यटकों से जुड़ी आपराधिक घटनाओं के बारे में मीडिया में आने वाली खबरों को ध्यान में रखते हुए विदेशी टूर आॅपरेटर और भारत की संभावित यात्रा के इच्छुक लोग इस पर चिंता जताते रहे हैं। इस क्षेत्र के दलाल भी उनके लिए चिंता का विषय है। इसे ध्यान में रखते हुए पर्यटन मंत्रालय ने प्रायोगिक आधार पर ‘इन्क्रेडिबल इंडिया हेल्पलाइन’ की स्थापना की है, ताकि किसी भी तरह की आपातकालीन स्थिति में पर्यटको को  आवश्यक मदद मिल सके। इसमें चिकित्सा सहायता भी शामिल हैं। इसके लिए टोल फ्री नंबर 1800111363 है या संक्षिप्त कोड 1363 है। इसके अलावा पर्यटन मंत्रालय की वेबसाइट पर एक एडवाइजरी पोस्ट की गइ है जिसमें उन्हे भरोसा दिलाया गया है कि  महिलाओ एवं विदेशी पर्यटकों के लिए भारत की एक सुरक्षित गंतव्य स्थल है।
 
इसके साथ ही "स्वच्छ भारत अभियान पकवान" मुहिम  भी शुरू की गयी है। इस के तहत "स्ट्रीट फूड" की क्वालिटी बेहतर बनाने के लिये स्वच्छ पकवान (हुनर जायका) का कार्यक्रम भी शुरू किया गया है। इसके जरिये खान पान वेंडर्स अपना कौशल बढ़ायेंगे और साफ-सफाई का भी ध्यान में रखेंगे। मंत्रालय इन स्ट्रीट वेंडर्स को प्रशिक्षण देने उनके उत्पादों की पड़ताल करने और प्रमाणीकरण के लिए नेशनल एसोसिएशन आॅफ स्ट्रीट वेंडर्स आॅफ इंडिया (एनएएसीआई) के साथ सहभागिता कर रहा है। चूंकि इस तरह के वेंडर्स का कोई अता-पता नहीं होता है, इसलिए एनएएसवीआई के साथ सहभागिता करने का निर्णय लिया गया है। कार्यक्रम के तहत प्रक्षिशण के बाद उनके कौशल को परखा जाएगा। प्रशिक्षण पर उन्हें कुछ भी खर्च नहीं करना पड़ैगा और हर प्रशिक्षु को अधिकतम छह दिनों के लिए हर रोज 200 रुपये दिए जाएंगे ताकि उनकी दैनिक कमाई की भरपाई हो सके।। इस कवायद का लाभ स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने में भी होगा।
 
इस कार्यक्रम की एक  अन्य अनूठी पहल ‘हुनर से रोजगार तक’ का कार्यक्रम है। समावेशी विकास को बढ़ाने के लिए 12वीं योजना मं हुनर से रोजगार तक को एक महत्वपूर्ण माध्यम माना गया है। इस कार्यक्रम का लक्ष्य है कि 18 से 28 साल तक के आयु वर्ग के युवाओं में रोजगारपरक कौशल विकसित करना। इस योजना के अंतर्गत खाद्य एवं पेय सेवा, खाद्य उत्पादन, हाउसकीपिंग, बेकरी-उत्पाद, पैटीज आदि बनाना और वाहन चालान का प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षण की अवधि 6 से 8 सप्ताह की है। इस कार्यक्रम को कौशल विकास के लिए महत्वपूर्ण प्रमुख पहल के रूप में स्वीकार किया गया है। मंत्रालय इसके सुलभ कार्यान्वयन के लिए लगातार प्रयास कर रहा है ताकि पूरे देश में अधिक से अधिक युवाओं तक पहुंचा जा सके। इसके लिए पारंपरिक और अभिनव उपायों को काम में लाया जा रहा है। इसके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी पर्यटन मंत्रालय द्वारा प्रायोजित अनेक संस्थानों को भी दी गई है। इसमें निजी क्षेत्र का सहयोग लेने का भी निर्णय लिया गया है,जिनमें औद्योगिक इकाइयां शामिल हैं। इसके तहत भारतीय सेना के साथ भी एक करार किया गया है। इसे'हुनर से रोजगार सेना के सहयोग' से कहा जाता है।
 
