Friday, March 29, 2024
spot_img
Homeप्रेस विज्ञप्तिबाल स्वास्थ्य पर प्रभावी रिपोर्टिंग के लिए क्रिटिकल अप्रैजल स्किल्स और साक्ष्य...

बाल स्वास्थ्य पर प्रभावी रिपोर्टिंग के लिए क्रिटिकल अप्रैजल स्किल्स और साक्ष्य आधारित पत्रकारिता पर कार्यशाला

हैदराबाद। मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय (एमएएनयूयू) के जनसंचार और पत्रकारिता विभाग (एमसीजे) द्वारा यूनिसेफ के सहयोग से साक्ष्य आधारित स्वास्थ्य पत्रकारिता पर दो दिवसीय कार्यशाला का आज यहां समापन हुआ।

एमएएनयूयू, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन (आईआईएमसी) और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के पत्रकारिता और जनसंचार विभाग के 120 से अधिक छात्रों और स्वास्थ्य पत्रकारों ने यूनिसेफ के क्रिटिकल अप्रैजल स्किल्स (CAS) के माध्यम से स्वास्थ्य पत्रकारिता में साक्ष्य-आधारित रिपोर्टिंग और तथ्य-जांच के महत्व को सीखा। कार्यशाला के माध्यम से नियमित टीकाकरण, कोविड-19 टीकाकरण, एंटीबायोटिक्स, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य और प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल जैसे क्षेत्रों में साक्ष्य-आधारित पत्रकारिता के महत्व पर चर्चा करने के लिए सीएएस के चिकित्सकों, पत्रकारिता के छात्रों और विषय विशेषज्ञों को एक साथ लाया गया।

2014 में यूनिसेफ द्वारा ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी, थॉमसन रॉयटर्स और आईआईएमसी के सहयोग से काम करने वाले स्वास्थ्य पत्रकारों और पत्रकारिता एवं जन संचार के छात्रों के लिए विकसित सीएएस कार्यक्रम को बाद में आईआईएमसी और एमएएनयूयू द्वारा अपने पाठ्यक्रम में एक वैकल्पिक मॉड्यूल के रूप में शामिल किया गया था।

कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए एमएएनयूयू के कुलपति, प्रो सैयद ऐनुल हसन ने कहा, “हाल की महामारी ने दुनिया का ध्यान स्वास्थ्य संचार के महत्व की ओर आकर्षित किया है। टीकाकरण पर जागरुकता बढ़ाने के लिए मीडिया महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। हालाँकि, हमारे कई पत्रकार गैर-चिकित्सा पृष्ठभूमि से आते हैं, इसलिए सीएएस कार्यक्रम के माध्यम से पत्रकारों को स्वास्थ्य पत्रकारिता में प्रशिक्षित करने और जनता के बीच वैज्ञानिक मानसिकता को प्रोत्साहित करने में मदद मिलती है। ”

उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए यूनिसेफ इंडिया के एडवोकेसी, कम्युनिकेशन एंड पार्टनरशिप के प्रमुख जाफरीन चौधरी ने कहा, “यूनिसेफ लंबे समय से मीडिया के साथ मिलकर सर्वसम्मति और लोगों को शिक्षित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका पर काम कर रहा है। गलत सूचना से बचाव के लिए सटीक, संतुलित, विश्लेषणात्मक रिपोर्टिंग और तथ्य जांच के लिए मीडिया पेशेवरों में कौशल को मजबूत करने के लिए 2014 में महत्वपूर्ण ‘ क्रिटिकल अप्रैजल स्किल्स पाठ्यक्रम’ विकसित किया गया था। इसका उद्देश्य बच्चों को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर सटीक और विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट्स को बढ़ावा देना है, जैसे टीकाकरण, माता-पिता को अपने बच्चों का टीकाकरण करवाने और उन्हें बचपन की बीमारियों से बचाने के लिए सही जानकारी और आत्मविश्वास प्रदान करना है।”

जागरूकता की कमी, भय के माहौल और टीकाकरण के बारे में गलत धारणाएं कोविड-19 और नियमित टीकाकरण के समक्ष कुछ प्रमुख चुनौतियाँ रही हैं।

प्रो. एहतेशाम अहमद खान, डीन, जनसंचार और पत्रकारिता विभाग, एमएएनयूयू ने कहा “भ्रामक धारणाएं, मिथक एवं गलत सूचना और सूचना की कमी से समाज को ज्यादा नुकसान होता हैं। महामारी की स्थिति में गलत सूचना और दुष्प्रचार सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों की पहुंच को पटरी से उतार सकता हैं और लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता हैं। सीएएस, एक समग्र 360-डिग्री विज्ञान-आधारित संचार व्याख्यान के निर्माण, गलत सूचना को संबोधित करने, जागरूकता को बढ़ावा देने, मीडिया के क्षमता-निर्माण, समाचार रिपोर्टों के विश्लेषण, आधिकारिक वैज्ञानिक संवाद, किसी तरह के नकारात्मक संदेश से मुकाबला करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।”

डॉ एनके अरोड़ा, अध्यक्ष, कोविड-19 वर्किंग ग्रुप, टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह ने छात्रों और पत्रकारों के साथ कोविड-19 टीकाकरण पर बातचीत की और मीडिया से सूचना के आदान प्रदान में मौजूदा रुकावटों को दूर करने और योग्य लोगों को सभी खुराक समय पर लेने के लिए प्रोत्साहित करने का आग्रह किया।

महत्वपूर्ण मूल्यांकन कौशल पाठ्यक्रम के प्रतिभागियों, छात्रों और वरिष्ठ सलाहकारों ने महामारी के दौरान स्वास्थ्य रिपोर्टिंग के अपने अनुभव साझा किए। जिनको कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा।

प्रोफेसर (डॉ) संगीता प्रणवेंद्र, पाठ्यक्रम निदेशक, अंग्रेजी पत्रकारिता विभाग, आईआईएमसी, नई दिल्ली ने कहा, “कोविड 19 महामारी ने एक ऐसी स्थिति को सामने रखी है, जहां मीडिया बिरादरी को अच्छी तरह से सूचित, गंभीर सोच वाले पत्रकारों की आवश्यकता महसूस हुई, जो स्वास्थ्य के मुद्दों पर सही रिपोर्टिंग कर, जनता को सूचित करने और गलत सूचना से बचने में सकारात्मक भूमिका निभा सकते हैं। पत्रकारिता के छात्रों में इन कौशलों को विकसित करने में सीएएस एक अहम रोल निभा रहा है।

कार्यशाला का स्वागत भाषण जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग के डीन प्रो. एहतेशाम अहमद खान ने दिया, जबकि विभागाध्यक्ष प्रो. मोहम्मद फरियाद ने इसका संचालन किया।

Thanks & Regards

Ankur Vijaivargiya
Associate – Public Relations
Indian Institute of Mass Communication
JNU New Campus, Aruna Asaf Ali Marg
New Delhi – 110067
(M) +91 8826399822
(F) facebook.com/ankur.vijaivargiya
(T) https://twitter.com/AVijaivargiya
(L) linkedin.com/in/ankurvijaivargiya

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -spot_img

वार त्यौहार