Friday, April 19, 2024
spot_img
Homeजियो तो ऐसे जियोपत्रकारों को डॉ. मेहरोत्रा जैसा दिलदार मालिक कहाँ मिलेगा

पत्रकारों को डॉ. मेहरोत्रा जैसा दिलदार मालिक कहाँ मिलेगा

मानो या मानो की तर्ज पर आपको मैं जो बताने जा रहा हूं उस पर भरोसा करना या ना करना आपके ऊपर है, हमारे भोपाल के पैंतालीस बंगले इलाके में रहते हैं डॉ. सुरेश मेहरोत्रा, उम्र है 72 साल, वरिष्ठ पत्रकार हैं। अपने शुरुआती दिनों में हिंदी और अंग्रेजी के कई अखबारों में संपादकीय करने के बाद पिछले पंद्रह सालों से अपनी साईट https://www.whispersinthecorridors.com/ चला रहे हैं, जिसमें सरकार चलाने वाले देश भर के अफसरों की नियुक्ति, तबादले और बदलाव की खबरें होती हैं। आप कहेंगे इसमें क्या बड़ी बात है बहुत लोग इन दिनों साइट चला रहे हैं मगर बात ये है कि ये ऐसी खबरों की नंबर वन साइट है खबरों के लिहाज से रैंकिग के हिसाब से और कमाई के कारण भी। मगर ये तो हमारे डाक साब का वो पहलू है जो बहुत लोग जानते हैं पर कम लोग ही ये जानते हैं कि वो अपनी साइट के लिये काम करने वाले कर्मचारियों के बच्चों की स्कूल-कॉलेज की साल भर की फीस अपनी जेब से ही भरते हैं फिर चाहे बच्चा डीपीएस में हो या इंजीनियरिंग कॉलेज में…है ना अनोखी बात!

ये भी छोड़िये भोपाल में हम कुछ पत्रकार मिलकर एक ऑनलाइन ग्रुप सोसायटी चलाते हैं जिसमें साथी पत्रकारों की बीमारी या असामयिक मौत में परिवारों को आर्थिक मदद देते हैं। तकरीबन सौ सदस्यों वाली ये सोसायटी तीन साल में करीब पचास लोगों को आर्थिक मदद दे चुकी है और हमारे इस समूह को डाक साब हर साल के पहले महीने में पांच लाख रुपये की मदद करते हैं, अभी कल ही बुलाकर उन्होंने फिर सोयायटी को पांच लाख रुपये का चेक दिया और हमें धन्य कर दिया। हम जब हिसाब लगाने बैठे तो पता चला कि डाक साब अब तक हमारी सोसयटी को इन तीन सालों में बीस लाख रुपये की मदद कर चुके हैं।

जिस दौर में अखबारों के दम पर माल चलाने वाले मालिक ही अपने कर्मचारियों की परवाह नहीं करते वहां एक छोटी ऑनलाइन साइट चलाकर अपनी पत्रकार बिरादरी की चिंता करने वाले डाक साब को आप सलाम करेंगे या नहीं?

(एबीपी न्यूज के मध्यप्रदेश प्रमुख ब्रजेश राजपूत की फेसबुक वाल से…)

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -spot_img

वार त्यौहार