 हाल ही में पर्यटन मंत्री ने आगरा स्थित ताजमहल ओर नई दिल्ली स्थित हुमायुं के मकबरे पर वेब आधारित ई-टिकटिंग की सुविधा  भी पर्यटको के सुविधा के लिये शुरू की है। इसके तहत स्मारक देखने के इच्छुक पर्यटकों की सहूलियत के लिए ऐसे स्मारकों पर ई-टिकटिंग की सुविधा देने का निर्णय लिया गया है जहां बड़ी संख्या मंे सैलानी आते हैं। इसके लिए सुशासन दिवस यानी गत 25 दिसंबर को एक वेबसाइट लांच कर दी गई इसके साथ ही दिल्ली के स्मारकों पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने दिल्ली के स्मारकों पर एक ब्रेल बुक तैयार की है, ताकि नेत्रहीन व्यक्ति इन तमाम स्मारकों से वाकिफ हो सकें, और इस लिपि के माध्यम से इन विरासतो की खूबसुरती को सराह सके।
 
'इलेक्ट्रानिक ट्रेवल आॅथराइजेशन' के जरिये 'आगमन पर पर्यटक वीजा' पर्यटन उद्योग के लिए 2014 का साल इस लिहाज से ऐतिहासिक रहा कि सरकार ने इलेक्ट्रानिक ट्रेवल आॅथराइजेशन के जरिये आगमन पर पर्यटक वीजा के पहले चरण को क्रियान्वित किया। यह योजना 43 देशों के नागरिकों के लिए 27 नवम्बर 2014 को शुरू की गई। इस वीजा के तहत आने वाले यात्रियों का मकसद भारत भ्रमण दर्शनीय स्थलों के बारे में जानकारी एकत्र करना, अल्प कालिक चिकित्सा उपचार, आकस्मिक व्यवसायिक दौरे अथवा दोस्त एवं परिजनों से मिलने संबंधी आकस्मिक यात्रा है, साथ ही भारत में पर्यटन क्षेत्र के सतत विकास के लिए ढांचागत विकास बहुत महत्वपूर्ण है। इसके मददेनजर मंत्रालय पर्यटन स्थलों और सर्किटों में बेहतर पर्यटन संरचना के विकास के लिए प्रयास कर रहा है। 
 
इसके अलावा भी कुछ अहम कदम उठाए गए हैं। मसलन, मोदी सरकार ने होटलों के वर्गीकरण एवं पुनः वर्गीकरण की प्रक्रिया को सरल बनाने का निर्णय लिया है। 'अतुल्य भारत' अभियान को व्यापक रूप से बढ़ाने के लिए बार्सिलोना, बीजिंग, दुबई, जोहानिसबर्ग, कुवैत, न्यूयाॅर्क, पेरिस, सिंगापुर, स्टाॅकहोम, टोक्यो और टोरंटो सहित विश्व के महत्वपूर्ण शहरों में प्रमुख स्थानों पर अभियान शुरू किया गया है। पर्यटन के सुखद अनुभव देने के साथ ही पर्यटन क्षेत्र युवाओं एवं प्रवासी कर्मियों को नए रोजगार अवसर भी प्रदान करता है। यही नहीं,महिलाओं के सशक्तिकरण के साथ-साथ गरीबी कम करने में भी इस सेक्टर की अहम भूमिका मानी जाती है। पर्यटन को समावेशी विकास और रोजगार को प्रोत्साहन देने वाला प्रमुख सेक्टर माना जाता रहा है। उम्मीद की जानी चाहिए की रोशनी से नहाते भारत को सैलानी एक नयी नजर से ‘‘जानेंगे और मानेंगे भी’’।
 

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*सुश्री शोभना जैन विज़न न्‍यूज़ ऑफ इंडिया की मुख्‍य संपादक है।

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