3 दिसंबर को दाखिल याचिका में CCI ने सुप्रीम कोर्ट से इन सभी 23 मामलों को सुनने की अपील की है।
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि अमेजन और वॉलमार्ट के फ्लिपकार्ट के खिलाफ चल रही जांच पर रोक लगाने की कोशिशों पर वह हस्तक्षेप करे। आयोग ने कहा कि सैमसंग, वीवो और अन्य कंपनियों ने भारतीय हाईकोर्ट में 23 याचिकाएं दाखिल की हैं, जिनका उद्देश्य इस जांच को बाधित करना है।
3 दिसंबर को दाखिल याचिका में CCI ने सुप्रीम कोर्ट से इन सभी 23 मामलों को सुनने की अपील की है। आयोग का कहना है कि इससे मामले को जल्दी निपटाने में मदद मिलेगी।
क्या है मामला?
CCI की जांच इकाई ने अगस्त में पाया कि अमेजन और फ्लिपकार्ट ने अपने प्लेटफॉर्म पर चुनिंदा विक्रेताओं को फायदा पहुंचाकर भारत के प्रतिस्पर्धा कानूनों का उल्लंघन किया है। इसके अलावा, स्मार्टफोन कंपनियां जैसे सैमसंग और वीवो पर भी आरोप है कि उन्होंने इन ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ मिलकर प्रोडक्ट को केवल ऑनलाइन लॉन्च करने की साजिश की।
यह जांच अमेजन और फ्लिपकार्ट के लिए एक बड़ी नियामक चुनौती है क्योंकि भारत में ई-कॉमर्स का बाजार 2023 में $57-60 बिलियन से बढ़कर 2028 तक $160 बिलियन तक पहुंचने का अनुमान है।
अमेजन और फ्लिपकार्ट के कुछ विक्रेताओं और सैमसंग व वीवो जैसी कंपनियों ने पांच अलग-अलग हाई कोर्ट में लगभग दो दर्जन याचिकाएं दाखिल की हैं। CCI का कहना है कि इन याचिकाओं का मकसद जांच प्रक्रिया को “कमजोर और बाधित” करना है।
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने सुप्रीम कोर्ट से गुजारिश की है कि अमेजन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ चल रही जांच को रोकने के लिए अलग-अलग हाई कोर्ट में दाखिल 23 याचिकाओं को एक साथ सुना जाए। आयोग का कहना है कि इन याचिकाओं से जांच में रुकावट आ रही है और यह जांच की प्रक्रिया को धीमा कर रहा है।
अमेजन और फ्लिपकार्ट पर छोटे रिटेलर्स लंबे समय से आरोप लगाते आ रहे हैं कि ये कंपनियां भारी डिस्काउंट और चुनिंदा विक्रेताओं को खास फायदा देकर उनके कारोबार को नुकसान पहुंचा रही हैं। हालांकि, अमेजन और फ्लिपकार्ट ने इन आरोपों को खारिज किया है।
CCI ने 2020 में इस मामले की जांच शुरू की थी, लेकिन बीच में कई बार रुकावटें आईं। हाल में दाखिल 23 याचिकाओं में आयोग पर जांच के दौरान उचित प्रक्रिया न अपनाने का आरोप लगाया गया है।
CCI ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि इन याचिकाओं को अलग-अलग सुनने से जांच में और देगी होगी। कोर्ट इस मामले पर इस सप्ताह सुनवाई कर सकता है। फैसला आने के बाद जांच को लेकर आगे की राह तय होगी। (रॉयटर्स के इनपुट के साथ)