Thursday, April 25, 2024
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Monthly Archives: March, 2017

बलिदानदिवस : “एक ऐसा पत्रकार जिसके लिए पत्रकारिता सदैव एक मिशन रहा

25 मार्च के ही दिन गणेश शंकर विद्यार्थी जैसे महान शख्सियत ने देश की अखण्डता को बनाये रखने के लिए अपना बलिदान दिया था । आज वो हमारे बीच नही हैं पर उनके बताये गए आदर्श व् सिद्धांत जरूर आज भी हमें मजबूती प्रदान करते हैं । गणेश शंकर विद्यार्थी भारतीय पत्रकारिता के पितामह हैं ।

कत्लखानों पर अंकुश अभिनंदनीय

युवा राजनेता योगी आदित्यनाथ ने १९ मार्च २०१७ को उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री की शपथ ली। अगले ही दिन से उन्होंने अपने राज्य में विभिन्न व्यवस्थाओं में सुधार हेतु अनेक अच्छे कदम उठाने शुरू किये। उनके अच्छे कदमों में एक है - यांत्रिक तथा अवैध (गैर-कानूनी) बूचडखानों और मांस की दुकानों को बन्द करवाना। उन्होंने अधिकारियों को प्रदेशभर में बूचडखाने बन्द करने की कार्य-योजना (एक्शन-प्लान) तैयार करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने गौ-तस्करी पर पूर्ण पाबन्दी के निर्देश भी दिये हैं। मौजूदा हिंसामय परिवेश में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री का यह महत्त्वपूर्ण और साहसिक निर्णय है।

श्रद्धापूर्वक याद किये गए गणेश शंकर विद्यार्थी

मानिकपुर/चित्रकूट। भारतीय पत्रकारिता जगत के पुरोधा महान क्रांतिकारी स्वत्रंत्रता संग्राम सेनानी गणेश शंकर विद्यार्थी के बलिदान दिवस के अवसर पर विगत वर्षों की भांति आज सुबह नगर स्थित दैनिक जागरण झाँसी कार्यालय में मानिकपुर विकास मोर्चा के तत्वाधान में गोष्ठी का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि क्षेत्रीय पत्रकार महासंघ के प्रदेश संयोजक रामपाल त्रिपाठी ने गणेश शंकर विद्यार्थी की प्रतिमा पर दीप जला कर पुष्प अर्पित किया ।

संघ ने युवाओं से जुड़ने के लिए शुरु किया वेब चैनल

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने युवाओं तक सीधे अपनी बात पहुंचाने के लिए एक वेब चैनल शुरू किया है। ‘इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र‘ नाम से शुरू हुआ यह वेब चैनल संघ का पहला ऑडियो-विजुवल डिजिटल प्लेटफॉर्म है। आरएसएस ने अपना वेब चैनल इंटेलेक्चुअल स्पेस में जगह बनाने के लिए चल रहे नए प्रयोग के चलते शुरू किया है। यह चैनल वामपंथी विचारधारा से मुकाबले के लिए एक हथियार के तौर पर भी देखा जा रहा है। चैनल पर पहला इंटरव्यू अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के संगठन मंत्री सुनील अंबेकर का है। इसमें एबीवीपी के बारे में जितने भी सवाल उठते हैं उनके जवाब देने की कोशिश की गई है।

ऐसे ’अपनों’ से बचें राहुल गांधी

पिछले के कई बरसों से देश में कोई भी चुनाव हो, राहुल गांधी की जान पर बन आती है. पिछले लोकसभा चुनाव हों, उससे पहले के विधानसभा चुनाव हों या उसके बाद के विधानसभा चुनाव हों,

अब निर्वाचन आयोग में सुधार की बारी

आज़ाद भारत का पहला चुनाव 1952 में हुआ था। किंतु भारत के निर्वाचन आयोग की शक्तियों का एहसास जनता को पहली बार तब हुआ, जब 1990 में टी. एन. शेषन मुख्य चुनाव आयुक्त हुए। इसके बाद से निर्वाचन आयोग ने हर चुनाव में अपने को बेहतर करने की कोशिश की; बावजूद इसके हर चुनाव ने साबित किया कि निर्वाचन आयोग में सुधार की गुजांइश अभी काफी है। बीते चुनाव के बाद उपजी अपेक्षाओं में से एक अपेक्षा यह भी है।

