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‘नैरेटिव’ से ज्यादा जरूरी है ‘सच’: मेजर जनरल कटोच

आईआईएमसी द्वारा सीआरपीएफ अधिकारियों के लिए आयोजित मीडिया संचार पाठ्यक्रम का समापन

नई दिल्ली। भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) द्वारा सीआरपीएफ अधिकारियों के लिए आयोजित मीडिया संचार पाठ्यक्रम के समापन समारोह को संबोधित करते हुए मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) ध्रुव कटोच ने कहा कि देश और देशवासियों की बेहतरी के लिए ‘नैरेटिव’ से ज्यादा ‘सच’ जरूरी है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया जिसे हम एक टूल समझ रहे हैं, असल में वही एक टूल के रूप में हमारा इस्तेमाल कर रहा है। इस अवसर पर आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी, डीन (अकादमिक) प्रो. गोविंद सिंह एवं शॉर्ट कोर्सेज के पाठ्यक्रम प्रभारी डॉ. राकेश उपाध्याय भी उपस्थित थे।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के तौर पर विचार व्यक्त करते हुए श्री कटोच ने कहा कि एक वक्त था जब लोग मानते थे कि विदेशी मीडिया ने जो कह दिया वो सही है, लेकिन आज ऐसा नहीं है। आज सूचनाओं को जांचने के आधुनिक तरीके सभी के पास हैं। उन्होंने कहा कि सूचना और तकनीक के आधुनिक युग में सीआरपीएफ के अधिकारियों को सोशल मीडिया का सर्वश्रेष्ठ इस्तेमाल करने की जरुरत है। सोशल मीडिया हमारी सोच से ज्यादा तेजी से बढ़ा है। अगर हम इसकी रफ्तार के साथ नहीं चल पाए, तो पीछे छूट जाएंगे।

श्री कटोच के अनुसार मीडिया की वजह से लोकतंत्र मजबूत हुआ है। मीडिया ही पूरी दुनिया को बताता है कि समाज में क्या गलत हो रहा है, क्या समस्या है और इसका समाधान कैसे किया जा सकता है। भारतीय मीडिया को पश्चिमी मीडिया द्वारा प्रकाशित किये जा रहे तथ्यों की जांच कर सत्य को सामने लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मीडिया देश की ताकत का महत्वपूर्ण स्तंभ है, लेकिन हमें इसका इस्तेमाल अनुशासन के दायरे में रहकर करना होगा। आज जब फेक न्यूज और हेट न्यूज का चलन बढ़ रहा है, तब मीडिया साक्षरता की आवश्यकता प्रत्येक व्यक्ति को है।

भारत में वर्दी के लिए है सम्मान का भाव: प्रो. द्विवेदी

इस अवसर पर आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि भारत में वर्दी को हमेशा सम्मान और गर्व के भाव से देखा जाता है। इसलिए आप सभी अधिकारियों की यह जिम्मेदारी है कि अपनी संचार कुशलता से और संचार माध्यमों के सही प्रयोग से आप सीआरपीएफ की छवि को बनाए रखें। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय बदलाव का समय है। 21वीं शताब्दी ‘इंटरनेट और सोशल मीडिया’ के युग की शताब्दी मानी जा रही है। आज फेक न्यूज अपने आप में एक बड़ा व्यापार बन गई है और डिजिटल मीडिया ने इसे प्रभावित किया है।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. विष्णुप्रिया पांडेय ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. राकेश उपाध्याय ने दिया। आईआईएमसी प्रतिवर्ष सैन्य एवं पुलिस अधिकारियों के लिए मीडिया एवं संचार से जुड़े शॉर्ट टर्म ट्रेनिंग कोर्सेज का आयोजन करता है। इस पाठ्यक्रम के तहत अधिकारियों को लोक मीडिया से लेकर न्यू मीडिया एवं आधुनिक संचार तकनीकों की जानकारी प्रदान की जाती है। इसके अलावा न्यू मीडिया के दौर में किस तरह रक्षा बलों एवं मीडिया के संबंधों को बेहतर बनाया जा सकता है, इसका प्रशिक्षण भी अधिकारियों को दिया जाता है।

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Ankur Vijaivargiya
Associate – Public Relations
Indian Institute of Mass Communication
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