Friday, March 29, 2024
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उस यज़ीदी लड़की की आपबीती सुन रो पड़े संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के अधिकारी

एक यजीदी लड़की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में बात करते हुए फूट-फूट कर रोने लगी। इस भावुक माहौल में अधिकारियों की आंखें भी नम हो गईं। आईएसआईएस द्वारा दी गई यातना को बताते हुए वह लड़की खुद को रोक नहीं पाई। आईएसआईएस के लड़ाकों की प्रताड़ना और रेप करने की सारी कहानी वह लड़की काउंसिल में बता रही थी। इस लड़की को आईएस ने अगवा कर तीन महीने तक अपने कब्जे में रखा था।

21 साल की नादिया मुराद बसी ताहा ने काउंसिल के अधिकारियों के सामने कहा, ‘रेप को ये आतंकी महिलाओं और लड़कियों को नष्ट करने में हथियार की तरह इस्तेमाल करते हैं। ये आतंकी खुद को रेप से माध्यम से सुनिश्चित कर लेना चाहते हैं कि वह लड़की कभी सामान्य जिंदगी नहीं जी पाएगी।’

नादिया ने कहा, ‘इस्लामिक स्टेट यजीदी महिलाओं को हवस मिटाने मिटाने के लिए लाते हैं।’ इराक और सीरिया के ज्यादातर हिस्सों पर आईएस का कब्जा है। नादिया ने कहा, ‘मुझे इराक में अपने गांव से पिछले साल अगस्त में अगवा किया गया था। इस्लामिक स्टेट के गढ़ मोसुल में ये आतंकी मुझे बस के जरिए एक बिल्डिंग में ले गए थे। वहां हजारों यजीदी महिलाओं और और बच्चों को ये लड़ाके आपस में तोहफे की तरह बांटते हैं।’

कुछ दिनों बाद नादिया को एक आदमी के पास भेजा गया। नादिया ने बताया, ‘उसने मुझे तैयार होने के लिए कहा। उसके बाद की भयावह रातों को मैं बता नहीं सकती। उसने जो किया वह बेहद खौफनाक था। अपने सैन्य गुट के हिस्से के रूप में काम करने के लिए मुझे मजबूर किया। वह मुझे हर दिन अपमानित करता था। मैं भागने की कोशिश की लेकिन एक गार्ड ने मुझे रोक लिया था।’

नादिया ने बताया, ‘उस रात मुझे मारा गया। मुझे उसने अपने कपड़े उतारने के लिए कहा। उसने मुझे एक कमरे में एक गार्ड के साथ बंद कर दिया। जब तक मैं बेहोश नहीं हो गई तब तक वह दरिंदगी करता रहा। मैं आपसे प्रार्थना कर रही हूं कि आईएस से छुटकारा दिलाओ। इस्लामिक स्टेट ने मेरे कई भाइयों की हत्या कर दी। मैं फरार होने में कामयाब रही और अभी जर्मनी में हूं।’

अपनी कहानी बताते हुए नादिया रो रही थी। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् ने नादिया के साहस की सराहना की। यूनाइडेट नैशन ने कहा कि इस्लामिक स्टेट यजीदी को खत्म करने के लिए नरसंहार को अंजाम दे रहा है। वह चाहता है कि यजीदी बचें ही न। यजीदी इराक में अल्पसंख्यक हैं। यूएन सिक्यॉरिटी काउंसिल ने इस मामले को इंटरनैशनल क्रिमिनल कोर्ट को पास प्रॉसिक्यूशन के लिए भेज दिया है।

इस्लामिक स्टेट के आतंकी मानते हैं कि यजीदी शैतान के उपासक हैं। यजीदी के लोग ईसाइयत, यहूदी और इस्लाम के मिलेजुले तरीकों को अपनाते हैं। मुश्किल से पांच लाख यजीदी हैं। अभी ये विस्थापन की जिंदगी जी रहे हैं। 5,000 यजीदी महिलाओं और पुरुषों को 2014 की गर्मियों में इस्लामिक स्टेट ने कब्जे में ले लिया था। इनमें से 2000 लोग इनके कब्जे से फरार होने में कामयाब रहे।

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