वैदिक मंत्र परीक्षा में दिला सकते हैं बेहतर अंक, शोध में दावा

वैदिक मंत्रों का जाप करने से छात्रों को पढ़ाई से होने वाले तनावों से निपटने और परीक्षा में बेहतर अंक मिलने में मदद मिलती है। बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी (BITS) पिलानी के हैदराबाद कैम्पस की एक रिसर्च में यह दावा किया गया है। इतना ही नहीं, वैदिक मंत्रों के जाप से छात्र मनोवैज्ञानिक और शारीरिक तौर पर बेहतर होते हैं और उन्हें एकाग्रता बढ़ाने में भी मदद मिलती है।

चैत्र नवरात्र पर विशेष: भूले नहीं कि एक मां गंगा भी है

नया संवत्सर आया है। नवीन रातें आई हैं। नवरात्रों में हम मां के अनेक रूपों को पूजते हैं। मां से अनेक आकांक्षाओं की पूर्ति की अपेक्षा रखते हैं। गो, गंगा, गायत्री, तुलसी, पृथ्वी - भारतीय परंपरा ने पालन-पोषण करने वाली ऐसी कई शक्तियों को मां माना है। क्या कभी हम इन माताओं से भी पूछते हैं कि इनकी सेहत कैसी है ? मां और संतान का रिश्ता, हर पल स्नेह और सुरक्षा के साथ जिया जाने वाला रिश्ता है। क्या आज हम इस रिश्ते की पवित्रता का मान रख रहे हैं ? क्या यह हकीकत नहीं कि इस स्नेहिल रिश्ते के बीच का अनौपचारिक बंधन को प्रगाढ करना तो दूर, हम इस रिश्ते के औपचारिक दायित्व की पूर्ति से भी भागते हुए दिखाई दे रहे हैं ? कभी-कभी मुझे खुद लगता है कि मां, हमारी प्राथमिकता सूची में ही नहीं है; न जन्म देने वाली मां और न

डॉ. सुभाष चंद्रा की अभिनव पहलः सांसद के कार्यकाल का पूरा वेतन प्रधान मंत्री राहत कोश को देंगे

समाजसेवी, मीडिया के दिग्वग्ज और राज्यसभा सांसद डॉ. सुभाष चंद्रा ने आज सांसद के रूप में प्राप्त हुई अपनी पूरी सेलरी प्रधान मंत्री राहत कोश में दान कर दी. इसके साथ ही एस्सेल ग्रुप के चेयरमैन डॉ.चंद्रा ने ये घोषणा की है कि वे भविष्य में भी सांसद के तौर पर अपनी सेलरी से सिर्फ 1 रुपया ही लेंगे शेष राशि सीधे प्रधान मंत्री राहतकोश में देंगे।

संघ की 30 साल की तपस्या का परिणाम है मणिपुर की भाजपा सरकार

भाजपा ने मणिपुर विधानसभा चुनावों के नतीजों में 60 में से 21 सीटें जीती थी। बाद में उसने दूसरे दलों को साथ लेकर सरकार बना ली और पहली बार इस राज्‍य में भाजपा का राज हो गया। इन चुनावों में भाजपा ने कई मिथ तोड़े हैं। उसने कई ईसाई बहुल सीटों पर जीत हासिल कर यह भ्रम तोड़ा कि वह केवल हिंदुओं की पार्टी है। जैसे हेंगलेप से टी थांगजलम हाओकिप, थानलोन से वुंगजागिन वाल्‍टे, चूड़ाचंद्रपुर से वी हांगखानलियान, तामेंगलॉन्‍ग से सेम्‍युअल जेंडाई कामेई और कांपोपी से नेमचा किपगेन।
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