Monthly Archives: August, 2021
ओमान में हिंदी शिक्षण : आपकी सहायता चाहिए
ओमान में हिन्दी भाषियों को हिन्दी पढ़ाने ही नहीं दिया जा रहा है और हिन्दी विकास के लिए बने मंत्रालय - संस्थाएं पिछले सत्तर सालों से लाखों रुपये डकार कर केवल कविता गायन और तालियाँ
पहेलीनुमा परत जहां सूर्य का आंतरिक रोटेशन प्रोफाइल बदलता है, की सैद्धांतिक व्याख्या
उन्होंने नोट किया कि अगर सौर सतह के निकट यह स्थिति सही है तो यह एनएसएसएल के अस्तित्व की व्याख्या कर सकती है जिसका अनुमान हेलियोसिज्मोलॉजी आधारित ऑब्जर्वेशन में लगाया जाता है।
150 करोड़ की लागत से निखरेगा कोटा-डकनिया स्टेशन का स्वरूप
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को कोटा में मेमो ट्रेन की संख्या बढ़ाने को भी कहा है। उन्होंने मंत्री को बताया कि अभी कोटा को दो रैक उपलब्ध करवाए गए हैं जिनके
बीस वर्ष में डॉ. देवीसहाय पांडेय ने 44 हजार पृष्ठों में लिख दिया चारों वेदों का महाभाष्य
सिध्दार्थ . - 0
अयोध्या के लवकुश नगर निवासी डॉ. देवीसहाय पांडेय 'दीप' के बेटे मनीष पांडेय ने बताया कि वेद भाष्यकार उनके पिता हर दिन आठ से दस घंटे कार्य करते हैं।
टोक्यो ओलंपिक में महिला हॉकी की कप्तान रानी रामपाल ने दी अपनी गुरु दक्षिणा
रानी ने अपने पिता को भरोसा दिलाया था कि उसे एक मौका दिया जाए। पिता रामपाल ने पूछा, सामान पर कितना खर्च आएगा। रानी ने बताया तो रामपाल ने साफ कह दिया कि ये हमारी हैसियत से बाहर है।
प्रेमचंद का साहित्य सर्वकालिक और सर्व युगीन प्रासंगिक
कार्यक्रम के सूत्रधार डॉ दीपक कुमार श्रीवास्तव ने अतिथि परिचय करवाते हुये कहा कि- मुंशी प्रेमचंद की कहानी दिल से निकली और दिल को छूने वाली है,
उत्तर प्रदेश में जो बदला है वो कैसे कायम रहे?
किन्तु 2017 में जैसे ही हम संगठित हिन्दू बने उत्तर प्रदेश के सभी अपराधी जेल में हैं। श्री राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। लव जिहाद के खिलाफ कानून है।
देवेंद्र दीपक के साहित्य में जीवन दर्शन की भरमार : प्रो. अरुण कुमार भगत
प्रो. भगत ने कहा कि आपातकाल के दौरान शासकीय सेवा की दहशत की सींखचों में घिरे होने के बावजूद कलम की धार कम नहीं होने दी। उन्होंने अपनी रचना के आईने में लोकतंत्र के दमन को
कम्युनिकेशन सेक्टर में है ‘टी शेप्ड’ लोगों की जरुरत : प्रो. संजय द्विवेदी
इस अवसर पर प्रो. द्विवेदी ने मीडिया संगठनों की कार्य प्रणाली से विद्यार्थियों को अवगत कराया तथा इस क्षेत्र में करियर की संभावनाओं को लेकर अपने विचार साझा किये। उन्होंने कहा कि
संविधान के मूल तत्वों को बचाने का संकल्प है धनंजय कुमार का शाहकार नाटक ‘सम्राट अशोक’
आज इस प्रलयकाल में थिएटर ऑफ़ रेलेवंस ‘सांस्कृतिक सृजनकार’ गढ़ने का बीड़ा उठा रहा है! सत्य-असत्य के भान से परे निरंतर झूठ परोसकर देश की सत्ता और समाज के मानस पर कब्ज़ा