Monthly Archives: February, 2020
भारत की ज्यादा दूध देने वाली देसी गाय की नस्लों के बारे में जानते हैं ?
कांकरेज नस्ल के बारे में वो कहते हैं, "ये मूल रूप से गुजरात की नस्ल है, इसकी सींग से ही हम इन्हें पहचान सकते हैं, विशालकाय सींग होती है। इसका शरीर भी विशालाकाय होता है, ये देश की
वीर सावरकर लाखों भारतीयों के लिए प्रेरणा बने
अखिल भारतीय स्वातंत्रवीर साहित्य सम्मलेन के दो दिवसीय आयोजन में इस बात पर सभी सहमत थे कि वीर सावरकर को न केवल भारत रत्न दिया जाना चाहिए बल्कि वे
डॉ. कुमार विश्वास से डॉ. चन्द्रकुमार जैन सहित्यिक चर्चा
दिग्विजय कॉलेज के प्राध्यापक डॉ. चन्द्रकुमार जैन ने प्रख्यात कवि- गीतकार डॉ. कुमार विश्वास से हुई भेंट में विशेष साहित्यिक विमर्श किया ।
अत्याधुनिक पर्यटन स्थल का आकार ले रहा है हसदेव बांगो जलाशय का सतरेंगा
सतरेंगा में अथाह जल के बीच स्थित द्वीपों के मनोहारी दृश्य को ध्यान में रखते हुए पर्यटकों के लिये सुसज्जित सेल्फी प्वाइंट विकसित करने का काम तेजी से जारी है।
दिल्ली में दंगाइयों का नंगा नाच
मौजपुर, बाबरपुर, यमुनाविहार, करावल नगर, मूंगानगर आदि क्षेत्र मुस्लिम इलाकों से सटे हुए क्षेत्र हैं। यहां पर रहने वाले हिंदू परिवार डरे हुए हैं।
मसाले की खेती से अंकालू के जीवन का बदला जायका
श्री अंकालू ने बताया कि कृषि विभाग की आत्मा योजना से स्प्रेयर के अलावा धान, मक्का, अरहर, धनिया बीज एवं जैविक खाद भी उन्हें निःशुल्क प्राप्त हुआ है।
भावों की सशक्त अभिव्यक्ति, भाषा का सरल प्रवाह – डॉ. सीमा शर्मा
'खिड़कियों से झाँकती आँखें' सुधा ओम ढींगरा का सातवाँ कहानी संग्रह है। इन सभी कहानी संग्रहों को पढ़ने के बाद स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि आपकी कहानियाँ भारत और अमेरिका के बीच एक ऐसे पुल का निर्माण करती हैं, जिस पर चलकर आप इन दोनों देशों के सामाजिक और सांस्कृतिक ताने-बाने बहुत बारीकी से समझ सकते हैं।
आखिर अजान में कहा क्या जाता है?
सर्वप्रथम मुअज्जिन ४ बार '"अल्लाह हू अकबर" यानी अल्लाह सबसे बड़ा है कहता है।
कारवां-ए-उर्दू के अध्यक्ष अजीम अब्बास ने डॉ. चन्द्रकुमार जैन को दुबारा आहूत किया
अत्यंत आत्मीय और सम्मान भाव के साथ भेजे गए पैगाम में अजीम अब्बास ने कहा है कि डॉ. जैन ने अपनी रचनाओं के साथ-साथ दिल को छूने वाली आवाज़ तथा प्रभावी प्रस्तुति शैली से दोहा में हजारों श्रोताओं के दिलों को जीत लिया ।
इस्लाम के बारे में महापुरुषों के विचार।
मुसलमान सैय्यद , शेख , मुगल पठान आदि सभी बहुत निर्दयी हो गए हैं । जो लोग मुसलमान नहीं बनते थें उनके शरीर में कीलें ठोककर एवं कुत्तों से नुचवाकर मरवा दिया जाता था ।