फिल्म महोत्सव में सृजन और सफलता की रणनीतियों के लोकतांत्रीकरण पर चर्चा

मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (एमआईएफएफ) 2024 में “एडवेंचर से रेवेन्यू तक: कंटेंट क्रिएटर्स के लिए सफलता की रणनीतियां” शीर्षक से एक पैनल चर्चा आयोजित की गई। चर्चा इस बात पर केंद्रित थी कि कैसे प्लेटफ़ॉर्म ने कंटेंट निर्माण को लोकतांत्रिक बनाया है, जिससे सभी क्षेत्रों के क्रिएटर्स को अपनी कहानियां साझा करने में मदद मिली है। पैनलिस्टों ने प्रामाणिक भारतीय कंटेंट की बढ़ती मांग पर भी प्रकाश डाला और नए कंटेंट क्रिएटर्स के लिए सफलता की रणनीतियों के बारे में जानकारी साझा की।

इस पैनल चर्चा में यूट्यूब की मूवी कंटेंट पार्टनरशिप प्रमुख नम्रता राजकुमार, द वायरल फीवर (टीवीएफ) प्रोडक्शंस के अध्यक्ष विजय कोशी, गोप्रो इंडिया के मार्केटिंग और कम्युनिकेशंस के निदेशक यतीश सुवर्णा, शेफ से फोटोग्राफर बने यश राणे, कश्मीर के एथलीट और एडवेंचर फिल्म निर्माता रिज़ा एली, हैदराबाद के यूट्यूबर साई तेजा ने हिस्सा लिया। इसका संचालन अभिनेता, निर्माता और सीबीएफसी की सदस्य वाणी त्रिपाठी टिक्कू ने किया।

यूट्यूब पर नए कंटेंट क्रिएटर्स के लिए अवसरों के बारे में बात करते हुए नम्रता राजकुमार ने कहा कि यूट्यूब एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जो लघु, दीर्घ और अत्यंत दीर्घ जैसे कई प्रारूपों में कंटेंट बनाने की सुविधा प्रदान करता है।

यूट्यूब जैसे प्लेटफ़ॉर्म ने वास्तव में कंटेंट के सृजन को लोकतांत्रिक बना दिया है क्योंकि वे किसी भी व्यक्ति को कहीं से भी क्रिएटर बनने में सक्षम बनाते हैं। आप यूट्यूब पर गांव से लेकर शहरों तक सफलता की कई कहानियां देख सकते हैं। उदाहरण के लिए, केरल के एक गांव का एक क्रिएटर जैसा पारिवारिक व्यक्ति है, जिसके 50 मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर हैं, हमारे पास किसान, ट्रक ड्राइवर हैं जो हमारे कंटेंट क्रिएटर हैं जिनके पास बड़ी संख्या में फ़ॉलोअर्स हैं। उन्होंने कहा कि हर किसी के पास बताने के लिए एक कहानी है और यूट्यूब इसके लिए सबसे अच्छा प्लेटफ़ॉर्म है।

इस चर्चा में विजय कोशी ने अपने प्रोडक्शन हाउस टीवीएफ की कहानी के बारे में बताया। उन्होंने कहा, टीवीएफ की यात्रा सभी प्रतिष्ठित प्रोडक्शन हाउस से ‘खारिज किए जाने’ से शुरू हुई। फिर हमने यूट्यूब को एक प्लेटफॉर्म के रूप में इस्तेमाल करने का फैसला किया और इस पर अपना चैनल बनाया। आज भारत में आइएमबीडी पर सबसे ज़्यादा रेटिंग वाले 11 टीवी शो हैं। उनमें से 7 टीवीएफ द्वारा बनाए गए हैं और उनमें से भी 5 विशेष रूप से यूट्यूब पर संचालित शो हैं। वेब सीरीज़ – पंचायत का ज़िक्र करते हुए, उन्होंने नए क्रिएटर्स से ज़्यादा से ज़्यादा भारतीय दर्शकों को आकर्षित करने के लिए अद्वितीय भारतीय कंटेंट बनाने की अपील की।

चर्चा में आगे यश राणे, रिज़ा अली, साई तेजा ने भी चैनल बनाने, वीडियो अपलोड करने और दर्शकों से मिले फीडबैक के अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि अगर आपका काम वास्तविक और अनूठा है, तो दर्शकों से आपको सकारात्मक प्रतिक्रिया ज़रूर मिलेगी।