Monthly Archives: June, 2018
डॉक्टर के नाम एक मज़दूर का ख़त
हमें मालूम है अपनी बीमारी का कारण
वह एक छोटा-सा शब्द है
जिसे स
अमरीका छोड़ा और अब साल 85 गायों की मदद से 400 घरों में दे रहे शुध्द दूध
आज भी देश के अधिकांश युवाओं का सपना एमबीए कर मल्टी नेशनल कंपनियों में अच्छे पैकेज की नौकरी करना होता है।
वहीं 34 साल के निक्की सुरेका पर्यावरण और प्रकृति प्रेम के चलते अमेरिका से नौकरी छोड़कर इंदौर के पास एक गांव में गाय का 100 फीसदी शुद्ध दूध सप्लाई करने में जुटे हैं।
पख्तूनों ने संयुक्त राष्ट्र संघ से पाक सेना के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की मांग की
दक्षिण वजीरिस्तान में पश्तून कार्यकर्ताओं की रैली पर पाकिस्तानी आर्मी द्वारा फायरिंग के खिलाफ पख्तून तहफ्फुज मूवमेंट (पीटीएम) ग्रुप के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया।
सत्ता प्राप्ति की आपाधापी से उपजी समस्याएं
मुद्दे एवं समस्याएं आम भारतीय नागरिक को भ्रम में डालने वाली है एवं इनको गर्माकर राजनीतिक स्वार्थ की रोटियां सेंकने का सोचा-समझा प्रयास किया जा रहा है।
बैक्टिरया के हमले से सुरक्षित सांबा मसूरी की नई प्रजाति विकसित
हैदराबाद स्थित भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने संशोधित सांबा मसूरी चावल की नई रोग प्रतिरोधी प्रजाति विकसित की है, जो बैक्टिरिया से होने वाली ब्लाइट बीमारी के प्रति अधिक प्रतिरोधी पायी गई है।
वैचारिक आदान – प्रदान का बेजा विरोध !
नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रशिक्षण वर्ग के समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के नाते आने के लिए पूर्व राष्ट्रपति डॉ. प्रणब मुखर्जी ने अपनी स्वीकृति दी है. इससे देश के राजनीतिक गलियारों में हलचल है. डॉ. मुखर्जी एक अनुभवी और परिपक्व राजनेता हैं.
भीख मांगकर और फूल बेचकर पढ़ने वाले बच्चों ने हासिल की शानदार सफलता
कुछ बच्चे तमाम सुख-सुविधाएं होने के बाद भी परीक्षा में अच्छी सफलता हासिल नहीं कर सकते, वहीं मुंबई में फुल बेचकर और भीख मांगकर गुजारा करने वालों के दो बच्चों ने स्ट्रीट लाइट के नीचे पढ़कर कामयाबी हासिल की है।
पाकिस्तान पर भरोसे करने की कीमत कब तक चुकाए?
पाकिस्तान की ओर से एक बार फिर जिस तरह संघर्ष विराम उल्लंघन किया गया और जिसमें सीमा सुरक्षा बल के दो जवानों को शहादत का सामना करना पड़ा उससे यही स्पष्ट हुआ कि इस पड़ोसी देश पर भरोसा करना अपने पांव पर कुल्हाड़ी चलाने के समान है।
डेटा क्रांति के हैं कई सकारात्मक फायदे
डेटा की कीमतों में गिरावट भले ही दूरसंचार उद्योग के लिए अच्छी न हो लेकिन अर्थव्यवस्था को इससे अत्यंत महत्त्वपूर्ण लाभ हुए हैं। प्रतिव्यक्ति आय की तुलना में देखा जाए तो हमारे देश के मोबाइल नेटवर्कों पर डेटा दर में काफी कमी आई है।
कैलाश सत्यार्थी की पुस्तक बच्चों की दुनिया की सच्चाई सामने लाएगी
नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी की किताब 'एवरी चाइल्ड मैटर्स' ने मार्केट में दस्तक दे दी है। दिल्ली के कांस्टिलट्यूशनल क्लब के स्पीकर हॉल में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश रंजन गोगोई ने इसका विमोचन किया।