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उत्तराखंड के बारे में 11 ऐसी बातें जो शायद ही आप जानते होंगे

1. 2011 की जनगणना के अनुसार, उत्तराखंड के 3 जिले, अल्मोड़ा, रुद्रप्रयाग और पौड़ी गढ़वाल ने भारत में लिंगानुपात के अनुसार शीर्ष 10 जिलों में अपना स्थान बनाया है. वैसे यह सुनकर ज्यादा आश्चर्य नहीं होगा क्योंकि हमारे उत्तराखंड में पुरुष और महिलाओं के साथ समान रूप से व्यवहार होता है.

2. यह सुन के शायद आपका सीना 56 इंच का हो जाएगा. मेजर सोमनाथ शर्मा उत्तराखंड व देश के पहले व्यक्ति थे जिन्हें सेना के सर्वोच्च सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया । आपको बता दें कि इंडियन आर्मी में सबसे ज्यादा अफसर उत्तराखंड से ही निकलते हैं.

3. ‘ गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ‘ में कभी एक रिकॉर्ड देहरादून में स्थिति वन अनुसंधान संस्थान (FRI) के नाम हुआ करता था. इसके नाम ‘सबसे बड़ी विशुद्ध रूप से बनी ईंटों की बिल्डिंग’ (Purest Brick structure) का रिकॉर्ड था. तो जब अगली बार आप यहाँ फोटोशूट के लिए जाएं, तो यह बात जरूर याद रखें.

4. अल्मोड़ा से 8 किलोमीटर की दूर स्थित है कसार देवी का मंदिर. यह भारत में एकमात्र और विश्व में तीसरा ऐसा स्थान है जहां पर खास चुंबकीय शक्तियां है. इसके अलावा यह खास चुंबकीय शक्तियां इंग्लैंड के स्टोन हैंग्स और पेरू के माचू पिचू में है.
है ना हैरत वाली बात ?

5. पांडवों के साक्ष्य उत्तराखंड के लगभग हर जिले में देखे जा सकते हैं, लेकिन कौरवों का इतिहास सिर्फ महाभारत तक ही सीमित है. यह सब जानते हैं. पर हम आपको उत्तराखंड की कौरवों से जुड़ी एक कड़ी के बारे में बताते है. सुनने में शायद आपको यह अजीब लगे लेकिन उत्तराखंड में एक ऐसी जगह भी है जहां दुर्योधन की पूजा की जाती है. उत्तरकाशी जिले के ओसला गांव में दुर्योधन का मंदिर है जहां आज भी दुर्योधन की सोने की परत चढ़ी डांगरी (तेज धारदार कुल्हाड़ी के आकार की) है.

6. उत्तराखंड की सबसे ऊंची और भारत की दूसरी सबसे ऊंची चोंटी, नंदा देवी में, 1965 में रेडियोएक्टिव पदार्थ ‘प्लूटोनियम’ की 7 कैप्सूल कहीं ग्लेशियर में गायब हो गई थी. इन कैप्सूलस का आज तक पता नहीं लग पाया. माना जाता है कि यह कैप्सूल 200 सालों तक एक्टिव रह सकती है.

7. चंपावत की एक ऐसी बाघिन जिसका नाम ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में दर्ज है. इस बाघिन ने 436 लोगों को मौत के घाट उतार था. 1967 में जिम कॉर्बेट (शिकारी से प्रसिद्ध पर्यावरणविद बने) ने इस नरभक्षी बाघिन से उत्तराखंड और नेपाल के लोगों को निजात दिलाई थी. यह वही जिम कॉर्बेट है जिनके नाम पर आज देश का सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान ‘जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क’ है.

8. शायद बहुत ही कम लोगों को यह पता है, उत्तराखंड में एक ऐसा शोध संस्थान भी है जो खगोल विज्ञान, खगोल भौतिकी और वायुमंडलीय विज्ञान के लिए देश भर में प्रसिद्ध है. नैनीताल से 9 किलोमीटर की दूरी पर मनोरा पीक में स्थित है Aryabhatta Research Institute of Observation Science (ARIES)

9. उत्तराखंड भारत का एकमात्र ऐसा राज्य है जिसकी संस्कृत अधिकारिक भाषा है. जहां संस्कृत आज विलुप्ती की कगार पर है, वहीं उत्तराखंड राज्य ने इसे अपनी राजकीय भाषा का दर्जा दिया।

10. आपको यह बात जानते हुए गर्व होगा कि विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह करने वाली पहली भारतीय महिला उत्तराखंड से है. उत्तराखंड के नाकुरी गांव की निवासी बछेंद्री पाल ने 23 मई 1984 को अपनी 17 सदस्यीय टीम के साथ माउंट एवरेस्ट पर भारत का झंडा लहराया था.

11. श्री नंदा देवी राजजात यात्रा एशिया की सबसे लंबी पैदल यात्रा है. यह यात्रा लगभग 12 वर्षों के अंतराल में आयोजित की जाती है. 20 दिवसीय इस यात्रा में लगभग 280 किलोमीटर का सफर 19 पड़ावों से होकर पूरा होता है.