Thursday, April 18, 2024
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Monthly Archives: February, 2022

व्यवसाईयों एवं एमएसएमई क्षेत्र के लिए वरदान बनी केंद्र सरकार की आपात ऋण गारंटी योजना

समीक्षा करने पर यह पाया है कि आत्म निर्भर भारत पैकेज के अंतर्गत लाई गई आपात ऋण गारंटी योजना ने लाखों सूक्ष्म, छोटे एवं मझोले उद्यमों तथा छोटे छोटे व्यापारियों को डूबने से बचा लिया है। भारतीय स्टेट बैंक द्वारा जारी उक्त प्रतिवेदन में यह बताया गया है

2022 का रक्षा बजट: भारत की सुरक्षा निर्धारित करते हुए आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाना

रक्षा अनुसंधान और विकास को मज़बूत करना भारत के लिए महत्वपूर्ण है. सरकार ने स्टार्ट-अप सहित निजी क्षेत्र को अनुसंधान एवं विकास में शामिल होने के लिए लगातार प्रोत्साहित किया है.

संत चंद्रानन ने किया दर्शन सागर ग्रंथ का लोकार्पण

विमोचन समारोह में गोड़ीजी मन्दिर के ट्रस्टी निरंजनभाई चौकसी, समाजसेवी इन्द्रभाई राणावत, श्री नाकोड़ा भैरव दर्शनधाम के अध्यक्ष कांतिलाल शाह तथा उद्योगपति केवलचन्द चौहान व ग्रंथ की संकल्पना करनेवाले मनोज शोभावत,

विश्राम की कला ही परमात्मा तक ले जा सकती है

ऐसी हड़बड़ी में कैसे तुम स्वयं को पा सकोगे? क्योंकि स्वयं को पाने के लिए एक स्थिति चाहिए जैसे कहीं नहीं जाना, कुछ नहीं करना, सिर्फ आंख बंद करके बैठे रहना है, अपने में डूबना है।

मनुष्य मांसाहारी या शाकाहारी?

यहाँ हम 1, 2, 5 और 6 के आधार पर निर्णय करेंगे कि मनुष्य का भोजन मांसाहार है या शाकाहार है? सभी शरीर ईश्वर या प्रकृति ने बनाये, ईश्वर या प्रकृति की जानकारी मनुष्य से अधिक है

गोवा चुनाव में माइनिंग मुद्दे की मुसीबत!

गोवा में इसी 35 हजार करोड़ के आंकड़े के सहारे गोवा में माइनिंग का विरोध कर रहे एनजीओ गोवा फाऊंडेशन ने दावा किया था कि अगर ये पैसे वसूल लिये गये तो हर गोवा वासी के खाते में तीन लाख रुपये मिलेंगे। लेकिन नंबर घटता गया

केंद्रीय बजट 2022-23 की मुख्य बातें

निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कुछ वस्‍तुओं जैसे कि फास्‍टनर्स, बटन, जि‍पर, लाइनिंग मैटेरियल, विशेष चमड़ा, फर्नीचर फिटिंग्स एवं पैकेजिंग बॉक्‍स पर छूट दी जा रही हैं।

सोशल मीडिया पर प्रभु श्री राम को लेकर मिथ्या प्रचार की असलियत

इन प्रमाणों के आधार पर यह सिद्ध होता है कि रामायण में वर्णित मृग सिंह था न कि हिरण था। प्राण रक्षा के लिए हिंसक सिंह का शिकार करना हिंसा नहीं है।

इस बार दलित दलित का पहाड़ा भूल गए वामपंथी

सारी क्रांति , सारा बदलाव सोशल मीडिया पर ही यह कर लेते हैं। पूंजीवादी व्यवस्था वह इन पूंजीवादी प्रतिष्ठानों के कंधे पर बैठ कर ख़त्म करने की ठान बैठे हैं। क्यों कि ज़मीनी स्तर पर इन की वैचारिकी

पूंजी निवेश को बढ़ाकर रोजगार निर्मित करने वाला बजट

सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह भी उभरकर सामने आया है कि उक्त पूंजीगत खर्चों में 35.4 प्रतिशत की वृद्धि के बावजूद वित्तीय संतुलन बनाए रखने का भरपूर प्रयास किया गया है।
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