Thursday, March 28, 2024
spot_img

Monthly Archives: April, 2019

किरण बेदी की नातिन ने किरण बेदी की नींद उड़ाई

इस बारे में डेक्कन क्रॉनिकल अखबार ने किरण बेदी से बात करने की कोशिश की। अखबार के मुताबिक, किरण बेदी ने व्हाट्सएप पर जवाब दिया है कि यह केस अब बंद हो चुका है।

जो कविता है !

यदि आप मेरे इस आलेख को किसी पढ़े-लिखे का समझकर पढ़ रहे हैं और गुर्रमकोंडा नीरजा को नहीं जानते तो मेरी बेशकीमती सलाह है

‘कुछ बातें अस्थि फूल पर’ कार्यक्रम का आयोजन

राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित अस्थि फूल उपन्यास आंदोलन और विस्थापन के बहुपरतीय सवालों से जूझता, झारखंड आंदोलन और वहाँ की औरतों के बाजार में बेचे जाने की दारुण

ललित गर्ग का राजभाषा विभाग के हिंदी विद्वानों में चयन

श्री गर्ग पिछले तीन दशक से राष्ट्रीय स्तर पर लेखन और पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवाएं प्रदत्त करते रहे हैं।

पुरोधा संपादकों की कहानीः श्री हरिवंश की जुबानी

सप्रे संग्रहालय, भोपाल की निदेशक डा. मंगला अनुजा और आवासीय लेखिका डा. पुष्पिता अवस्थी ने भी पुरोधा संपादकों पर अपने विचार रखे। विभिन्न सत्रों का संचालन राजेश लेहकपुरे, धरवेश कठेरिया,

क्या है फालुन दफा साधना…?

फालुन दाफा का अभ्यास दुनियाभर में 114 से अधिक देशों में 10 करोड़ से अधिक लोगों द्वारा किया जा रहा है. लेकिन दुःख की बात यह है कि चीन, जो फालुन गोंग की जन्म भूमि है, वहां इसका दमन किया जा रहा है. इसके स्वास्थ्य लाभ और आध्यात्मिक शिक्षाओं के कारण चीन में फालुन दाफा बहुत लोकप्रिय होने लगा.

हीरो बना चूजे को बचाने पैसे के साथ अस्पताल तक दौड़ लगाने वाला बच्चा

इस मामले ने राष्ट्रीय मीडिया का ध्यान आकर्षित कर लिया। बच्चे की कहानी और तस्वीर वाली पोस्ट पर एक लाख से अधिक प्रतिक्रियाएं आई हैं और उसे 73,000 बार शेयर किया गया है। वहीं, करीब 7,000 लोगों ने पोस्ट पर कमेंट किया है।

केंद्र सरकार की योजनाओं का दस्तावेज है ‘विकास के पथ पर भारत’

लेखक और मीडिया शिक्षक डॉ. सौरभ मालवीय की पुस्तक 'विकास के पथ पर भारत' केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं का दस्तावेज है। यह पुस्तक सामान्य जन से लेकर उन सबके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी जो देश में चल रहीं लोक कल्याणकारी योजनाओं को समझना चाहते हैं। यह उन अध्येताओं,

अरुंधति रॉय ‘एक था डॉक्टर एक था संत’ का लोकार्पण

इस पुस्तक में भारत में जातिगत पक्षपात, पूंजीवाद, पक्षपात के प्रति आंख मूंद लेने की आदत, आम्बेडकर की बात को गांधीवादी बुद्धिजीवियों द्वारा खंडन और संघ परिवार का हिंदू राष्ट्र तक लिखा है।

गुजरात में है चौकीदार का मंदिर

भरूच लोकसभा सीट में आने वाले देदियापाड़ा तालुक स्थित देव मोगरा गांव के निवासियों का मानना है कि देवदरवनिया चौकीदार सालों से उनके गांव की रक्षा कर रहे हैं।
- Advertisment -
Google search engine

Most Read