Saturday, April 20, 2024
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टिक टॉक और हेलो पर प्रतिबंध क्यों चाहता है स्वदेशी जागरण मंच?

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की एक सहयोगी संगठन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से टिक टॉक और हेलो एप पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. उसका दावा है कि ये दोनों सोशल मीडिया एप राष्ट्रविरोधी तत्वों का अड्डा बन गए हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की आर्थिक शाखा स्वदेशी जागरण मंच ने यह भी दावा किया है कि चीन के बाइट डांस के स्वामित्व वाले एप से भारत में किशोरों को बरगलाया जा रहा है.

स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) के सह संयोजक अश्विनी महाजन ने नरेंद्र मोदी को इस बारे में पत्र लिखा है. इसमें दोनों एप को लेकर संगठन की चिंताएं जाहिर की गई हैं.

उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों एप भारत के युवाओं पर खराब असर डाल रहे हैं. महाजन ने कहा, “देश में मीडिया में विदेशी निवेश को लेकर काफी सख्त नियम हैं. लेकिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की आड़ में ऐसे एप नियम से बच जाते हैं. ये राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रहार कर रहे हैं.”

महाजन ने कहा कि पिछले कुछ सप्ताह में टिक टॉक राष्ट्रविरोधी सामग्री का अड्डा बन गया है. ऐसी सामग्री इस एप पर व्यापक रूप से साझा की जा रही है. यह चीज हमारे समाज के ताने-बाने को नुकसान पहुंचा सकती है.

ईटी ने जब इस बारे में बाइट डांस को ईमेल लिखा तो उसका जवाब नहीं आया. महाजन ने कहा, “इस तरह के एप को भारत में कामकाज करने से रोकने के लिए नया कानून बनाया जाना चाहिए. हमारे लिए राष्ट्रीय सुरक्षा और भारतीयों की निजता बहुत महत्वपूर्ण है. जब तक इस तरह के नियम नहीं बन जाते, इन एप पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए.”
बीजेपी के पदाधिकारियों ने स्वयं पिछले आम चुनाव के दौरान इन चिंताओं को लेकर चुनाव आयोग को पत्र लिखे थे. महाजन ने मांग की कि गृह मंत्रालय देश में टिक टॉक और हेलो सहित अन्य चीनी एप पर प्रतिबंध लगाए.

स्वदेशी जागरण मंच के सह संयोजक ने दावा किया कि टिक टॉक और चीन सरकार के हस्तक्षेप के गठजोड़ का इस्तेमाल भारतीय नागरिकों के निजी जीवन तक पहुंच बनाने और देश में सामाजिक उथल-पुथल मचाने के लिए किया जा सकता है.

महाजन ने चिंता जताई कि भारत में इस समय एंड्रॉयड मोबाइल फोन में प्ले स्टोर और आईफोन में एप स्टोर द्वारा मुहैया कराये जाने वाले एप की निगरानी की कोई व्यवस्था नहीं है. उन्होंने सरकार से एक नया कानून बनाने का आग्रह किया जो राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ ही नागरिकों की निजता की सुरक्षा के लिए ऐसे एप के लिए जांच और नियमन जरूरी बनाए.

साभार :इकॉनमिक टाईम्स से

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2 COMMENTS

  1. कोरोना को करो ना—_
    ________________________
    कोई भी रखो ना कोरोना का डर ।
    घर में ही रहों तुम बनके निडर ।।
    जो रहेगा घर में होकर निडर ।
    नहीं सताएगा उसको कोरोना का डर।।

    कोरोना है बड़ा स्वाभिमानी ।
    मानो इसको बहुत अभिमानी ।।
    ये बुलाने से ही घर में आएगा ।
    संपर्क संसर्ग से ही आपमें आएगा ।।

    कोरोना से हमें बचना है ।
    तो दूर – दूर हमें रहना है ।
    यही सबसे बड़ा उपाय है,
    आज कोरोना से बचने का ।
    अन्यथा नहीं मिलेगा अवसर ,
    जीवन में दुबारा सजने का ।

    छुए जब भी किसी वस्तु को ।
    इंसान , सतह या किसी धातु को ।
    हाथ जरूर धोएं , बार- बार धोएं ।
    साबुन से रगड़ – रगड़ कर धोएं ।

    लाॅक डाउन में घर से बाहर नहीं जाना है ।
    अगर जाना है तो मास्क जरूर लगाना है ।
    पानी गर्म ही पीना है , बार-बार पीना है ।
    अगर हमें कोरोना से बचकर के जीना है।

    रचयिता:
    मंगल कुमार जैन
    1घ 3, हिरण मंगरी सेक्टर 4
    उदयपुर , (राजस्थान )
    मोबाइल नंबर 99 2849 6264
    प्रकाशनार्थ

  2. स्वदेशी लाओ
    विदेशी भगाओ ।
    स्वदेशी अपनाओ
    विदेशी हटाओ ।
    स्वदेशी हटाओ
    विदेशी बुलाओ ।
    स्वदेशी चलाओ
    विदेशी रोकाओ ।
    स्वदेशी में शान्ति है
    विदेशी में अशांति है
    स्वदेशी क्रांति है
    विदेशी भ्रान्ति है ।
    स्वदेशी मंगवाओ
    विदेशी भिजवाए ।
    स्वदेशी में सार हे
    विदेशी असार है
    स्वदेशी आधार है
    विदेशी व्यापार है
    स्वदेशी से आबाद है
    विदेशी से बर्बाद है
    स्वदेशी जरूरी है
    विदेशी गैर जरूरी है
    स्वदेशी में अपनापन है
    विदेशी में परायापन है
    स्वदेशी से अमन है
    विदेशी से दमन है
    स्वदेशी में शान हैं
    विदेशी में त्राण हैं
    स्वदेशी जान हैं
    विदेशी बेजान है
    स्वदेशी में दम है
    विदेशी बेदम है
    स्वदेशी जीवन है
    विदेशी मरण है
    स्वदेशी में मिलन है
    विदेशी में बिछुड़न हैं
    स्वदेशी से सम्पन्नता है
    विदेशी से विपन्नता है
    स्वदेशी में भान है
    विदेशी बेभान है
    स्वदेशी अभिमानी है
    विदेशी बेमानी है
    स्वदेशी अहिंसक है
    विदेशी हिंसक है
    स्वदेशी कसरत है
    विदेशी हसरत है
    स्वदेशी चलना है
    विदेशी रुकना है
    स्वदेशी में सुधार है
    विदेशी में बिगाड़ है
    स्वदेशी में सुख है
    विदेशी में दुख है
    स्वदेशी में अमृत है
    विदेशी में जहर है
    स्वदेशी से हरा-भरा
    विदेशी से निरा सुखा
    स्वदेशी में आशा
    विदेशी में निराशा
    रचयिता
    मंगल कुमार जैन
    1घ3 हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी
    हिरण मगरी सेक्टर 4
    उदयपुर राजस्थान

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