Friday, March 29, 2024
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Monthly Archives: October, 2015

न्‍यूजीलैंड की कंपनी ला रही है हिंदी वेबसाइट, वरिष्‍ठ पत्रकार अर्जुन देशप्रेमी बने प्रबंध संपादक

वरिष्‍ठ पत्रकार अर्जुन देशप्रेमी ने अपनी नई पारी न्‍यूजीलैंड की कंपनी FROCCA लिमिटेड के साथ प्रबंध संपादक के रूप में शुरू की है। यह कंपनी हिंदी में कई विधाओं पर वेबसाइट लॉन्‍च करने की तैयारी में है। फिलहाल कंपनी एक एंटरटेनमेंट साइट शुरू कर रही है। कंपनी ने अपना संपादकीय कार्यालय गाजियाबाद में कौशांबी स्थित एंजेल मेगा मॉल में खोला है।

पत्रकारिता विश्वविद्यालय के सांध्‍यकालीन पाठयक्रमों में प्रवेश 31 अक्टूबर 2015 तक

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्‍वविद्यालय द्वारा संचालित सांध्यकालीन पाठ्यक्रमों में प्रवेश 31 अक्टूबर 2015 त्तक दिए जाएंगे। विश्वविद्यालय के शैक्षणिक सत्र 2015-16 के लिए वैब संचार, वीडियो प्रोडक्‍शन, पर्यावरण संचार, भारतीय संचार परम्पराएँ, योगिक स्वास्थ्य प्रबंधन एवं आध्यात्मिक संचार, फिल्म पत्रकारिता, डिजिटल फोटोग्राफी, संचार कौशल एवं आयोजन प्रबंधन आदि विषयों में सांध्यकालीन पी.जी. डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रक्रिया जारी है।

विदेश मंत्रालय में राजभाषा सम्बन्धी प्रावधानों का निरन्तर उल्लंघन

इस सम्बन्ध में मैं पहले भी कई ईमेल लिख चुकी हूँ, जानकारी में आया है कि अनेक लोग कांसुलर, पारपत्र एवं वीज़ा प्रभाग द्वारा भारत की मूल राजभाषा की घोर और जानबूझकर की जा रही उपेक्षा के बारे में अनेक शिकायतें विदेश मंत्रालय एवं राजभाषा विभाग को लिख चुके हैं परन्तु इस प्रभाग में बैठे अधिकारियों ने जैसे कसम खा रखी है कि हिन्दी में काम नहीं करेंगे तो नहीं करेंगे.

मामी फिल्म समारोह में दीपिका सुनाएगी अपनी कहानी

मुंबई में चल रहे मामी फिल्म समारोह में तीसरे दिन दीपिका पादुकोण से लेकर आलिया भट्ट जैसे सितारों का जमघट बांद्रा स्थित मेहबूब स्टूडियो में मुंबई एकेडमी ऑफ मूविंग इमेज (मामी) में लगेगा। यहां पर न सिर्फ क्लासिक और समानांतकर सिनेमा देखने को मिलेगा बल्कि उन लोगों को सितारों से बात करने का मौका मिलेगा जो सितारे बनाते हैं।

अंग्रेजी नहीं आने पर किसी भी कर्मचारी को दंडित नहीं किया जाएगा

कोई भी अधिकारी-कर्मचारी को अंग्रेजी न आने के आधार पर दंडित नहीं किया जाएगा। हिंदी में काम करने पर यदि किसी को प्रताड़ित करने का मामला सामने आया तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी।

अंग्रेजों का पाप ढो रही है हमारी संसदीय प्रणाली

अंग्रेजों का शासन जब पूरी दुनिया में चल रहा था तो अँग्रेज़ों ने गुलाम देशों का तीन तरह का ग्रुप बनाया था । एक ग्रुप था कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलॅंड का, ये कहलाती थी Self Governing Colonies, मतलब ये देश कुछ-कुछ अपने हित के क़ानून भी बना सकते थे, लेकिन ज्यादा कानून अंग्रेज ही बनाते थे, दूसरा ग्रुप था,

स्वीप कार्यक्रम की जिला स्तरीय परिचर्चा में शिवांगी और लाकेश कुमार ने जीती बाज़ी

भारत निर्वाचन आयोग के लोकप्रिय कार्यक्रम सुव्यवस्थित मतदाता शिक्षा एवं निर्वाचक सहभागिता ( स्वीप ) के तहत शासकीय दिग्विजय स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय में जिला स्तरीय परिचर्चा प्रतियोगिता सफलतापूर्वक संपन्न हुई। निर्वाचक नामावली में पात्र मतदाताओं के नाम सही ढंग से उचित समय पर शामिल करने और नाम पंजीकरण की समस्याओं तथा उनके निदान पर एकाग्र इस परिचर्चा की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ.आर.एन.सिंह ने की।

पानी बिना जि़ंदगानी कहां

ब्रह्मांड में पाए जाने वाले सभी ग्रह मंडलों में पृथ्वी निश्चित रूप से अकेला ऐसा ग्रह है जिसपर प्राणियों का जीवन संभव हो सका है। ज़ाहिर है इसकी एकमात्र वजह यही है कि पृथ्वी पर प्राणियों की सबसे बड़ी ज़रूरत अर्थात् पानी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। एक अनुमान के अनुसार पृथ्वी पर तीन हिस्सा जल है जबकि एक हिस्से में खुश्क धरती अथवा आबादी या हरियाली एवं पर्वत,रेगिस्तान आदि हैं।

अपने जीवनसाथी की सलामती की कामना करें महावास्तु के साथ

आपकी शादीशुदा ज़िंदगी में सुख लाने और परिवार में खुशियां बरसाने के लिए करवा चौथ मनाने का सही तरीका पेश करता है \ त्योहारों का ऐसा मौसम चल रहा है जिसमें हर कोई किसी ना किसी त्यौहार की तैयारी में व्यस्त रहता है। करवा चौथ भी एक ऐसा ही खास मौका है जो पति और पत्नी के बीच एक खास रिश्ते को जन्म देता है, जो कि एक वास्तु-अनुरूप घर के बुनियादी उद्देश्यों में से भी एक है। साल में एक बार आने वाला ये त्यौहार पति और पत्नी को प्यार, परवाह और स्नेह के बंधन में बांधता है।

फिल्मों की करोड़ों की कमाई का महाझूठ

अमेरिकी बाजार में झटका खाने के बाद तनु वेड्स मनु रिटर्न्स और बजरंगी भाईजान जैसी फिल्मों की निर्माता तथा वितरक कंपनी इरोस को भारतीय शेयर बाजार में भी झटके लगे हैं। इसके निवेशकों को नुकसान हुआ है। आखिर क्या है पूरा मामला और क्यों यह हालात बने...?
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