Saturday, September 14, 2024
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रायपुर में आयोजित 17 अगस्त को दिव्य कला मेला का उद्घाटन करेंगे मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार

20 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से 100 दिव्यांग कारीगर, कलाकार और उद्यमी विविध उत्पादों और सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन करेंगे
दिव्य कला शक्ति-दिव्यांगजनों को वित्तीय सहायता प्रदान करने और आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए रोजगार मेला और ऋण मेला

रायपुर। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार कल रायपुर में आयोजित 17वें दिव्य कला मेला का उद्घाटन करेंगे। एक सप्ताह की अवधि का यह मेला दिव्यांग कारीगरों और उद्यमियों को सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित करने के साथ उनकी प्रतिभा और रचनात्मकता का उत्‍सव मनाएगा। इस कार्यक्रम का आयोजन भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के तहत दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) द्वारा किया जा रहा है।

यह दिव्य कला मेला 20 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 100 से अधिक दिव्यांग कारीगरों, कलाकारों और उद्यमियों द्वारा तैयार किए गए उत्पादों की एक विविध श्रृंखलाओं के प्रदर्शन के लिए पूर्ण रूप से तैयार है। इसमें घर की सजावट, जीवनशैली के उत्पाद, कपड़े, पर्यावरण के अनुकूल सामान, पैकेज्ड खाद्य पदार्थ आदि वस्‍तुओं का एक अनुपम संग्रह होगा। आगंतुकों को इन हस्तनिर्मित वस्तुओं को देखने और खरीदने का अनूठा अवसर मिलेगा, जिनमें से प्रत्येक अपने निर्माताओं की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और रचनात्मकता को दर्शाता है।

यह मेला सिर्फ़ एक बाज़ार नहीं होगा और दिव्यांगजनों को ‘दिव्य कला शक्ति’ रोजगार मेला और  ऋण मेला के माध्‍यम से एक ही छत के नीचे सशक्त बनाएगा। ऋण मेला जैसी पहलों के माध्‍यम से प्रतिभागियों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी जिससे वे अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा सकेंगे और साथ ही आत्मनिर्भर बन सकेंगे ।

यह आयोजित कार्यक्रम दिव्यांग कलाकारों को अपनी प्रतिभा दर्शाने के लिए सुअवसर प्रदान करेगा। इसके साथ ही दिव्य कला शक्ति सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्‍यम से कलाकारों को संगीत, नृत्य और नाटक में अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।

रायपुर का दिव्य कला मेला वर्ष 2022 से देश में आयोजित होने वाले ऐसे कार्यक्रमों की 17वीं श्रृंखला है। इसके पिछले संस्करणों के आयोजन को दिल्ली, मुंबई, भोपाल और गुवाहाटी जैसे शहरों में व्यापक प्रशंसा मिली है, जिनमें से प्रत्येक ने कौशल विकास और बाजार प्रदर्शन के माध्यम से दिव्यांगजनों के उत्थान और सशक्तिकरण में पूर्ण योगदान दिया है।

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