Friday, April 19, 2024
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Monthly Archives: September, 2020

यह कहानी बहुत कुछ कहती है…

संस्कृति का अपमान करते हैं बल्कि इसे मिटाने पर भी तुले हुए हैं। जो अपनी हिन्दू सभ्यता संस्कृति पर आघात करते हैं। और उसे देख कर खुश होते हैं।

पश्चिम रेलवे पर आपदा प्रबंधन प्लान-2020 का ई प्रारूप लागू

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार इस दस्तावेज़ में आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005, महत्वपूर्ण प्रबंधन योजना और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) द्वारा जारी

‘साधना कट’ देश भर के लड़के- लड़कियों की पसंद बन गया था

दिलकश गीतों की बात करें तो हमें ओ सजना बरखा बहार आई (परख) में वर्षा के सौंदर्य की ऊंचाइयां साधना के अभिनय की ऊंचाइयों से मिलकर अलग दुनिया में ले जाती हैं ।

भारत के आर्थिक मामलों में अग्रणी रहे प्रणव मुखर्जी

जब प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रपति बनने के पश्चात कई दया याचिकाओं प्राप्त की जिनमे से उन्होंने 7 याचिकाओं को पूरी तरह से रद्द कर दिया। इसमें मुंबई हमले का आतंकवादी कसाब की दया याचिका भी शामिल थी।

अमर बलिदानी चौधरी ताराचंद जी

इस प्रकार यह धर्मवीर धर्मयुद्ध से लौटते हुए न तो अपने गाँव ही आ पाया, न ही अपनी धर्मपत्नी को पुन: मिल सका, जबकि अपने परिजन को खोने की, उसके वियोग को सहने की शक्ति उसके प्रेमियों ने किसी प्रकार अपने में प्राप्त की|

क्या बदलाव लेकर आई है नई शिक्षा नीति

नई शिक्षा नीति में स्कूल शिक्षा, कॉलेज शिक्षा, प्रोढ़ शिक्षा आदि अनेक पहलू है। किंतु प्रस्तुत आलेख में मैंने कार्यान्वयन पक्ष की दृष्टि से स्कूल शिक्षा को ही ध्यान में रखकर अपने सीमित विचार रखे हैं ।

हर जगह अमिट छाप छोड़ने वाले थे प्रणब मुखर्जी

मनोज अलीगढ़ी की कवरेज को अंग्रेजी के कई नामचीन अखबारों ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जबकि दूसरा अवसर 17 अक्टूबर 2017 को मिला, जब भारतीय सामाजिक विज्ञान कांग्रेस के उद्घाटन समारोह में आए प्रणब

अग्निहोत्र की सप्तम क्रिया

अधिक लम्बी दो समिधाएँ सब से नीचे दायें बायें कर लगाईं जावें| फिर दो समिधाएँ इस के उलट दिशा में दोनों ऑर रखी जावे और फिर उनके ऊपर| इस प्रकार चोकड सा बनाते हुए चार या आठ समिधायें जोड़ी जावें|

राममय जीवन और रामकथा के बिरले चितेरे थे फादर डॉ. कामिल बुल्के – डॉ. चन्द्रकुमार जैन

डॉ. चंद्रकुमार जैन ने आगे बताया कि हिंदी भाषा-साहित्य पर काम करते-करते हिंदी भाषा की शब्द-संपदा से डा. कामिल बुल्के कुछ इस तरह प्रभावित हुए कि उन्होंने एक शब्दकोश ही बना डाला। इस शब्दकोश का इतना स्वागत हुआ

टीवी चैनलः मूर्खों और फूहड़ दिमागों का कबाड़खाना

न चैनलों को कोरोना से त्रस्त करोड़ों भूखे और बेरोजगार लोगों, पाताल को सिधारती अर्थ-व्यवस्था, कश्मीर और नगालैंड की समस्या और भारत-चीन तनाव की कोई परवाह दिखाई नहीं पड़ती। यों भी पिछले कुछ वर्षों से
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