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निर्णय जहाँ होते है, महिलाओं को वहाँ पहुंचाना है- पी.नरहरि

भोपाल। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर पब्लिक रिलेशंस सोसाइटी, भोपाल ने जनसंपर्क एवं पत्रकारिता क्षेत्र से जुड़ी महिलाओं को अचला और उदिता सम्मान से सम्मानित किया। सबधाणी कोचिंग संस्थान के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ पत्रकार अमृता राय ने कहा कि महिलाओं के हाथ में शासन हो तो दुनियां खूबसूरत हो सकती है। अमृता राय ने कहा की जिस तरह आज की महिलाओं के हाथ में मोबाइल आ जाने से अभियक्ति की एक नयी आजादी उन्हें मिली है, उसी तरह उन्हें अगर शासन करने दिया जाये तो वे समाज को एक नयी दिशा दे सकती है। इसके लिए आवश्यक है की वे स्वयं के अधिकारों को स्थापित करे। इस दौरान उन्होंने आगे कहा की महिलाओं को अपने गौरवशाली इतिहास को मौजूदा वक्त और उज्जवल भविष्य के बारे में सोचना होगा।

इस अवसर पर सचिव मध्यप्रदेश जनसंपर्क विभाग श्री पी.नरहरि ने कहा कि निर्णय जहाँ होने है महिलाओं को वहाँ पहुंचना है। श्री पी.नरहरि ने कहा कि आज के दौर में समाज में एक अच्छा बदलाव आया है। जिसमें महिलाओं को बेहतर भूमिका मिलनी शुरू हुई है। लेकिन पूर्ण समानता कब मिलेगी यह विचारणीय है। उन्होनें कहा कि जहाँ निर्णय लिए जाते हैं उस स्थान तक समाज के हर वर्ग की महिलाओं को पहुंचाना होगा तभी समानता की बात सार्थक होगी।

वही वरिष्ठ पत्रकार श्री गिरिजा शंकर ने कहा की महिलाओं के प्रति नजरिया बदलने की जरुरत है जिसके लिए समाज की लुप्त हो रही सांस्कृतिक चेतना को जागृत करना होगा। फिल्म समीक्षक श्री अजित रॉय ने कहा की अपनी बात रखते हुए कहा की सत्य और न्याय के बीच द्वन्द होने पर न्याय पर ध्यान देना चाहिए द्यस्त्रियों के बारे में गंभीरता से बात करनी चाहिए

कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ पत्रकार सुश्री स्वाति खंडेलवाल ने अपने विचार रखते हुए कहा की महिलाओं को अपनी राह खुद तलाशनी होगी और अपनी काबलियत से आगे बढ़ना होगा। महिलाओं को कई सारी भूमिकाएं निभानी होती हैं। जिस कारण उन्हें वर्क लाइफ बैलेंस में परेशानी होती है। महिलाओं को इससे उबरने के लिए मल्टीटास्किंग होने के साथ ही सकारात्मक होना होगा तभी सफलता प्राप्त होगी।

मध्यप्रदेश युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक कुणाल चौधरी ने कहा कि महिलाएं समाज का आयना होती हैं। समाज को आगे ले जाने का कार्य इन्हीं का होता है। ईश्वर ने भी सृजन की शक्ति महिलाओ को ही सौंपी है। परन्तु पुरुष प्रधान समाज में उनकी स्थति तभी बेहतर होगी जब अपने अधिकारों को नारी जानेगी।

वही वरिष्ठ पत्रकार एवं मेरी सहेली की संपादक कमला बडोनी ने कहा कि सार्थक प्रयास ये नहीं कि महिलाओं के समानता के अधिकार की केवल बात भर की जाये बल्कि उन्हें उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना जरुरी है। उन्होंने बताया महिलाओं का एक वर्ग जो अधिकार से अनभिज्ञ है वहीँ दूसरा हमेशा पुरुषों की होड़ में लगा हुआ है। जिससे वे अपने स्त्री सुलभ गुण भूलने लगी हैं। जिस कारण उनमें मातृत्व सम्बन्धी परेशानी आती हैं जो समाज के लिए ठीक नहीं है।

पब्लिक रिलेशन सोसाइटी भोपाल चैप्टर के अध्यक्ष पुष्पेंद्र पाल सिंह ने हालही में आई महिलाओं को लेकर रिपोर्ट ऑन स्टेटस ऑफ़ वीमेन इन मीडिया इन साउथ एशिया का जिक्र करते हुए बताया कि महिलाओं की डिशिजन मेकिंग पावर की स्थति सही नहीं है, यह एक ग्लोबल ट्रेंड है। बांग्लादेश जैसे छोटे देश में भी वर्क लाइफ बैलेंस को लेकर पाठ्यक्रम हैं और भारत जैसे बड़े देशों में ऐसा कल्चर नहीं है। वही भारत में एक बात बेहतर है यहाँ महिलाओं को लेकर कानून अन्य देशों के मुकाबले ज्यादा अच्छा हैं। इसलिए महिलाओं को सम्मान देने का हमारा प्रयास हैं क्योकिं यही अग्रणी महिलाएं समाज को सही दिशा प्रदान करेगी।वही सबधाणी कोचिंग के संचालक आनंद सबधाणी ने इस दौरान कहा कि समाज में जो अच्छा कार्य करे उसका सम्मान करना जरुरी है। घरेलू महिलाएं कामकाजी महिलाओं से भी ज्यादा सम्मानीय हैं क्यूंकि वे पूरे परिवार को एक सूत्र में पिरोती है।

पब्लिक रिलेशंस सोसायटी भोपाल ने इस अवसर पर 2020 के अचला सम्मान से सुश्री श्रद्धा बोस, सुश्री आशा रोमन, डॉ. साधना गंगराडे, डॉ. अंजना तिवारी, डॉ. असमां रिजवान, डॉ. बबिता अग्रवाल, डॉ.राखी तिवारी, डॉ. आरती सारंग, सुश्री सुमन त्रिपाठी, सुश्री रंजना चितले, सुश्री रश्मि शुक्ला, सुश्री शीतल रॉय, सुश्री विभा शर्मा, सुश्री पल्लवी वाघेला, सुश्री गरिमा पटेल, सुश्री मुक्ता पाठक, सुश्री पूर्वा शर्मा त्रिवेदी, सुश्री शैफाली गुप्ता, सुश्री सीमा श्रीवास्तव, सुश्री आयुश्री सक्सेना, डॉ. जया सुरजानी सम्मानित किया तो उदिता सम्मान से सुश्री सोनी यादव, डॉ. अनु श्रीवास्तव, सुश्री राखी नंनदवानी, सुश्री उपमिता वाजपेयी, सुश्री सुधा कुमार, सुश्री अंजली राय, सुश्री ममता यादव, सुश्री आकांक्षा शर्मा, सुश्री दीक्षा मीना, सुश्री कीर्ति श्रीवास्तव, सुश्री दीपाली विर्क, सुश्री भूमिका विरथरे, सुश्री करिश्मा सचदेव, सुश्री अनादि तिवारी और सुश्री रश्क गौरी को सम्मानित किया गया।