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जातिवाद का भ्रम तोड़ने के लिए डॉ. सुभाष चंद्रा की अभिनव पहल

नई दिल्ली। भाजपा अध्यक्ष श्री अमित शाह 16 अक्टूबर को हरियाणा में आयोजित वैश्य समुदाय के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे, इस आयोजन में वैश्य समुदाय से जुड़े कई जातियों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। कार्यक्रम में विभिन्न प्रदेशों के विभिन्न राजनीतिक दलों के वैश्य समुदाय के 29 सांसद व 111 विधायकों को भी 15-16 अक्टूबर को अग्रोहा विकास ट्रस्ट द्वारा आयोजित कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है, इस कार्यक्रम का आयोजन राज्यसभा सांसद और मीडिया जगत के दिग्गज डॉ. सुभाष चंद्रा ने किया है।

इस सबंध में जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि “इस साल ये एक विशेष आयोजन है जिसमें कई ओबीसी जातियों को 10,0000 की उपस्थिति में ‘वैश्य’ सरनेम दिया जाएगा। वैश्य समुदाय जोकि एक जाति नहीं, बल्कि एक विचार है और इसेसे जुड़ी हुई 334 समुदायों की सूची (संदर्भ के लिए संलग्न है) से ये पता चलता है कि महेश्वरी, जायसवाल, ओसवाल, हलवाई, सुनार, कायस्थ, माथुर, साहू, जैन, रस्तोगी,सेठी आदि मुख्यतः उत्तर भारत से हैं और गुजरात से शाह, गाँधी, मेहता दक्षिण भारत से लिंगायत, वेंकटेश, शेट्टी आदि वैश्य समाज से ही नहीं पर ये अग्रोहा के निवासी थे।

वर्तमान में ओबीसी श्रेणी में प्रजापति (कुम्हार), खाती (लकड़ी का काम करने वाले) लुहार (लोहे का काम करने वाले) तेली (तेल का कारोबार करने वाले) आदि भी वैश्य समुदाय के घटक हैं, इसमें किसी तरह का कोई शक नहीं है। (ऐसा विश्वास और मान्यता है कि महाराजा अग्रसेन के सामने ही महालक्ष्मी जी ने साक्षात दर्शन दिए थे।) इसी वजह से शरद पूर्णिमा पर विगत 34 साल से अग्रोहा में एक समागम का आयोजन किया जाता है।

डॉ. सुभाष चंद्रा ने अपने ट्वीट में कहा है कि “हमने 16 अक्टूबर को एक आम सभा का भी आयोजन किया है जिसमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह को मख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है, इस सभा की अध्यक्षता की जिम्मेदारी मैं (डॉ. सुभाष चंद्रा) निभा रहा हूँ।

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